अमृत के समान है रोज़ाना घर में दीपक जलाना
रोज़ाना रोज़ सुबह- शाम पुजा करते वक्त माथे पर तिलक लगाना, अगरबत्ती या दीपक जलाना आदि हमारे लिए एक रोजमर्रा की आदत बन गई है। लेकिन शायद आप यह नहीं जानते कि यह सिर्फ एक आदत ही नहीं बल्कि आपको स्वस्थ रखने का रामबाण इलाज भी है। हमारी संस्कृती में हमेशा से ही दीया जलाने का चलन रहा है और शायद इस नियम को बहुत ही सोच- समझकर रखा गया है। हम नहीं जानते तो क्या शायद हमारे पूर्वज इस बात को और इससे होने वाने फायदों को भलि-भांति जानते होंगे।
- हालांकि, पुराने दिनों में सिर्फ मिट्टी के दीपक जलाए जाते थें किन्तु बदलते समय के साथ- साथ अब लोग चिनी मिट्टी औऱ भी न जाने कौन- कौन से दिये जलाने लगे है। मिट्टी के दीपक जलाने के पिछे हमारे बूजुर्गों का वश्वास था कि इससे घर का अंधकार तो दूर होता ही है साथ ही में हमारे शरीर के सभी कष्ट भी दूर हो जाते है।
- दीपक धूआं साफ करता है वातावरण: रोज़ाना घर में घी या तेल (सरसो) का दीपक जलाने से घर की वायु शुद्ध हो जाती है। विज्ञान की माने तो घी या तेल के दीपक से उठने वाली धुआं घर में एयर प्यूरीफायर का काम करता है। दिन पर दिन बढ़ते प्रदूषण के कारण व्यक्ति को शुद्ध हवा में रहना बेहद आवश्यक है।
- स्वास से जुड़ी परेशानियों को करता है दूर: घी व तेल के दीपके से निकलने वाने धूएं बुझने के बाद भी 3-4 घंटों तक अपना असर दिखाते हैं। जिसके कारण अस्थमा व श्वास से जूड़ी अन्य परेशानियों को भी दुर भगाता है।
- दीपक में एक लौंग दिखाता है दोगुना असर: दीपक जलाते वक्त अगर आप उसमें एक लौंग डाल देते हैं तो उसका असर और भी बढ़ जाता है। जिसके कारण आपका घर और शरीर दोनो ही शुद्ध व स्वस्थ हो जाता है।
- चर्मरोग जैसे रोग को दूर भगाता है जलता दीपक: दीपक में लौंग डालकर जलाने से पूरा घर के साथ हमारा शरीर तो पवित्र होता ही है बल्कि साथ- साथ चर्मरोग जैसी भयानक बिमारी से पिछा छुड़ाता है।
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