ये रात चाँदनी बनकर आँगन में आये,
ये तारे लोरी गा कर आपको सुनाएं,
आयें आपको इतने प्यारे सपने यार...
कि नींद में भी आप हलके से मुस्कुराएं।
ये तारे लोरी गा कर आपको सुनाएं,
आयें आपको इतने प्यारे सपने यार...
कि नींद में भी आप हलके से मुस्कुराएं।
आपके बिना रात...
जब भी आपके बिना रात होती हैं,
तब दीवारों से अक्सर बात होती हैं,
सन्नाटा पूछता हैं हमारा हाल हमसे,
तो आपके नाम से ही शुरुआत होती हैं।
तब दीवारों से अक्सर बात होती हैं,
सन्नाटा पूछता हैं हमारा हाल हमसे,
तो आपके नाम से ही शुरुआत होती हैं।
उन्ही सपनो में...
इस कदर हम उनकी मोहब्बत में खो गए,
कि एक नज़र देखा और बस उन्ही के हो गए,
आँख खुली तो अँधेरा था देखा एक सपना था,
आँख बंद की और उन्ही सपनो में फिर खो गए।
शुभ रात्रि ।
कि एक नज़र देखा और बस उन्ही के हो गए,
आँख खुली तो अँधेरा था देखा एक सपना था,
आँख बंद की और उन्ही सपनो में फिर खो गए।
शुभ रात्रि ।
सितारों की महफिल शायरी...
कितनी जल्दी ये शाम आ गई,
गुड नाइट कहने की बात याद अा गई,
हम तो बैठे थे सितारों की महफिल में,
चांद को देखा तो आपकी याद आ गई।
शुभ रात्रि
गुड नाइट कहने की बात याद अा गई,
हम तो बैठे थे सितारों की महफिल में,
चांद को देखा तो आपकी याद आ गई।
शुभ रात्रि
सलामती की दुआ...
जैसे चाँद का काम है रात में रौशनी देना,
तारों का काम है सारी रात चमकते रहना,
दिल का काम है अपनों की याद में धड़कते रहना,
हमारा काम है आपकी सलामती की दुआ करते रहना।
। शुभ रात्रि ।
तारों का काम है सारी रात चमकते रहना,
दिल का काम है अपनों की याद में धड़कते रहना,
हमारा काम है आपकी सलामती की दुआ करते रहना।
। शुभ रात्रि ।
हुस्न की ये इन्तेहाँ नहीं है तो और क्या है,
चाँद को देखा है हथेली पे आफताब लिए हुए।
चाँद को देखा है हथेली पे आफताब लिए हुए।
हया से सर झुका लेना...
हया से सर झुका लेना अदा से मुस्कुरा देना,
हसीनों को भी कितना सहल है बिजली गिरा देना।
हसीनों को भी कितना सहल है बिजली गिरा देना।
दिल के हर कोने में बसाया है आपको,
अपनी यादों में हर पल सजाया है आपको,
यकीं न हो तो मेरी अॉखों में देख लीजिये,
अपने अश्कों में भी छुपाया है आपको।
अपनी यादों में हर पल सजाया है आपको,
यकीं न हो तो मेरी अॉखों में देख लीजिये,
अपने अश्कों में भी छुपाया है आपको।
तपिश से बच कर घटाओं में बैठ जाते हैं,
गए हुए की सदाओं में बैठ जाते हैं,
हम अपनी उदासी से जब भी घबराये,
तेरे ख़याल की छाँव में बैठ जाते हैं।
गए हुए की सदाओं में बैठ जाते हैं,
हम अपनी उदासी से जब भी घबराये,
तेरे ख़याल की छाँव में बैठ जाते हैं।
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ऐ नए साल बता...
ऐ नए साल बता कि तुझमें नया क्या है,
हर तरफ खल्क ने क्यूँ शोर मचा रखा है।
तू नया है तो दिखा, सुबह नई शाम नई,
वर्ना इन आँखों ने देखे हैं ऐसे साल कई।
हर तरफ खल्क ने क्यूँ शोर मचा रखा है।
तू नया है तो दिखा, सुबह नई शाम नई,
वर्ना इन आँखों ने देखे हैं ऐसे साल कई।
बताओ है कि नहीं...
बताओ है कि नहीं मेरे ख्वाब झूठे,
कि जब भी देखा तुझे अपने साथ देखा।
कि जब भी देखा तुझे अपने साथ देखा।
मत फेंक पानी में...
मत फेंक पानी में पत्थर,
उसे भी कोई पीता होगा,
मत रह यूँ उदास जिन्दगी में,
तुम्हें देखकर कोई जीता होगा।
उसे भी कोई पीता होगा,
मत रह यूँ उदास जिन्दगी में,
तुम्हें देखकर कोई जीता होगा।
देखा गम का साया...
जहाँ भी देखा गम का साया,
तू ही तू मुझको याद आया,
ख्वाबों की कलियाँ जब टूटी,
ये गुलशन लगने लगा पराया,
दरिया जब जब दिल से निकला,
एक समंदर आँखों में समाया,
मेरे दामन में कुछ तो देते,
यूँ तो कुछ नहीं माँगा खुदाया।
तू ही तू मुझको याद आया,
ख्वाबों की कलियाँ जब टूटी,
ये गुलशन लगने लगा पराया,
दरिया जब जब दिल से निकला,
एक समंदर आँखों में समाया,
मेरे दामन में कुछ तो देते,
यूँ तो कुछ नहीं माँगा खुदाया।
गमों की ओट में...
वफ़ा के शीशमहल में सजा लिया मैनें,
वो एक दिल जिसे पत्थर बना लिया मैनें,
ये सोच कर कि न हो ताक में ख़ुशी कोई,
गमों की ओट में खुद को छुपा लिया मैनें,
कभी न ख़त्म किया मैंने रोशनी का मुहाज़,
अगर चिराग बुझा तो दिल जला लिया मैनें,
कमाल ये है कि जो दुश्मन पे चलाना था,
वो तीर अपने ही कलेजे पे खा लिया मैनें।
वो एक दिल जिसे पत्थर बना लिया मैनें,
ये सोच कर कि न हो ताक में ख़ुशी कोई,
गमों की ओट में खुद को छुपा लिया मैनें,
कभी न ख़त्म किया मैंने रोशनी का मुहाज़,
अगर चिराग बुझा तो दिल जला लिया मैनें,
कमाल ये है कि जो दुश्मन पे चलाना था,
वो तीर अपने ही कलेजे पे खा लिया मैनें।
गम ए दुनिया मिली ...
दुनिया भी मिली गम-ए-दुनिया भी मिली है,
वो क्यूँ नहीं मिलता जिसे माँगा था खुदा से।
वो क्यूँ नहीं मिलता जिसे माँगा था खुदा से।
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