" माँ " मैं जो चाहूँ वो कर सकूँगी, देवी न बनाओ तुम मुझको नारी ही बनी मुझे रहने दो बस नारी का सम्मान दो मुझे माँ की कोख में मत मारो बोझ नहीं अब मैं भी काम करुँगी मैं भी पापा का नाम करुँगी संसार में तो मुझे आने दो बस नारी का सम्मान दो तब मैं भी आगे बढ़ सकूँगी
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