Friday 5 May 2017

तुम्हें रातें रुलायेंगी...

तुम्हें रातें रुलायेंगी...

मेरी यादें, मेरा चेहरा, मेरी बातें रुलायेंगी,
हिज़्र के दौर में, गुज़री मुलाकातें रुलायेंगी,
दिन तो चलो तुम काट भी लोगे फसानों में,
जहाँ तन्हा रहोगे तुम, तुम्हें रातें रुलायेंगी।
तुम्हें रातें रुलायेंगी शायरी
वो मेरा हमसफर...
वो मेरा हमसफर भी था वो मेरा राहगुजर भी था,
मंजिलें ही एक न थीं, दरमियाँ ये फासला भी था।
वो मेरा हमसफर शायरी

हुस्न इश्क़ तो धोखा...

किसी का यूँ तो हुआ कौन उम्र भर फिर भी,
ये हुस्न ओ इश्क़ तो धोखा है सब मगर फिर भी।
हुस्न इश्क़ तो धोखा शायरी

रास्ते तबाही के...

रास्ते खुद ही तबाही के निकाले हमने,
कर दिया दिल किसी पत्थर के हवाले हमने,
हमें मालूम है क्या चीज़ है मोहब्बत यारो,
घर अपना जला कर किये हैं उजाले हमने।
रास्ते तबाही के शायरी

मेरी यादें, मेरा चेहरा, मेरी बातें रुलायेंगी,
हिज़्र के दौर में, गुज़री मुलाकातें रुलायेंगी,
दिन तो चलो तुम काट भी लोगे फसानों में,
जहाँ तन्हा रहोगे तुम, तुम्हें रातें रुलायेंगी।
तुम्हें रातें रुलायेंगी शायरी
ये क्या है, जो आँखों से रिसता है, 
कुछ है भीतर, जो यूँ ही दुखता है, 
कह सकता हूं, पर कहता भी नहीं, 
कुछ है घायल, जो यहाँ सिसकता है।कुछ है घायल शायरी

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