Wednesday, 10 May 2017

Dard Bhari Shayari with emaz143

Dard Bhari Shayari 143






🔄आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा🔁
🔄कश्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा🔁
🔃पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला🔁
🔂मैं मोम हूँ उसने मुझे छू कर नहीं देखा🔁


दर्द से हाथ न मिलाते तो और क्या करते,
गम में आंसू न बहते तो और क्या करते,
उसने मांगी थी हमसे रौशनी की दुआ,
हम अपना दिल न जलाते तो और क्या करते..



सदीयो से जागी आँखो को एक बार सुलाने आ जाओ,
माना की तुमको प्यार नहीं नफरत ही जताने आ जाऔ,
जिस मोङ पे हमको छोङ गये हम बैठे अब तक सोच रहे,
क्या भुल हुई क्यो जुदा हुए बस यह समझाने आ जाओ..




कोई मिलता ही नहीं हमसे हमारा बनकर,
वो मिले भी तो एक किनारा बनकर,
हर ख्वाब टूट के बिखरा काँच की तरह,
बस एक इंतज़ार है साथ सहारा बनकर..





उसकी यादों को किसी कोने में छुपा नहीं सकता,
उसके चेहरे की मुस्कान कभी भुला नहीं सकता,
मेरा बस चलता तो उसकी हर याद को भूल जाता,
लेकिन इस टूटे दिल को मैं समझा नहीं सकता..




⧫तू जो नहीं तो बिन तेरे शामें उदास हैं⧬
⧫ढूंढें तुझे कहाँ कहाँ आँखें उदास हैं⧬
⧬इक चाँद ही नहीं है जो पूछे तेरा पता⧬
⧬देखा नहीं है जो तुझे मेरी राहें उदास हैं⧬


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⧭काश यह जालिम जुदाई न होती,
⧭ऐ खुदा तूने यह चीज़ बनायीं न होती,
⧬न हम उनसे मिलते न प्यार होता,
⧬ज़िन्दगी जो अपनी थी वो परायी न होती..


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🔺काश कोई करता प्यार हमसे इतना,
कि मरने के बाद भी ख्वाबों मे आया करते,
जब गिरते आंखों से हमारे आंसू,
तो वो भी साथ मे रोया करते..


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ग़म नहीं ये कि क़सम अपनी भुलाई तुमने,
ग़म तो ये है कि रकीबों से निभाई तुमने,
कोई रंजिश थी अगर तुमको तो मुझसे कहते,
बात आपस की थी क्यूँ सब को बताई तुमने..


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⧪बहुत चाहा उसको जिसे हम पा न सके,
⧪ख्यालों में किसी और को ला न सके,
⧪उसको देख के आंसू तो पोंछ लिए,
⧪लेकिन किसी और को देख के मुस्कुरा न सके..



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इस अजनबी दुनिया में अकेली ख्वाब हूँ मैं,
सवालो से खफा छोटी सी जवाब हूँ मैं,
आँख से देखोगे तो खुश पाओगे,
दिल से पूछोगे तो दर्द की सैलाब हूँ मैं..




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आसुओ को पलकों में लाया न कीजिये,
दिल की बात हर किसी को बताया न कीजिये,
मुट्ठी में नमक लेकर गुमते है लोग,
अपने ज़ख़्म हर किसी को दिखाया न कीजिये..

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बेगानों से गुजर जाते है कोई बात नहीं होती,
हम उनसे रोज मिलते हैं मगर मुलाक़ात नहीं होती,
सूखे बंजर खेत जैसी जिंदगी बेहाल है,
घटाएं घिर तो आती है मगर बरसात नहीं होती..


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⧪जिनकी याद में हम दीवाने हो गए,
⧪वो हम ही से बेगाने हो गए,
⧪शायद उन्हें तालाश है अब नये प्यार की,
⧪क्यूंकि उनकी नज़र में हम पुराने हो गए..


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⧪तेरा ख़याल तेरी आरजू न गयी⧪
⧪मेरे दिल से तेरी जुस्तजू न गयी⧪
⧪इश्क में सब कुछ लुटा दिया हँसकर मैंने⧪
⧪मगर तेरे प्यार की आरजू न गयी⧪



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मौत तो मोहब्बत है एक दिन गले जरूर लगायेगी,
दिल धड़कता है तो बस इस बात पे क्या उस दिन,
तेरी सूरत नज़रो के सामने कयामत बन के आयेगी,
छोड देंगे ये जहाॅ पर रूह तेरी गलीयो मे रह जायेगी..


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लिखो तो पैगाम कुछ ऐसा लिखो की,
कलम भी रोने को मजबूर हो जाये,
हर लफ्ज में वो दर्द भर दो की,
पढने वाला प्यार करने पर मजबूर हो जाये..


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हम अपना दर्द किसी को कहते नही,
वो सोचते हैं की हम तन्हाई सहते नही,
आँखों से आँसू निकले भी तो कैसे,
क्योकि सूखे हुवे दरिया कभी बहते नही..


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⧭ऐसे गये दिल की ज़मी बंजर कर के⧭
⧭आज तक कोई फूल ना खिल सका⧭
⧭बस्ती बस्ती लोग मिले हमराह मगर⧭
⧭फिर कभी तेरा पता ना मिल सका⧭


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जाने क्या मुझसे ज़माना चाहता है,
मेरा दिल तोड़कर मुझे ही हसाना चाहता है,
जाने क्या बात झलकती है मेरे इस चेहरे से,
हर शख्स मुझे आज़माना चाहता है..



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पलकों में आँसू और दिल में दर्द सोया है,
हँसने वालो को क्या पता रोने वाला किस कदर रोया है,
ये तो बस वोही जान सकता है, मेरी तन्हाई का आलम,
जिसने ज़िंदगी में, किसी को पाने से पहले खोया हो..


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ये तुम किस बात से बिगड़ गये हो इतना,
कोई झूठा सा इल्ज़ाम इस दिल पर लगा जाते,
तुम्हे था रूठना हमसे, तो रूठने से ज़रा पहेले,
कुछ हमसे सुना होता, कुछ अपनी सुना जाते..


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पलकों में आँसू और दिल में दर्द सोया है,
हँसने वालो को क्या पता रोने वाला किस कदर रोया है,
ये तो बस वोही जान सकता है, मेरी तन्हाई का आलम,
जिसने ज़िंदगी में, किसी को पाने से पहले खोया हो..

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टूटा हो दिल तो दुःख होता है,
करके मोहह्बत ये दिल रोता है,
दर्द का एहसास तो तब होता है,
जब किसी से मोहह्बत हो और उसके दिल में कोई और होता है..


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इस अजनबी दुनिया में अकेली ख्वाब हूँ मैं,
सवालो से खफा छोटी सी जवाब हूँ मैं,
आँख से देखोगे तो खुश पाओगे,
दिल से पूछोगे तो दर्द की सैलाब हूँ मैं..



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कभी आसूं तो कभी खुशी देखी,
हमने अक्सर मजबूरी और बेकसी देखी,
उनकी नाराजगी को हम क्या समझे,
हमने खुद कि तकदीर की बेबसी देखी..


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आँखो को इंतजार की सोगात सोप कर,
मोहब्बत खुद आराम से कही सो जाती है,
ज़िस्म करवट बदलता है रात भर अकेला ,
रूह तेरी गलीयो की बंजारन हो जाती है..


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उसे बेवफा कहकर..
हम अपनी ही नजरो में गिर जाते..
क्यूंकि वो प्यार भी अपना था..
और पसंद भी अपनी..


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आप तो चाँद हे जिसे सब याद करते हे,
हमारी किस्मत तो तारों जेसी हे,
याद तो दूर,
लोग अपनी ख्वाहिश के लिए हमारी टूटने की फरियाद करते हे..


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अब ये न पूछना की..
ये अल्फ़ाज़ कहाँ से लाती हूँ,
कुछ चुराती हूँ दर्द दूसरों के,
कुछ अपने सुनाती हूँ|



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जब तुम पर बीतेगी
तो तुम भी जान जाओगी
की कोई जब अपना नजर अंदाज
करता है तो कितना दर्द होता हैं…


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कांटो सी चुभती है तन्हाई,
अंगारों सी सुलगती है तन्हाई,
कोई आ कर हम दोनों को ज़रा हँसा दे,
मैं रोता हूँ तो रोने लगती है ‪‎तन्हाई‬..


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दिल के समंदर की सतह पे आके सुन,
खामोशीया किस कदर सौर मचाती है,
दर्द को बहुत मनाया ऑखो से ना छलके,
दुनिया बेकार मे झुटी बाते बनाती है।


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मेरी चाहत की तू आजमाइश ना कर ।
ये इश्क है इबादत तू नुमाइश ना कर।।
रहने दे ये भ्रम के तू साथ है हमेशा।
भूल जाऊँ मैं तुझे, तू फरमाइश ना कर।।


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मैं आईना हूँ टूटना मेरी फितरत है,
इसलिए पत्थरों से मुझे कोई गिला नहीं,
मेरी किस्मत में तो कुछ यूँ लिखा है,
किसी ने वक्त गुज़ारने के लिए अपना बनाया,
तो किसी ने अपना बनाकर वक्त गुजार लिया



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प्यासी ये निगाहें तरसती रहती हैं;
तेरी याद में अक्सर बरसती रहती हैं;
हम तेरे ख्यालों में डूबे रहते हैं;
और ये ज़ालिम दुनिया हम पे हँसती रहती है।


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मोहबत को जो निभाते हैं उनको मेरा सलाम है,
और जो बीच रास्ते में छोड़ जाते हैं उनको ये पैगाम हैं,
वादा-ए-वफ़ा करो तो फिर खुद को फ़ना करो,
वरना खुदा के लिए किसी की ज़िंदगी ना तबाह करो..


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जब जब तुमसे मिलने की उम्मीद नजर आई,
मेरे पाँव मे जजीर नजर आई,
गिर पडे आँसू आँख से,
और हर एक आँसू मे आपकी तस्वीर नजर आई।.


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मुझको ऐसा ‪दर्द‬ मिला जिसकी ‪दवा‬ नहीं,
फिर भी खुश हूँ मुझे उस से कोई गिला नहीं,
और कितने आंसू बहाऊँ उस के लिए,
जिसको ‪खुदा‬ ने मेरे ‪‎नसीब‬ में लिखा ही नहीं।


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कांटो सी चुभती है तन्हाई,
अंगारों सी सुलगती है तन्हाई,
कोई आ कर हम दोनों को ज़रा हँसा दे,
मैं रोता हूँ तो रोने लगती है ‪‎तन्हाई‬..



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शख्सियत‬ हमारी भी अजीब हैं यारों,
ना वो थकते हैं ना हम बाज़ आते हैं,
यूँहीं एक-दूसरे को आजमाते हैं,
वो रोज़ चोट पे ‪चोट‬ करते हैं,
हम भी रोज़ टूटते बिखरते हुए, संभल जाते हैं।

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तेरी दोस्ती की आदत सी पड़ गयी है मुझे,
कुछ देर तेरे साथ चलना बाकी है।
शमसान मैं जलता छोड़ कर मत जाना,
वरना रूह कहेगी कि रुक जा,
अभी तेरे यार का दिल जलना बाकी है।

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उलझी शाम को पाने की ज़िद न करो;
जो ना हो अपना उसे अपनाने की ज़िद न करो;
इस समंदर में तूफ़ान बहुत आते है;
इसके साहिल पर घर बनाने की ज़िद न करो।


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दुनिया में किसी से कभी प्यार मत करना,
अपने अनमोल आँसू इस तरह बेकार मत करना,
कांटे तो फिर भी दामन थाम लेते हैं,
फूलों पर कभी इस तरह तुम ऐतबार मत करना..


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तुम शब्दों की जादूगर हो,
मै ख़ामोशी का सौदागर हू,
तुम ने जब चाहा, जो चाहा, कह दिया,
मै हर बार, हर बात हंस कर सह गया।



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ना जाने कौन सी बात आखरी होगी,
ना जाने कौन सी रात आखरी होगी,
करनी हैं तो कर लो जी भरकर बाते,
ना जाने हमारी कौन सी सास आखरी होगी ।


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वादे पे वो ऐतबार नहीं करते,
हम जिक्र मौहब्बत सरे बाजार नहीं करते,
डरता है दिल उनकी रुसवाई से,
और वो सोचते हैं हम उनसे प्यार नहीं करते।।


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एक अजीब दास्तान है मेरे अफसाने की,
मैने पल पल कोशिश उसके की पास जाने की,
किस्मत थी मेरी या साजिश थी ज़माने की,
दूर हुई मुझसे इतना जितनी उमीद थी करीब आने की..


पास आकर सभी दूर चले जाते हैं;
अकेले थे हम, अकेले ही रह जाते हैं;
इस दिल का दर्द दिखाएँ किसे;
मल्हम लगाने वाले ही जखम दे जाते हैं!



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और कोई गम नहीं एक तेरी जुदाई के सिवा,
मेरे हिस्से में क्या आया तन्हाई के सिवा,
यूँ तो मिलन की रातें मिली बेशुमार,
प्यार में सब कुछ मिला शहनाई के सिवा..



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जीना चाहा तो जिंदगी से दूर थे हम
मरना चाहा तो जीने को मजबूर थे हम
सर झुका कर कबूल कर ली हर सजा
बस कसूर इतना था कि बेकसूर थे हम।


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उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है!
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है!
दिल टूटकर बिखरता है इस कदर!
जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है!


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कभी कभी मेरी आँखे यूँ ही रो पडती है,
मै इनको कैसे समझाऊँ,
कि कोई शक्स सिर्फ चाहने से ही अपना नही हो जाता,
किस्मत की लकीरें भी चाहिए..


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कब उनकी आँखों से इज़हार होगा
दिल के किसी कोने में हमारे लिए प्यार होगा
गुज़र रही हे रात उनकी याद में
कभी तो उनको भी हमारा इंतज़ार होगा..


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जिन्दगी तो है पर कुछ खास नहीं,
होठो पे उनका नाम तो है पर उन्हें एहसास नहीं,
दिल में उनके लिए प्यार तो है पर उन्हें आभास नहीं,
अपना बनाना चाहते हैं पर अब उन्हें अपना बनाने की उम्मीद भी हमारे पास नहीं



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देख मेरी आँखों में ख्वाब किसके हैं
दिल में मेरे सुलगते तूफ़ान किसके हैं
नहीं गुज़रा कोई आज तक इस रास्ते से
फिर ये क़दमों के निशान किसके हैं


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दिल में छुपाया राज हर खोला नहीं जाता
गर घाव दे कोई लफ्ज वो बोला नहीं जाता
कुछ तो यकीन किजिए इन चाहतों पे भी
अविश्वास पे हर रिश्ता कभी तोला नहीं जाता।


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उल्फत का यह दस्तूर होता है,
जिसे चाहो वही हमसे दूर होता है,
दिल टूट कर बिखरता है इस क़द्र जैसे,
कांच का खिलौना गिरके चूर-चूर होता है!


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अक्सर भूल भी जाता हूँ मैं तुझे,
शाम की चाय में.. चीनी की तरह..
फिर जिंदगी का फिकापन..
तेरी कमी का अहसास दिला देता है…


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आंसुओं की बूँदें हैं या आँखों की नमी है
न ऊपर आसमां है न नीचे ज़मी है
यह कैसा मोड़ है ज़िन्दगी का
उसी की ज़रूरत है और उसी की कमी है



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तक़दीर के आईने में मेरी तस्वीर खो गई;
आज हमेशा के लिए मेरी रूह सो गई;
मोहब्बत करके क्या पाया मैंने;
वो कल मेरी थी आज किसी और की हो गई!


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ना मिलता गम तो बर्बादी के अफसाने कहाँ जाते,
दुनिया अगर होती चमन तो वीराने कहाँ जाते,
चलो अच्छा हुआ अपनों मैं कोई ग़ैर तो निकला,
सभी अगर अपने होते तो बेगाने कहाँ जाते..


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लोग अपना बना के छोड़ देते हैं,
अपनों से रिशता तोड़ कर गैरों से जोड़ लेते हैं,
हम तो एक फूल ना तोड़ सके,
नाजाने लोग दिल कैसे तोड़ देते हैं


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प्यार करके कोई जताए ये जरूरी तो नही,
याद करके कोई बताये ये जरूरी तो नही,
रोने वाला तो दिल में ही रो लेता है,
आँख में आंसू आये ये जरूरी तो नही..


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~~कभी रो के मुस्कुराए, कभी मुस्कुरा के रोए~~
~~जब भी तेरी याद आई तुझे भुला के रोए~~
~~एक तेरा ही तो नाम था जिसे हज़ार बार लिखा~~
~~जितना लिख के खुश हुए उस से ज़यादा मिटा के रोए~~



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उन लोगों का क्या हुआ होगा.
जिनको मेरी तरह गम ने मारा होगा.
किनारे पर खड़े लोग क्या जाने.
डूबने वाले ने किस किस को पुकारा होगा.


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रात को जब चाँद सितारे चमकते हैं,
हम हरदम फिर तेरी याद में तड़पते हैं,
आप तो चले गए हो छोड़कर हम को,
मगर हम मिलने को तरसते है।


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~~अब ये न पूछना की . .
~~ये अल्फ़ाज़ कहाँ से लाता हूँ ,
~~कुछ चुराता हूँ दर्द दूसरों के ,
~~कुछ अपना हाल सुनाता हूँ~~~


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हाथ पकड़ कर रोक लेते अगर,
तुझपर ज़रा भी ज़ोर होता मेरा,
ना रोते हम यूँ तेरे लिये..
अगर हमारी ज़िन्दगी में तेरे सिवा कोई ओर होता..


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तू मेरा सपना, मेरा अरमान है पर..
शायद तू अपनी अहमियत से अंजान है,
मुझसे कभी भी रूठ मत जाना आप,
क्यूंकि मेरी दुनिया आप के बिना वेरान है..



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बिछड़ के तुम से ज़िंदगी सज़ा लगती है,
यह साँस भी जैसे मुझ से ख़फ़ा लगती है ।
तड़प उठता हूँ दर्द के मारे,
ज़ख्मों को जब तेरे शहर की हवा लगती है ।
अगर उम्मीद-ए-वफ़ा करूँ तो किस से करूँ,
मुझ को तो मेरी ज़िंदगी भी बेवफ़ा लगती है।


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यूँ तो इस दर्द की इन्तहा कुछ नहीँ,
गिला ये है कि जाते हुए कहा कुछ नहीँ,
ताकते रहे बस जाने से पहले वो,
लब कुछ तो कह रहे थे,
क्यों सुना कुछ नहीँ


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खरीद सकते उन्हें तो
अपनी जिंदगी देकर भी खरीद लेते ,
पर कुछ लोग “कीमत” से नही
“किस्मत” से मिला करते हैं ।


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झूठ बोलते है वो जो कहते हैं,
हम सब मिट्टी से बने हैं
मैं कईं अपनों से वाक़िफ़ हूँ
जो पत्थर के बने हैं


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हम भी फूलों की तरह कितने बेबस हैं ,
कभी किस्मत से टूट जाते हैं ,
कभी लोग तोड़ जाते हैं



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वो बेवफा नहीं है , हमको यकीन है
बस इम्तहान लेने का खुदा शौकीन है
न आने का सबब महज मजबूरियाँ रही होंगी
वरना दोस्ती के कितने ही उनके लम्हे हसीन हैं


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⧬ज़िंदगी में कभी प्यार करने का मन हो तो⧭
अपने दुखों से प्यार करना क्योंकि⧭
दुनिया का दस्तूर है⧬
⧭जिसे जितना चाहोगे उसे उतना दूर पाओगे⧭


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ठोकर ना लगा मुझे पत्थर नही हूँ मैं,
हैरत से ना देख कोई मंज़र नही हूँ मैं,
उनकी नज़र में मेरी कदर कुछ भी नही,
मगर उनसे पूछो जिन्हें हासिल नही हूँ मैं|


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कितनी आसानी से कह दिया तुमने,
की बस अब तुम मुझे भूल जाओ,
साफ साफ लफ्जो मे कह दिया होता,
की बहुत जी लिये अब तुम मर जाओ.


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उसके चेहरे पर इस क़दर नूर था,
कि उसकी याद में रोना भी मंज़ूर था,
बेवफा भी नहीं कह सकते उसको ज़ालिम,
प्यार तो हमने किया है वो तो बेक़सूर था



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मुझे तलाश है एक रुह की
जो मुझे दिल से प्यार करे.
वरना इंसान तो
पैसों से भी मिल जाया करते हैं…


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मुझे ढूंढने की कोशिश अब न किया कर,
तूने रास्ता बदला तो मैंने मंज़िल बदल ली..


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मोहब्बत के रास्ते कितने भी मखमली क्यो न हो,
खत्म तन्हाई के कम्मबल मे ही होते है


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तलाश हे एक ऐसे सख्स की,
जो आँखों में उस वक्त दर्द देख ले
जब दुनिया हमसे कहती हे
क्या यार तुम मुस्कुराते बहुत हो


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मुलाक़ातें तो आज भी हो जाती है तुमसे..
ख़्वाब किसी “ताले” के मोहताज नही हैं..
तेरी आँखों से यून तो सागर भी पिए हैं मैने..
तुझे क्या खबर जुदाई के दिन कैसे जिए हैं मैने.



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साकी पिला रहा है और मैं पिए जा रहा हूँ,
हर सांस पर बस नाम तेरा लिए जा रहा हूँ ,
ख्वाइश तो मरने की है फिर भी जिए जा रहा हूँ,
जो आगाज़ तुम ने किया था मेरी बर्बादिओं का मैं उन्हें अंजाम दिए जा
रहा हूँ.

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