Tuesday, 9 May 2017

Bewafa Shayari 143

Bewafa Shayari 143

⇎तेरी बेरुखी को भी रुतबा दिया हमने🔂
⬲तेरे प्यार का हर क़र्ज़ अदा किया हमने🔁
⬲मत सोच के हम भूल गए है तुझे🔁 ,
⬲आज भी खुदा से पहले याद किया है तुझे🔁
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⧬जब कुछ सपने अधूरे रह जाते हैं,
⧬तब दिल के दर्द आँसू बनकर बह जाते हैं,
⧬जो कहते है की हम सिर्फ आपके है,
⧬पता नहीं वो कैसे अलविदा कह जाते है..

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⧬टूटे हुए दिल ने भी उसके लिए दुआ मांगी,
⧬मेरी साँसों ने हर पल उसकी ख़ुशी मांगी,
⧬न जाने कैसी दिल्लगी थी उस बेवफा से,
⧬के मैंने आखिरी ख्वाहिश में भी उसकी वफ़ा मांगी..

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🔺अगर दुनिया में जीने की चाहत ना होती🔺
🔺तो खुदा ने मोहब्बत बनाई ना होती🔺
🔺लोग मरने की आरज़ू ना करते🔺
🔺अगर मोहब्बत में बेवाफ़ाई ना होती,

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 जिस किसीको भी चाहो वोह बेवफा हो जाता है,
सर अगर झुकाओ तो सनम खुदा हो जाता है,
जब तक काम आते रहो हमसफ़र कहलाते रहो,
काम निकल जाने पर हमसफ़र कोई दूसरा हो जाता है


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इस कदर हम यार को मनाने निकले,
उसकी चाहत के हम दिवाने निकले,
जब भी उसे दिल का हाल बताना चाहा,
उसके होठों से वक़्त न होने के बहाने निकले..

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मैं शिकायते भी किससे करूँ,
सब किस्मतों की बात है,
तेरी सोच में भी नहीं हूँ मैं,
मुझे लफ्ज़ लफ्ज़ तू याद हैं..

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मुहब्बत में क्यों वेब्फ़ाइ होती है,
सुना था प्यार में गहराई होती है,
टूट कर चाहने वाले के नसीब में,
क्यों सिर्फ फिर तन्हाई होती है..

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मुझे फिर तबाह कर मुझे फिर रुला जा,
सितम करने वाले कहीं से तू आजा,
आँखों में तेरी ही सूरत बसी है,
तेरी ही तरह तेरा ग़म भी हंसीं है..

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मुझे फिर तबाह कर मुझे फिर रुला जा,
सितम करने वाले कहीं से तू आजा,
आँखों में तेरी ही सूरत बसी है,
तेरी ही तरह तेरा ग़म भी हंसीं है..

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आग दिल मे लगी जब वो खफा हुए,
महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए,
कर के वफ़ा कुछ दे ना सके वो ,
पर बहुत कुछ दे गये जब वो बेवफा हुए..

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कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी,
कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी,
बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने,
आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गयी..
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हम ने सीने से लगाया,
दिल न अपना बन सका,
मुस्कुरा कर तुम ने देखा,
दिल तुम्हारा हो गया…

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भुला के मुझको अगर तुम भी हो सलामत,
तो भुला के तुझको संभलना मुझे भी आता है,
नहीं है मेरी फितरत में ये आदत वरना,
तेरी तरह बदलना मुझे भी आता है..

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मेरे खवाबो मे आना आपका कसूर था,
आपसे दिल लगाना हमारा कसूर था,
आप आए थे जिन्दगी मे पल दो पल के लिए,
आपको जिन्दगी समझ लेना हमारा कसूर था..


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अपनी खुशीयां लुटा कर उसपर कुर्बान हो जाऊ,
काश कुछ दिन उसके शहर का मेहमान हो जाऊ,
वो अपना नायाब दिल मुझको देदे,
और फिर वापस मांगे, मैं मुकर जाऊ और बेईमान हो जाऊ..

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तेरी दोस्ती ने दिया सकूं इतना,
की तेरे बाद कोई अच्छा न लगे,
तुझे करनी है बेवफ़ाई तो इस अदा से कर,
कि तेरे बाद कोई भी बेवफ़ा न लगे।

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दुनिया में किसी से कभी प्यार मत करना,
अपने अनमोल आँसू इस तरह बेकार मत करना,
कांटे तो फिर भी दामन थाम लेते हैं,
फूलों पर कभी इस तरह तुम ऐतबार मत करना..

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कोई हुनर, कोई राज,
कोई रविश, कोई तो तरीका बताओ
दिल टूटे भी ना, साथ छूटे भी ना,
कोई रुठे भी ना और जिदंगी गुजर जाए..

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आग दिल में लगी जब वो खफ़ा हुए,
महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए,
करके वफ़ा कुछ दे ना सके वो,
पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफ़ा हुए!


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जिंदगी में कभी ऐसा मोड़ आएगा सोचा ना था,
जिसके लिए जीती हूँ वो छोड़ जाएगा सोचा ना था,
सच्ची मोहब्बत की थी मैंने कोई खिलवाड़ नहीं था,
बदले में वो रिश्ता तोड़ जाएगा सोचा ना था…

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आपकी नशीली यादों में डूबकर,
हमने इश्क की गहराई को समझा,
आप तो दे रहे थे धोखा और,
हमने जानकर भी कभी आपको बेवफा न समझा।

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क्यों आए मेरी जिंदगी में गर जाना ही था,
क्यों हँसाया मुझे गर रूलाना ही था,
क्या मैंने कहा था के मुझे तुम्हारी जरूरत है आओ पास मेरे,
क्यों पास आए गर दूरियों को बढ़ाना ही था..

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न वो सपना देखो जो टूट जाये,
न वो हाथ थामो जो छूट जाये,
मत आने दो किसी को करीब इतना,
कि उसके दूर जाने से इंसान खुद से रूठ जाये।

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उन लोगों का क्या हुआ होगा,
जिनको मेरी तरह गम ने मारा होगा,
किनारे पर खड़े लोग क्या जाने,
डूबने वाले ने किस किस को पुकारा होगा


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हाथ पकड़ कर रोक लेते अगर,
तुझपर ज़रा भी ज़ोर होता मेरा,
ना रोते हम यूँ तेरे लिये,
अगर हमारी ज़िन्दगी में तेरे सिवा कोई ओर होता..

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चाँद की रातों मे सारा जँहा सोता है,
लेकिन किसी की यादों मे कोई बदनसीब रोता हैं,
खुदा किसी को मुहब्त पे फिदा न करे,
अगर करे तो किसी को जुदा न करें।

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हादसोँ के गवाह हम भी हैँ,
अपने दिल से तबाह हम भी हैँ,
जुर्म के बिना सजा ए मौत मिली,
ऐसे ही एक बेगुनाह हम भी हैँ..!!

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जीने की ख्वाहिश में हर रोज़ मरते हैं,
वो आये न आये हम इंतज़ार करते हैं,
झूठा ही सही मेरे यार का वादा है,
हम सच मान कर ऐतबार करते हैं..

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टूटे हुए दिल ने भी उसके लिए दुआ मांगी,
मेरी साँसों ने हर पल उसकी ख़ुशी मांगी,
न जाने कैसी दिल्लगी थी उस बेवफा से,
के मैंने आखिरी ख्वाहिश में भी उसकी वफ़ा मांगी..


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घर बना कर मेरे दिल में, वो चली गई है,
ना खुद रहती है, ना किसी और को बसने देती है..

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दो कदम चलकर अक्सर हम रुक जाया करते है ,
क्यों इंतजार रहता है उनका,
जो राह में छोड़कर चले जाया करते है।।

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दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता;
रोता है दिल जब वो पास नहीं होता;
बर्बाद हो गए हम उसके प्यार में;
और वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता…

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तुम बताओ तो मुझे किस बात की सजा देते हो।
मंदिर में आरती और महफ़िल में शमां कहते हो।
मेरी किस्मत में भी क्या है लोगो जरा देख लो,
तुम या तो मुझे बुझा देते हो या फिर जला देते हो..

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खामोशी से बिखरना आ गया है,
हमें अब खुद उजड़ना आ गया है,
किसी को बेवफा कहते नहीं हम,
हमें भी अब बदलना आ गया है,
किसी की याद में रोते नहीं हम,
हमें चुपचाप जलना आ गया है,
गुलाबों को तुम अपने पास ही रखो,
हमें कांटों पे चलना आ गया है|


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तक़दीर ने हमें आज़माया बहुत
हमने उसे मनाया बहुत
जिसकी ज़िंदगी ख़ुशियों से सजा दी
उसी शख़्स नें हमें रुलाया बहुत

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पल पल उसका साथ निभाते हम
एक इशारे पर दुनिया छोड जाते हम
समदर के बीच मै पहुचॅ कर फरेब किया उसने
वो कहता तो किनारे पर ही डूब जाते हम

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टूटकर बिखर जाना
कोई इत्फाक नहीं,
किसी ने बहुत कोशिश की है
मुझे इस हाल तक पहुँचाने में…

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छोड़ दिया हमने उसका दीदार करना
हमेशा के लिए…
जिसको प्यार की कदर ना हो
उसे मुड़ मुड़ के क्या देखना…..!!

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इतनी शिद्दत से चाहा जाए
तो पत्थर भी अपने हो जाते हैं

ऐ खुदा..

न जाने ये मिट्टी का इनसान
इतना मगरूर क्यों होता है


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मोहब्बत का मेरा सफर आखिरी है,
ये कागज, कलम ये गजल आखिरी है,
मैं फिर मिलूं ना मिलूं कहीं ढूंढ लेना,
तेरे दर्द का ये असर आखिरी है।

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ना पूछ मेरे सब्र की इंतेहा कहाँ तक हैं,
तू सितम कर ले, तेरी हसरत जहाँ तक हैं
वफ़ा की उम्मीद, जिन्हें होगी उन्हें होगी,
हमें तो देखना है, तू बेवफ़ा कहाँ तक हैं.

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एक दिन ऐसा आएगा सल्तनत भी मेरी होगी
और ‪हुकूमत‬ भी मेरी होगी
बस फर्क सिर्फ इतना होगा कि वहाँ
राजा मै होऊँगा और मुजरे_वाली तू होगी

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⧫टूटे हुए दिल ने भी उसके लिए दुआ मांगी,
⬇मेरी साँसों ने हर पल उसकी ख़ुशी मांगी,
⬈न जाने कैसी दिल्लगी थी उस बेवफा से,
⬲के मैंने आखिरी ख्वाहिश में भी उसकी वफ़ा मांगी

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⧬मौसम मे जुदाई के गर तेरा दीदार हो जाये⭄
⧬तो मेरा दिल भी सनम तेरा कर्जदार हो जाये⭃
⧬तुम जो छोङ कर गये हो हमको तन्हां⭃
⧬है बद्दुवा मेरी की तुम को भी प्यार हो जाये⭃


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वादा-ए-वफ़ा करो तो
फिर खुद को फ़ना करो,
वरना खुदा के लिए
किसी की ज़िंदगी ना तबाह करो

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Thoda pyar thodi bewafai shayari

⧬कौन कहता है हम उसके बिना मर जायेंगे
⧬हम तो दरिया है समंदर में उतर जायेंगे
⧬वो तरस जायेंगे प्यार की एक बून्द के लिए
⧬हम तो बादल है प्यार के किसी और पर बरस जायेंगे⧬

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⬲प्यार में वो हम को बेपनाह कर गये⬲
⬲फिर ज़िनदगीं में हम को तन्नहा कर गये⬲
⬲चाहत थी उनके इश्क में फ़नाह होने की⬲
⬲पर वो लौट कर आने को,भी मना कर गये⬱

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⧪सुकून ऐ दिल के लिए कभी⧪
⧪हाल ही पूँछ लिया करो…
⧪मालूम तो हमें भी है कि हम
⧪आपके अब कुछ नहीं लगते..

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तेरे जाने से कुछ नही बदला,
बस पहले जहां दिल होता था,
अब वहां दर्द होता है


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ज़रा सी बात पे ना छोड़ना किसी का दामन
उम्रें बीत जाती हैं दिल का रिश्ता बनाने में ….



⧪मुझसे ‘नफरत’ तभी करना🔁
⧪जब आप मेरे बारे मे ‘सबकुछ’ जानते हो🔂
⧪तब नहीं जब किसी से ‘कुछ’ सुना हो🔂



🔁मैं कई अपनों से वाक़िफ़ हूँ🔁
🔁जो पत्थर के बने हैं🔁

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