- होठो पर मुस्कुराहट तो हर किसीको नजर आ जाती है ...!! पर दिल का दर्द क्यू कोई समझ नही पता ...
- वो खुली किताब था मैं अनपढ़...... मैं पढ़ न सकी उसे...!!"
- मैंने जान बचा रखी है एक जान के लिए इतना इश्क कैसे हो गया एक अंजान के लिए...!!"
- तुम्हारी प्यारी सी नज़र अगर इधर नहीं होती नशे में चूर फ़िज़ा इस कदर नहीं होती तुम्हारे आने तलक हम को होश रहता फिर उसके बाद हमें कुछ ख़बर
- कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी; कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी; बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने; आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गयी।
- फुलो की तरह वो हँसती थी कलियो की तरह मुस्काती थी, वो तुमसे बिल्कुल मिलती है ख्वाबो मे मेरे जो आती थी
- मोहब्बत का कोई रंग नहीं फिर भी वो रंगीन है , प्यार का कोई चेहरा नहीं , फिर भी वो हसीन है...!!!
- तुम ख़याल रखना अपना , मेरे पास आज भी , कोई तुमसा नहीं है....!!
- क्यों ढूंढे यारा हम, मंदिर, मस्जिद की राहें, तेरी मुहब्बत ही हमें, इबादत सी लगती है....!
- अगर मेरे अलफाज भी खुबसुरत लगते हैं तो सोचिए... जिन्हें देखकर लिखती हूँ वो कितने खुबसुरत होंगे.....
- शिकायत है उन्हें कि हमें मोहब्बत करना नही आता; शिकवा तो इस दिल को भी है; पर इसे शिकायत करना नहीं आता।
- अल्फाज इतने प्यारे कहाँ से लाते हो तुम.. हर एक पल में एक नया कहर ढाते हो तुम..
- फ़िक्र से आज़ाद थे और खुशियाँ इक़ट्ठी होती थीं... वो भी क्या दिन थे, जब अपनी भी गर्मियो की छुट्टियां होती थीं...
- फ़िक्र से आज़ाद थे और खुशियाँ इक़ट्ठी होती थीं... वो भी क्या दिन थे, जब अपनी भी गर्मियो की छुट्टियां होती थीं...
- सौ परदों में सम्हाली थी महोब्बत. वो इक नज़र लग ही गयी आख़िर.
- ना ताकत आप में है ना आपकी हडडी में है ! ताकत उसमें है जो बिना हडडी के आपकी चडडी में है !
- हम तो यूं ही अरमान छूपाकर जी रहे थे। पर हमें भी समझनें वाले मिल गयें। हम तो दिवानें थे ही पहले से। यारों कल हमें भी हमारे दिवाने मिल गये।.
- किसीने एक शादी शुदा आदमी से पुछा "आप शादी से पहले क्या करते थे?" उसकी आँखों में आंसू आ गए और बोला "जो मेरा मन करता था"
- मैं पहन के हरी ड्रैस हरी होने चली
- हमने दो समूह बनाए एक को योग करवाया दूसरे को जिम करवाई लेकिन बिस्तर पर लेटकर मेरे tweet देखने वाले ज्यादा खुश नजर आए
- रात को दिन में मिलाने की हवस थी हमको काम अच्छा ना था अंजाम भी अच्छा ना हुआ
- लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में तुम तरस नहीं खाते बस्तियाॅं जलाने में
- प्यास है ओस की बूंद पिये लेते हैं रात है तारों को देखकर जिये लेते हैं तुम न दे सके लेकिन भरोसा मुझको जाओ तुम्हें चांद सी मुस्कान दिये देते
- _ जड़ दो चांदी चाहे सोने में आइना झूठ बोलता ही नहीं है सच हारे या बढ़े तो सच ना रहे झूठ की कोई इंतहा नहीं है
- कोई चांदनी रात का चांद बनकर तुम्हारे तसव्वुर में आया तो होगा किसी से तो की होगी तुमने मोहब्बत किसी को गले लगाया तो होगा
- पत्ती-पत्ती गुलाब क्या होगी ये षबनम षराब क्या होगी जिसने लाखों हंसी देखे हों उसकी नीयत खराब क्या होगी
- दिन गुजर गया इंतजार में रात कट गई इंतजार में वो मजा कहां वस्ले यार में लुत्फ जो मिला इंतजार में
- हम रातों को उठ-उठकर जिनके लिये रोते वो अपने मकानों में आराम से सोते कुछ लोग जमाने में ऐसे भी होते महफिल में तो हंसते हैं तन्हाई में रोते
- सच्ची दोस्ती जिसके पास है; उसके पास दौलत की भरमार है, न ही जीत न ही कोई हार है, दोस्त के दिल में तो बस प्यार ही प्यार है।
- अगर मेरे अलफाज भी खुबसुरत लगते हैं तो सोचिए... जिन्हें देखकर लिखती हूँ वो कितने खुबसुरत होंगे.....
- हँस लिया करते हैं जीने की तमन्ना में कभी... डगमगाना भी ज़रूरी है संभलने के लिए !!
Tuesday, 2 May 2017
अगर मेरे अलफाज भी खुबसुरत लगते हैं तो सोचिए... जिन्हें देखकर लिखती हूँ वो कितने खुबसुरत होंगे.....
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment