Tuesday 2 May 2017

ज़िंदगी से हाथ मिलाया कर

Zindagi Se Hath Milaya Kar ज़िंदगी से हाथ मिलाया कर

खुद को इतना भी मत बचाया कर 
बारिशें हो तो भीग जाया कर।

चाँद लाकर कोई नहीँ देगा 
Zindagi Se Hath Milaya Kar ज़िंदगी से हाथ मिलाया कर
अपने चेहरे से जगमगाया कर।

दर्द हीरा है दर्द मोती है 
दर्द आँखों से मत बहाया कर।
                                                                          
काम ले कुछ हसीन होंठो से 
बातो बातो में मुस्कुराया कर।

धूप मायूस लौट जाती है 
छत पे किसी बहाने आया कर।

कौन कहता है दिल मिलाने को 
कम से कम हाथ तो मिलाया कर।

1 comment: