Tuesday 2 May 2017

अगर मेरे अलफाज भी खुबसुरत लगते हैं तो सोचिए... जिन्हें देखकर लिखती हूँ वो कितने खुबसुरत होंगे.....

  1. होठो पर मुस्कुराहट तो हर किसीको नजर आ जाती है ...!! पर दिल का दर्द क्यू कोई समझ नही पता ...😔


  2. खुद में झाँकने के लिए ज़िगर चाहिए दुसरो की शिनाख्त में तो हर शख्स माहिर है...


  3. कुछ सहन करना सीखना चाहिए ... क्योंकि ... हममें भी ऐसी बहुत सी कमियाँ हैं ... जिन्हें दूसरे सहन करते हैं


  4. मुझको क्या हक... मैं किसी को मतलबी कहूँ, मै खुद ही ख़ुदा को, मुसीबत में याद करती हूँ..!!


  5. प्यार का पहला इश्क़ का दूसरा मोहब्बत का तीसरा अक्षर अधूरा होता है इसलिए हम तुम्हे चाहते है क्योंकि चाहत का हर अक्षर पूरा होता है 💖


  6. वो करते हैं बात इश्क़ की पर इश्क़ के दर्द का उन्हें एहसास नहीं इश्क़ वो चाँद है जो दिखता तो है सबको पर उसे पाना सब के बस की बात नही


  7. समझ नही आता जिंदगी तेरा फैसला.. एक तरफ तू कहती है.. सब्र का फल मीठा होता है, और दूसरी तरफ कहती है वक्त किसी का इंतजार नही करता।


    More
  8. वो खुली किताब था मैं अनपढ़...... मैं पढ़ न सकी उसे...!!"


    More
  9. मैंने जान बचा रखी है एक जान के लिए इतना इश्क कैसे हो गया एक अंजान के लिए...!!"

    0
  10. तुम्हारी प्यारी सी नज़र अगर इधर नहीं होती नशे में चूर फ़िज़ा इस कदर नहीं होती तुम्हारे आने तलक हम को होश रहता फिर उसके बाद हमें कुछ ख़बर


    More
  11. कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी; कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी; बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने; आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गयी।


    More
  12. फुलो की तरह वो हँसती थी कलियो की तरह मुस्काती थी, वो तुमसे बिल्कुल मिलती है ख्वाबो मे मेरे जो आती थी


  13. मोहब्बत का कोई रंग नहीं फिर भी वो रंगीन है , प्यार का कोई चेहरा नहीं , फिर भी वो हसीन है...!!!


    More
  14. तुम ख़याल रखना अपना , मेरे पास आज भी , कोई तुमसा नहीं है....!!


    More
  15. क्यों ढूंढे यारा हम, मंदिर, मस्जिद की राहें, तेरी मुहब्बत ही हमें, इबादत सी लगती है....!


    More
  16. अगर मेरे अलफाज भी खुबसुरत लगते हैं तो सोचिए... जिन्हें देखकर लिखती हूँ वो कितने खुबसुरत होंगे.....


    More
  17. शिकायत है उन्हें कि हमें मोहब्बत करना नही आता; शिकवा तो इस दिल को भी है; पर इसे शिकायत करना नहीं आता।


    More
  18. अल्फाज इतने प्यारे कहाँ से लाते हो तुम.. हर एक पल में एक नया कहर ढाते हो तुम..


    More
  19. फ़िक्र से आज़ाद थे और खुशियाँ इक़ट्ठी होती थीं... वो भी क्या दिन थे, जब अपनी भी गर्मियो की छुट्टियां होती थीं...


    More
  20. फ़िक्र से आज़ाद थे और खुशियाँ इक़ट्ठी होती थीं... वो भी क्या दिन थे, जब अपनी भी गर्मियो की छुट्टियां होती थीं...


    More
  21. सौ परदों में सम्हाली थी महोब्बत. वो इक नज़र लग ही गयी आख़िर.


    More
  22. ना ताकत आप में है ना आपकी हडडी में है ! ताकत उसमें है जो बिना हडडी के आपकी चडडी में है !

     


  23. More
  24. हम तो यूं ही अरमान छूपाकर जी रहे थे। पर हमें भी समझनें वाले मिल गयें। हम तो दिवानें थे ही पहले से। यारों कल हमें भी हमारे दिवाने मिल गये।.


    More
  25. किसीने एक शादी शुदा आदमी से पुछा "आप शादी से पहले क्या करते थे?" उसकी आँखों में आंसू आ गए और बोला "जो मेरा मन करता था"


    More
  26. मैं पहन के हरी ड्रैस हरी होने चली


    More
  27. हमने दो समूह बनाए एक को योग करवाया दूसरे को जिम करवाई लेकिन बिस्तर पर लेटकर मेरे tweet देखने वाले ज्यादा खुश नजर आए


    More
  28. रात को दिन में मिलाने की हवस थी हमको काम अच्छा ना था अंजाम भी अच्छा ना हुआ


    More
  29. लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में तुम तरस नहीं खाते बस्तियाॅं जलाने में


    More
  30. प्यास है ओस की बूंद पिये लेते हैं रात है तारों को देखकर जिये लेते हैं तुम न दे सके लेकिन भरोसा मुझको जाओ तुम्हें चांद सी मुस्कान दिये देते


    More
  31. _ जड़ दो चांदी चाहे सोने में आइना झूठ बोलता ही नहीं है सच हारे या बढ़े तो सच ना रहे झूठ की कोई इंतहा नहीं है


    More
  32. कोई चांदनी रात का चांद बनकर तुम्हारे तसव्वुर में आया तो होगा किसी से तो की होगी तुमने मोहब्बत किसी को गले लगाया तो होगा


    More
  33. पत्ती-पत्ती गुलाब क्या होगी ये षबनम षराब क्या होगी जिसने लाखों हंसी देखे हों उसकी नीयत खराब क्या होगी


    More
  34. दिन गुजर गया इंतजार में रात कट गई इंतजार में वो मजा कहां वस्ले यार में लुत्फ जो मिला इंतजार में


    More
  35. हम रातों को उठ-उठकर जिनके लिये रोते वो अपने मकानों में आराम से सोते कुछ लोग जमाने में ऐसे भी होते महफिल में तो हंसते हैं तन्हाई में रोते


    More
  36. सच्ची दोस्ती जिसके पास है; उसके पास दौलत की भरमार है, न ही जीत न ही कोई हार है, दोस्त के दिल में तो बस प्यार ही प्यार है।


    More
  37. अगर मेरे अलफाज भी खुबसुरत लगते हैं तो सोचिए... जिन्हें देखकर लिखती हूँ वो कितने खुबसुरत होंगे.....

    More
  38. हँस लिया करते हैं जीने की तमन्ना में कभी... डगमगाना भी ज़रूरी है संभलने के लिए !!

No comments:

Post a Comment