मेरे मन की आवाज ..... ( मेरी तन्हाई)
Thursday, 4 May 2017
ख़ामोश फ़ज़ा थी कहीं साया भी नहीं था,
Love sad hindi shayari images 2016
ख़ामोश फ़ज़ा थी कहीं साया भी नहीं था,
इस शहर में हमसा कोई तनहा भी नहीं था,
किस जुर्म पे छीनी गयी मुझसे मेरी हँसी,
मैंने किसी का दिल तो दुखाया भी नहीं था ...
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
इस शहर में हमसा कोई तनहा भी नहीं था,
किस जुर्म पे छीनी गयी मुझसे मेरी हँसी,
मैंने किसी का दिल तो दुखाया भी नहीं था ...