Monday 8 May 2017

.... लड़का कहता है....



.... लड़का  कहता है....
...
आज 'दुल्हन' के लाल जोडे़ में,
उसे उसकी 'सहेलियाें ने सजाया
होगा,
•••
मेरी 'जान' के गोरे हाथोँ पर,
सखियाँ ने 'मेँहन्दी' को लगाया
होगा,
•••
बहुत गहरा छोड़ेगा 'मेँहन्दी' का
रंग
उस 'मेँहन्दी' मे उसने मेरा 'नाम'
चुपाया होगा,
•••
'रह-रह' कर रो पडे़गी,
जब-जब उसको मेरा 'ख्याल'
आया होगा,
•••
खुद को देखेगी जब 'आईने' में,
तो 'अक्श' उसको मेरा भी 'नजर'
आया होगा,
•••
लग रही होगी 'बाला' सी
सुन्दर
वो,
आज देखकर उसको 'चाँद' भी
शरमाया होगा,
•••
आज मेरी 'जान' ने अपने 'माँ-
बाप'
की इज्जत
को बचाया होगा,
उसने 'बेटी' होने का हर फर्ज
निभाया होगा,
•••
'मजबूर'' होगी वो सबसे ज्यादा,
सोचता हूँ किस तरह 'खुद' को
समझाया होगा,
•••
अपने 'हाथोँ' से उसने,
हमारे 'प्रेम' के खतोँ को जलाया
होगा,
•••
खुद को 'मजबूत' बना कर उसने,
दिल से मेरी 'यादोँ' को
मिटाया होगा,
•••
'भूखी' होगी वो जानता हूँ मैँ,
कुछ ना उस 'पगली' ने,
मेरे 'बगैर' खाया होगा,
•••
कैसे सम्भाला होगा 'खुद' को,
जब उसने 'फेरोँ' के लिये बुलाया
होगा,
•••
काँपता होगा 'जिस्म' उसका,
होले से 'पँडित' ने हाथ उसका
किसी और
को पकड़ाया होगा,
•••
मैं तो मजबूर हूँ 'पता' हैँ उसको,
आज खुद को भी 'बेबस-सा' उसने
पाया होगा,
•••
रो-रो के बुरा 'हाल' हो
जायेगा उसका,
जब वक्त उसकी 'विदाई' का
आया होगा,
•••
बडे प्यार से मेरी 'जान' को माँ-
बाप ने डोली मेँ
बैठाया होगा,
•••
रो पडेगी 'आत्मा' भी, 'दिल
भी',
चीखा और
चिल्लाया होगा,
•••
आज अपने 'माँ-बाप' के लिये उसने
गला अपनी 'खुशियाँ'
का दबाया होगा...

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