Tuesday 9 May 2017

True Zindagi Shayari

True Zindagi Shayari

हमारी गलतियों से कही टूट न जाना,
हमारी शरारत से कही रूठ न जाना,
तुम्हारी चाहत ही हमारी जिंदगी हैं,
इस प्यारे से बंधन को भूल न जाना..

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दिल की यादो मै सवारूँ तुझे,
तू दिखे तो आँखो मै उतारू तुझे,
तेरे नाम को लबो पर ऐसे सजाऊ,
सो जाऊ तो ख्वाबो मे पुकारू तुझे..

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1. कह गई थी वो कभी ना आऊँगी,
रात में रोज़ आ जाती है ख्वाबों मेँ..झूठी कहीँ की..

2. सिर्फ मेरा नाम लेकर रह गई,
आज वो जाने-अनजाने बहोत कुछ कह गई..

3. तमन्नाओ की महफ़िल तो हर कोई सजाता है,
पूरी उसकी होती है जो तकदीर लेकर आता है..

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1. कुछ नही मिलता दुनिया में मेहनत के बगैर ,
मेरा अपना साया मुझे धुप में आने के बाद मिला..

2. मजबूरियाँ ला खड़ा करती है ऐसे मोड़ पर,
इंसान बुराईयाँ अपना लेता है अच्छाईयाँ छोड़कर…

3. शक तो था मोहब्बत में नुक्सान होगा,
पर सारा हमारा होगा, ये मालूम न था …

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ग़म नहीं ये कि क़सम अपनी भुलाई तुमने,
ग़म तो ये है कि रकीबों से निभाई तुमने,
कोई रंजिश थी अगर तुमको तो मुझसे कहते,
बात आपस की थी क्यूँ सब को बताई तुमने..


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फासले जिस्म को तो दूर ले जाते हैं,
पर दिलों के शहर तो उजड़ते नहीं,
आँखों से आँखों का रिश्ता टूट जाए भी तो,
साथ देखे हुए ख्वाब तो मिटते नहीं..

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मैं क़तरा क़तरा फ़ना हुयी,
मे ज़र्रा ज़र्रा बिखर गयी,
ऐ ज़िन्दग़ी तुझसे मिलते मिलते,
मैं अपने आप से बिछड़ गयी..

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इस कदर हम उनकी मुहब्बत में खो गए,
कि एक नज़र देखा और बस उन्हीं के हम हो गए,
आँख खुली तो अँधेरा था देखा एक सपना था,
आँख बंद की और उन्हीं सपनो में फिर सो गए..

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1. कौन सी बात नई ऐ दिल-ए-नाकाम हुई,
शाम से सुब्ह हुई सुब्ह से फिर शाम हुई..

2. किसी की उम्र कटती है किसी का दिन गुजरता है,
एक मैं हूँ पल-पल गुजर कर उम्र से हिसाब करती हूँ..

3. वो जब अपने हाथो की लकीरों में मेरा नाम ढूंढ कर थक गये,
सर झुकाकर बोले, लकीरें झूठ बोलती है तुम सिर्फ मेरे हो..

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यूँ पलके बिछा कर तेरा इंतज़ार करते है,
यह वो गुनाह है जो हम बार बार करते है,
जलकर हसरत की राह पर चिराग,
हम सुबह और शाम तेरे मिलने का इंतज़ार करते है..

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1. कच्चे मकान देखकर किसी से रिश्ता ना तोडना दोस्तो ,
मिट्टी की पकड मजबूत होती है संगमरमर पर तो हमने अक्सर पैर फिसलते हुए देखा है..

2. परिन्दों की फिदरत से आये थे वो मेरे दिल में ,
जरा पंख निकल आये तो आशियाना छोड़ दिया ..

3. आज़ाद कर दिया हमने भी उस पंछी को,
जो हमारी दिल की कैद में रहने को तोहीन समजता था ..

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जख्म जब मेरे सीने के भर जायेंगें,
आसूं भी मोती बन कर बिखर जायेंगे,
ये मत पूछना किस-किस ने धोखा दिया,
वर्ना कुछ अपनों के चेहरे उतर जायेंगें..

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1. जुदा होना इतना आसान होता,
तो जिस्म से रूह को लेने कभी फरिश्ते नही आते..

2. वो कागज का पन्ना आज भी तेरी खुश्बू से महक रहा हैँ,
जिस पर कभी तुमने मजाक मे I Love You लिखा था..

3. कमाल का ताना दिया आज मंदिर में भगवान ने,
मांगने ही आते हो कभी मिलने भी आया करो..

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लम्हें ये सुहाने साथ हो ना हो,
कल मे आज जैसी बात हो ना हो,
आपका प्यार हमेशा इस दिल में रहेगा,
चाहे पूरी उम्र मुलाकात हो ना हो..

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1. रोती रही वो अपनी ख्वाइशें जला कर एे खुदा,
बस एक परींदा ही था, जो जल कर अपनी आहुती दे गया..

2. क्या लिखूँ दिल की हकीकत आरज़ू बेहोश है,
ख़त पर हैं आँसू गिरे और कलम खामोश है..

3. किसी को धोखा देकर ये मत सोचो की वो कितना बेवकूफ है,
ये सोचो की उसे तुम पर कितना भरोसा था..
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खूबसूरत सा एक पल किस्सा बन जाता है,
जाने कब कौन ज़िंदगी का हिस्सा बन जाता है,
कुछ लोग ज़िंदगी में मिलते हैं ऐसे,
जिनसे कभी ना टूटने वाला रिश्ता बन जाता है..

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1. मैं मुसाफ़िर हूँ ख़तायें भी हुई होंगी मुझसे,
तुम तराज़ू में मग़र मेरे पाँव के छाले रखना..

2. यू पलटा मेरी किस्मत का सितारा,
उसने भी छोड़ दिया और अपनों ने भी..

3. इतना संभाल के तो लोग हीरे जवाहरात भी नहीं रखते,
जितनी की हमने तेरी यादें संभाल के रखी है..

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1. अचानक चलते चलते पीछे मुडके देखा तो ,
कुछ यादें मुस्करा रही थी और कुछ रिश्ते दम तोड़ रहे थे..

2. मेरी महफूज़ नींद के लिए कोई सारी रात बर्फ के शिखर पर खड़ा था,
भौं भौं करके नींद उड़ाने वाला कुत्ते दुश्मनों के हक़ में बोल रहे थे..

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इश्क ने गूथें थे जो गजरे नुकीले हो गए,
तेरे हाथों में तो ये कंगन भी ढीले हो गए,
फूल बेचारे अकेले रह गए है शाख पर,
गाँव की सब तितलियों के हाथ पीले हो गए..

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1. शिकायत तो नही लेकिन इतना जरुर पूछना चाहता हूँ जमाने से,
आखिर वो क्या करे जो जमाने के ही जुल्म से मजबूर हो जाये ..

2. लिखती हूँ सिर्फ़ खुद को बहलाने को,जानती हूँ ,
उनके पास मेरे अल्फाज़ पढ़ने की फुर्सत नहीं।

3. खामोश रहने दो लफ़्ज़ों को, आँखों को बयाँ करने दो हकीकत,
अश्क जब निकलेंगे झील के, मुक़द्दर से जल जायेंगे अफसाने..

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1. वो जिसकी याद मे हमने खर्च दी जिन्दगी अपनी,
वो शख्श आज मुझको गरीब कह के चला गया..

2. मोहब्बत खुद बताती हैं कहां किसका ठिकाना है,
किसे ऑखों में रखना है,किसे दिल मे बसाना है..

3. किसी रिश्ते में निखार, सिर्फ अच्छे समय में हाथ मिलाने से नहीं आता,
बल्कि नाज़ुक समय में हाथ थामने से आता है..

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1. जबरदस्ती मत मांगना साथ कभी ज़िन्दगी में किसी का,
कोई ख़ुशी से खुद चलकर आये उसकी ख़ुशी ही कुछ और होती है..

2. दिल की ख़ामोशी पर मत जाओ,
राख के नीचे आग दबी होती है..

3. करनी है तो दर्द की साझेदारी कर ले,
मेरी खुशियों के तो दावेदार बहुत हैँ..

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गम ने हसने न दिया, ज़माने ने रोने न दिया,
इस उलझन ने चैन से जीने न दिया,
थक के जब सितारों से पनाह ली,
नींद आई तो तेरी याद ने सोने न दिया..

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महफिल में मुस्कुराना मेरा मिजाज बन गया,
तन्हाई में रोना भी एक राज बन गया,
दिल के जख्म को चेहरे से जाहिर न होने दिया,
यही जिन्दगी में मेरे जीने का अंदाज बन गया..

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तेरी जबान एक झूठ रोज बोलती है,
मेरी ऑखे एक सच हमैशा पढ लेती है,
कितनी अजीब बात है छोटी सी बात पे,
डरने वाली मेरी मोहब्बत जग से लड़ लेती है.


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बहुत चाहा उसको जिसे हम पा न सके,
ख्यालों में किसी और को ला न सके,
उसको देख के आंसू तो पोंछ लिए,
लेकिन किसी और को देख के मुस्कुरा न सके..

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1. ऐ समन्दर मैं तुझसे वाकिफ हूं मगर इतना बताता हूं,
वो आंखें तुझसे ज्यादा गहरी हैं जिनका मैं आशिक हूं..

2. तारीफ़ अपने आप की, करना फ़िज़ूल है,
ख़ुशबू तो ख़ुद ही बता देती है, कौन सा फ़ूल है..

3. इश्क़ जिस्म से नही रूह से किया जाता है,
जिस्म तो एक लिबास है, ये हर जनम बदल जाता है..
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इस अजनबी दुनिया में अकेली ख्वाब हूँ मैं,
सवालो से खफा छोटी सी जवाब हूँ मैं,
आँख से देखोगे तो खुश पाओगे,
दिल से पूछोगे तो दर्द की सैलाब हूँ मैं..

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वो जी रही है मेरे बिन कारण समझता हुँ,
फिर भी याद मे उसकी क्यो इतना उलझता हुँ,
मुझको है पता कि क्या है उसके मेरे दरमियान,
फिर भी आज भी उसको मे अपना समझता हुंँ..

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⇎आरज़ू मेरी, चाहत तेरी,
तमन्ना मेरी, उल्फत तेरी,
इबादत मेरी, मोहब्बत तेरी,
⇭बस तुझ से तुझ तक है दुनिया मेरी..


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आसमां में मत दूंढ अपने सपनों को,
सपनों के लिए ज़मीं भी जरूरी है,
सब कुछ मिल जाए तो जीने का क्या मज़ा,
⇬जीने के लिये एक कमी भी जरूरी है..

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⇏हमारी गलतियों से कही टूट न जाना,
हमारी शरारत से कही रूठ न जाना,
तुम्हारी चाहत ही हमारी जिंदगी हैं,
इस प्यारे से बंधन को भूल न जाना..

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1. जितना हीं मेरा मिज़ाज है सादा,
उतने हीं मुझे उलझे हुए लोग मिले..

2. ख्वाब सा था साथ तुम्हारा,
ख्वाब बन के रह गया..

3. ⇚रोज़ रोज़ गिर कर मुकम्मल खड़ा हूँ,
ज़िन्दगी देख में तुझसे कितना बड़ा हूँ..

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1. ⇌जिसे पा नही सकते..
उसे सोचकर ही खुश होना ‘इश्क’ हैं..

2. कभी सोचता हूँ की सारे हिसाब चुकता कर आउ,
लेकिन फिर ख्याल आता है कि आसुओ की कीमत लाख गुना अधिक होती है..

3. ⇖ये चांद की आवारगी भी यूंही नहीं है,
कोई है जो इसे दिनभर जला कर गया है..

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⇥किसान खेत में मरता है और​
⇭​किसान का बेटा फ़ौज में
⇶​नेता देश में ऐश करता है​
⇾​उसका बेटा विदेश मे

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