Wednesday, 26 April 2017

Shayri Part 34

Shayri Part 34

19ઓક્ટોબર


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“जो दोगे वहीं लौट कर आयेगा…
चाहे वो इज्जत हो.. या धोखा…!!”
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झुठे हैं वो जो कहते हैं हम सब मिट्टी से बने हैं
मैं कई अपनों से वाकीफ हूं जो पत्थर के बने हैं!
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“जी लूँ…कि भूल जाऊँ…लम्हा तेरे साथ का…?”
“माँग लूँ…कि रोक लूँ…दुआ तेरे नाम की…?”
“रख लूँ…या फेंक दूँ…वो तोहफ़ा तेरी याद का…?”
“छेड़ दूँ…कि ना छुऊँ…धुन तेरे प्यार की…?”
“जोड़ दूँ…कि तोड़ दूँ…ये कड़ियाँ एतबार की…?”
“थाम लूँ…कि जाने दूँ…वो परछाईयाँ इज़हार की…?”
“देख लूँ…कि जाने दूँ…ख़्वाब तेरी चाह का…?”
“लिख दूँ…कि रहने दूँ…नज़्म तेरे नाम की…?”
“जीत लूँ…कि हार जाऊँ…ये बाज़ी इंतज़ार की…?”
“सोच लूँ…कि छोड़ दूँ…ख़्याल तेरी याद का…?”
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हसरतेँ पुरी ना हो तो ना सहीँ,
ख्वाब देखना तो कोई गुनाह नही ।
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मजबूर ना करेंगे तुझे, वादे निभाने के लिए….
तू एक बार वापस आ अपनी यादें ले जाने के लिए…
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बहुत मसरूफ हो शायद , जो हम को भूल बैठे हो
न ये पूछा कहाँ पे हो , न यह जाना के कैसे हो !!!!
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जब कभी टूट कर बिखरो तो बताना हमको,
हम तुम्हें रेत के जर्रों से भी चुन सकते हैं…!!!
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जिंदगी में बेशक हर मौके का जरुर फायदा उठाओ,
मगर किसी के हालात और मजबूरी का नहीं !!
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मुस्कुराहट एक कमाल की “पहेली” है,,,,,
जितना बताती है, उससे कहीं ज्यादा छुपाती हैं..!!
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तुझे तराश तराश कर हीरा बना दिया मैंने . .
अब मुझसे ही तेरी कीमत अदा नहीं होती ..
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अगर मोहब्बत गुनाह है..!
तो समजो मैंने तो हद कर दी..!
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हसरतेँ पुरी ना हो तो ना सहीँ,
ख्वाब देखना तो कोई गुनाह नही ।
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उसने होंठों को अपने दांत में दबा के मुझसे कहा,…………
मैं दबाऊं तो दर्द क्यों ? तुम दबाओ तो लुत्फ़ क्यों………
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पत्थरों से ना किसी पे वार कर,
हो सके तो तू सभी से प्यार कर.
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इतनी चाहत तो लाखो रुपये पाने की भी नही होती..
जितनी बच्चों को देखकर बचपन में जाने की होती हैं..।।
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उम्र भर तैयार है,,,हम मुस्कुराने काे..
बस शर्त ये है कि,,,तुम साथ मुस्कराना….!!
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शोहरत……बेशक चुपचाप गुजर जाये…
कमबख्त….. बदनामी बड़ा शोर करती है..
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इंकार जैसी लज़्जत…
इक़रार में कहां…
ना.. ना.. में छुपी हो जब मोहब्बत…
फिर  हाँ.. हाँ..  मे  वो बात कहाँ….
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मौत शायद इसी को कहते है,
दिल अब किसी कि ख्वाहिश नहीं करता..!!
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तुम्हे हक़ है अपनी ज़िन्दगी जैसे चाहे जियो तुम….
बस जरा एक पल क लिए सोचना मेरी ज़िन्दगी हो तुम..!
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“प्यार आज भी तुझसे उतना ही है,
बस तुझे एहसास नही और हमने भी जताना छोड दिया””
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भुले नहीं हैं ना ही भुलेंगे तुमको ……..
तेरी यादों से तेरे दिये जख़्मों को कुरेदा करते हैं …….
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कोई माने या ना माने सच कह गए हैं लोग पुराने
जिसने एक रिश्ता तोड़ा वो सौ रिश्ते भी तोड़ेगा
तूने किसी को छोड़ा है तुझे भी कोई छोड़ेगा
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“तुमने समझा ही नहीं…और ना समझना चाहा…..
हम चाहते ही क्या थे तुमसे…?“तुम्हारे सिवा”..!”
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काश दर्द के भी पैर होते।
थक के रुक तो जाते कंही।
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रात जवान हो चली है चलो चलते हैं छत पर.,
तुम देखना चाँद को मैं तुम्हे देखूँगा.,
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बेवजह हो गयी तुमसे इतनी मुहब्बत
चलो…अब वजह बन जाओ जीने की…
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चूम लेती हैं लटक कर, कभी चेहरा कभी लब..
तुमने ज़ुल्फ़ों को बहुत सर पे चड़ा रखा हैं..!!
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दूर रहो मुझ से….
टूटा हुआ हूँ……
चुभ जाऊँगा….
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सही वक़्त पर पिए गए “कड़वे घूंट”
अक़्सर ज़िन्दगी “मीठी” कर दिया करते है।
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मैंने खुद को…”मै”…कहना छोड दिया…
जब से तुमने कहा…”तुम सिर्फ मेरे हो…”
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मुझे इंतज़ार करना बेहद पसंद है,
ये वक़्त उम्मीद से भरा होता है..
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तारा आगमन थी असर थई गयी छे,
मारा नाम साथे तारा नाम नी कसर रही गयी छे..!!
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आदत थी तू मेरी,
ख्वाहिश बन गई…
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रात होने वाली है
मिलता हूं ख्वाब में।
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हर सुबह बस इतनी सी ख़्वाहिश,
तेरा मुस्कुराता चेहरा देखूँ…!!
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वो हमसे बात अपनी मरजी से करते है…
पर हमारा पागलपन तो देखिये जनाब, कि हम..
उनकी मरजी का इँतेजार बडी शिद्दत से करते है…!!!!
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शिकायतें वहाँ होती हैं, जहाँ ऐतबार ना हो….
मेरा तो यकीन ही तुम हो, तो शिकायत कैसी……
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सितम को हमने बेरुखी समझा,
प्यार को हमने बंदगी समझा,
तुम चाहे हमे जो भी समझो,
हमने तो तुम्हे अपनी ज़िन्दगी समझा.
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आज नी जानकी जो आत्मकथा लखे
तो राम बनी ने जे बधा फरे ते आत्महत्या करे
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यादें बनकर जो मेरे साथ रहते हो,
तेरे इतने अहसान का सौ बार शुक्रिया….!!
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हु रेगीस्तान नु रण अने तु कोइ पाणी नु कण
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काश खुदा मनी मोज माणी शकु,
तारा दिल मा शु छे हु जाणी शकु..!!
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निकाल कर जिस्म से…अपनी जान दे देता है..
बडा ही मजबूत है…वो पिता…जो कन्यादान देता है…
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वक़्त अपनों के लिए निकाल लिया था,
पर अफ़सोस तब अपनों ने हमे निकाल लिया था..!!
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कैसे भुलु वो गली, जहा मुझे मेरी जींदगी मिली..
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फटी हो जेब,
तो पैसों के साथ
रिश्ते भी गिर जाते है!!!
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मैं उन आँखों के मैख़ाने में थोड़ी देर बैठा था……
मुझे दुनिया नशे का आज भी आदी बताती है….!!
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कागज़ के नोटों से आखिर किस किस को खरीदोगे,
किस्मत परखने के लिए यहाँ आज भी, सिक्का हीं उछाला जाता है ||
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सिग्रेट पीने वाला आदमी कभी मतलबी नहीँ होता
जिसे अपनी‪ जान ‬की चिँता नहीँ भला वो मतलबी कैसे?
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अँधेरे अब नहीं डसते, उजाले वार करते हैं;
जो दुश्मन भी नहीं करते, वो मेरे अपने करते हैं..
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प्रेम तो क्यरानोय एक्सपायर थई गयो
हवे तो आसु थी एनी याद अपडेट करु छु
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कभी यादें कभी बातें कभी पिछली मुलाकाते,
बहुत कुछ याद आता है तेरी एक याद आने से..!
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मैंने पूछ लिया- क्यों इतना दर्द दिया कमबख़्त तूने,
वो हँसी और बोली- मैं ज़िंदगी हूँ पगले तुझे जीना सिखा रही थी।
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मुझे उसकी ये मासुम अदा बहुत भाती है……
नाराज मुझ से होती है और गुस्सा सबको दिखाती है…..
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कुछ लम्हे बिताएं हैं मैंने तेरे संग,
कैसे कह दूं खुद को कि बदनसीब हूं मैं….
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सर पर जो हाथ फेरे तो हिम्मत मिल जाये,
माँ एक बार मुस्कुरा दे तो जन्नत मिल जाये !
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रोज तेरा इंतजार होता है रोज ये दिल बेकरार होता है,
काश तुम समझ सकते कि चुप रहने वालों को भी किसी से प्यार होता है.
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तरस गयी है तुम्हे देखने को ये आँखें..!!
थकी-थकी है, पर पलकें उठाये बैठे है..!!
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वो किताबो में दर्ज़ था ही नही,
सिखाया जो सब़क ज़िन्दगी ने !
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दिन में काम नहीं सोने देता..
रात में एक नाम नहीं सोने देता..
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जाने क्या था जाने क्या है जो मुझसे छूट रहा है,
यादें कंकर फेंक रही हैं और दिल अंदर से टूट रहा है।
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जरा सी बात पर न छोड़ किसी अपने का दामन,
जिंदगी बीत जाती है अपने को अपना बनाने में..!!
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अपने के दामन छोड़ गया हु,
देखो कफ़न में ओढ़ गया हु..!!
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अलफ़ाज़ तो बहुत हैं,मोहब्बत बयान करने के लिए।
पर जो खामोशी नहीं समझ सके, वो अलफ़ाज़ कया समझेंगे !!
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जब भी प्‍यार शब्‍द आता है
चेहरा उसी का याद आता है.:|
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वो तब भी थी अब भी है और हमेशा रहेगी
ये मोहब्बत है पढाई नही जो पूरी हो जाय..!!
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जब अल्फ़ाज़ पन्नों पे शोर करने लगें…
समझ लेना सन्नाटे बढ़ गये हैं दिल मे !
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कितनी बाते कहनी होती है,
जब कोई सुनने वाला नही होता है…..
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हमने काँटों को भी बड़ी नरमी से छुआ है यारों,
लोग कितने बेदर्द है फूलों को भी मसल देते है !
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आप काँटों की बात करते हो,
फूल दिल तोड़ चुके है हमारा..!!
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वक्त वक्त की बात है….
अपने साथ हो तो काँटे भी सहलाते है….
बाकी अकेले में तो फूल भी चुभते है।।।
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कैसे नादान है हम
दु:ख आता है तो अटक जाते है,
सुख आता है तो भटक जाते है।
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हम तो फूलों की तरह अपनी आदत से बेबस हैं
तोड़ने वाले को भी खुशबू की सजा देते है …
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मेरे सारे जज्बात बस शायरी में सिमट के रह गए ।
तुझे मालूम ही नही हम तुझसे क्या क्या कह गए..
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हम भी फूलों की तरह कितने बेबस हैं ,
कभी किस्मत से टूट जाते हैं , कभी लोग तोड़ जाते हैं..
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काश ये बात लोग समझ जाये कि,
रिश्तें एक दूसरे का ख्याल रखने के लिए बनाए जाते है…
एक दूसरे का इस्तेमाल करने के लिए नही।
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उसे पाने के ख्याल से जिन्दगी जी रही हूँ ..
बस ये ख्याल ,ख्याल ही ना रहे तो अच्छा है…
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उफ़,
अकेलापन ये कितना बढ़ गया है
सबके मोबाइल में केवल सेल्फ़ियाँ हैं…
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घर मेरा भूखा भूखा सा रहा ……
दफ्तर मेरा .. मेरे सारे इतवार खा गया ….
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जिसके लिए लिखता हूं आजकल,
वो कहती है अच्छा लिखते हो उनको सुनाऊंगी।!!!!
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विचार जरा
हु जेने वीचारु छु
ए तू ज केम !!!
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अब रात कहा….. अब नींद कहा
उसकी यादों से फुरसत कहा…!!!!
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“मतलब” का वजन बहुत ज्यादा होता है,
तभी तो “मतलब” निकलते ही रिश्ते हल्के हो जाते है.
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आशिक़ी लिखें , दीवानगी लिखें या अपनी ख़ामोशी लिखें …
दिल के जज़्बात अब अल्फ़ाज़ नहीं बनते आखिर आज क्या लिखें.
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जलती है औरों के लिए फिर भी बदनाम होती है
सिगरेट तू कहीं औरत तो नहीं।
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शुक्र है तुम मेरी ज़िन्दगी में हो,
तुमसे यह दुनिया मुझे खूबसूरत नजर आती है।
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बात कुछ और होती है,बयाँ कुछ और करते हैं….
ख़फा जब तुमसे होते हैं,तो जुल्म खुद पर करते है….
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“कैद खानें हैं… बिन सलाखों के
कुछ यूँ चर्चे हैं… तुम्हारी आँखों के”
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तू जो ना हो मेरे रु बरु,..
बिन तेरे जीने से मैं डरूँ.!!
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सोने ही वाले थे हम..कुछ ख्वाब देखते..
वो हकीकतों का वादा कर..जगा के चले गए..!!
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ज़माना वफादार नहीं हुआ तो क्या हुआ
धोकेबाज़ तो हमेशा ‪‎अपने‬ ही होते हैं …
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तू अगर ख़्वाब था मेरा तो बता,
क्यूं मेरी नींद से बाहर निकला…!!!!
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तुम हक़ीक़त-ए-इश्क़ हों या फ़रेब मेरी आँखों का,
न दिल से निकलते हो न मेरी ज़िन्दगी में आते हो…
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तूझमे और मूझमे फरक तो इतना सा है,
मै थोड़ासा पागल हूं, और मूझे पागल बनाया तूने है..
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वो जो दो पल थे,
तेरी और मेरी मुस्कान के बीच…!
बस वहीँ कहीं इश्क़ ने,जगह बना ली…!
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मौत ने चुपके से ना जाने क्या कहा?
और जिंदगी खामोश हो कर रह गयी।
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इमान बेचना है ।
सिर्फ एक शर्त्त पर ।
खरीदार ईमानदार होना चईये ।
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शायर को मस्त रखती है दाद-ए-मुहब्बत ।
सौ बोतलों का नशा है इक ‘वाह वाह’ में।।
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मशवरा तो देते रहते हो..
“खुश रहा करो”…
कभी कभी वजह भी
दे दिया करो…!!
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दुनिया में सैकड़ों “दर्द मंद” मिलते हैं
काम के लोग पर चंद मिलते हैं
जब मुसीबत आती है तो यारों
सबके दरवाज़े “बंद” मिलते हैं
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ये न कहना कि प्यार फर्ज़ी है
करना न करना तुम्हारी मर्ज़ी है
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तुझे भूलने के लिए मुझे सिर्फ़ एक पल चाहिए,
वह पल! जिसे लोग अक्सर मौत कहते हैं.
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मुझ से ज्यादा … तुझे शायद … मेरी आँखे चाहती है …
जब भी … तुझे सोचता हु … तो ये भर आती है …….
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चादर क़ब्र पर नहीं.
रात को उठ कर अपने अम्मी अब्बू पर डाल,
खुदा ज़्यादा ख़ुश होगा.
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पैसे का तो पता नही पर कुछ जगह पर नाम ऐसा
कमाया हूँ की वहाँ पैसा नही मेरा नाम चलता है.
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में भी जिन्दा हु…..
वो भी जिन्दा है….
कत्ल तो बेचारे इश्क़ का हुआ है
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बिना मेरे रह ही जायेगी कोई ना कोई कमी.
तूम जिंदगी को चाहे कितना भी संवार लो..
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वास्ता नही रखना तो फिर मुझपे नजर क्यूं रखती है,
मैं किस हाल में जिंदा हूँ तू ये सब खबर क्यूं रखती है
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“हंसते हुए चेहरों को गमों से आजाद ना समझो…
मुस्कुराहट की पनाहों मेँ हजारों दर्द होते हैँ….”
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“प्यार की तरह आधा अधूरा सा अल्फाज था मैं;
तुमसे जुडा ज़िंदगी की तरह पूरी गजल बन गया.”..
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पूछा जो हमने- किसी और के होने लगे हो क्या ?
वो हँस कर बोले – पहले तुम्हारे थे क्या ?
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मैं अभी तक समझ नहीं पाया तेरे इन फैसलो को ए खुदा,
उसके हक़दार हम नहीं या हमारी दुआओ में दम नहीं..
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यहाँ लिबास की क़ीमत है आदमी की नहीं,,
मुझे गिलास बड़े दे शराब कम कर दे..!!
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सिगरेट के धुएँ में मरहम ढूँढते-ढूँढते
खुदको हजार दफे जलाना याद हैं,.,!!
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उसने कहा हम दिन और रात जैसे है, कभी एक नही हो सकते…
मेने कहा आओ शाम को मिलते है
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दिल धड़कने का सबब याद आया,
वो तेरी याद थी अब याद आया
सबब – cause, reason
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अगर आपने मुझे लाखो में चुना है.
तो मेरा भी वादा है आप से..
करोड़ों की भीड़ में
खोने नहीं दूंगा आपको..!!
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मुझे मालूम नहीं हुश्न की तारीफ ,
मगर मेरी नजर में हसीन वो है जो तुझ जैसा हो ..
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किस्मत इक ऐसी तवायफ़ है…
जो हर किसी के लिये नही नाचती…!
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जिंदगी में सभी दोस्त बन कर नहीं आते . .
कुछ लोग सबक़ बन कर भी आते हैं . . .
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घोंसला बनाने में.. यूँ मशग़ूल हो गए,
उड़ने को पंख हैं.. हम ये भी भूल गए.
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डांट कर अपने बच्चों को अकेले में रोती है
वो मां है . . . . और मां ऐसी ही होती है…!!
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मोहब्बत की आजतक बस दो ही बातें अधूरी रही,
इक मै तुझे बता नही पायी और दूसरी तूम समझ नही पाये..
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कुछ लोग जिंदगी होते है….
मगर जिँदगी मेँ नहीँ होते…
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मैं जब किसी फ़क़ीर को हँसते हुवे देखता हूँ।
तो यकीन हो जाता है की….
खुशियों का तालुक दौलत से नही है..
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तुम इतना जो डूब के लिखते हो,
समझनहीं आता, फिर बचके कैसे निकलते हो !!
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मै… मै हूँ…तुम तुम हो…और दुनिया खूबसूरत है,
अब बताओ कि क्या…..किसी और की जरूरत है..!!!
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मैं रंग हु तेरे चेहरे का,
तू जितना खुश होगी मैं निखरता जाऊंगा।।
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सीख जाओ वक्त पर किसी की कदर करना…
शायद सैल्फी इस बात का प्रमाण है के हम ज़िंदगी में कितने अकेले है।
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तुझको पाना मेरा मकसद नही,,,,मै तो बस तेरे मुस्कराने की”वजह ” बनना चाहता हू….
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उफ़्फ़! कितनी बार कहा हैं, शाम ढले याद आया ना करो…
शाम की चाय ज़्यादा मिट्ठी हो जाती हैं…!!
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मेरी बिगडी आदतों में शुमार है आज़ भी,
तुम्हें सोचना, तुम्हें चाहना और चाहते रहना..
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निग़ाहों में अभी तक दूसरा कोई चेहरा ही नहीं आया.. !!
भरोसा ही कुछ ऐसा था,तेरे लौट आने का…!!
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है परेशानियाँ यूँ तो,बहुत सी मेरी ज़िंदगी मे,
लेकिन तेरी मोहब्बत के सिवा और कोई तंग नहीं करता..
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मंजिल मेरे कदमों से अभी दूर बहुत है…
मगर तसल्ली ये है कि कदम मेरे साथ हैं…!!!
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सोए हुए थे….!
सुकून से अचानक तड़प उठे,
यूँ आकर तेरे ख्याल ने अच्छा नहीं किया…!!!
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“माँ ज़िंदगी से कहो ना मुझे सताना बंद करे..,
उसे समझाओ ना हम तेरे कितने लाडले थे।।”
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अगर इश्क़ हुआ दुबारा तो भी तुझसे ही होगा…
मेरे नादान दिल को तुझ पर इतना भरोसा है…
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मैने तुम्हे उस दिन से ओर भी ज्यादा चाहा…
जिस दिन हमे पता चला की तूम हमारे होना नही चाहते !!!
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बंद कर दिए हैं हमने तो दरवाजे इश्क के,
पर कमबख़्त तेरी यादें तो दरारों से ही चली आई..!!
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“पूछा उसने मुझे कितना प्यार करते है… मैं चुप रहा यारो
क्योंकि मुझे तारो की गिनती नही आती…” .
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“मेरे सारे जज्बात बस शायरी में सिमट के रह गए,
तुझे मालूम ही नही हम तुझसे क्या क्या कह गए…!!!!!
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बदन के घाव् दिखा कर जो अपना पेट भरता है ।
सुना है, वो भिखारी जख्म भर जाने से डरता है ।
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यूँ तो हर बात सहने का जिगर है ,
बस एक तेरा नाम है जो मुझे कमजोर कर देता है ..
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शायरी उतने ही करो
कि बेरोजगार न लगो…
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मेरी शायरियों पे दाद मत देना….!!
दोस्तों।
जनाज़े को देख वाह-वाह नहीं करते…
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शु करू अधुरो तारा वीना..
पुरो ना थइ शकु तारा वीना..!
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कभी मुँह मे उसका नाम तो कभी‪ सिगरेट‬ का साथ
होंठो ‬ने हमेशा‪ चिगांरि ही पसंद की¡¡¡
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“साल भर जोह भूख छुपाता रहा लोगों से..
आज वोह फक्र से बतायेगा, मेरा रोज़ा है..!”
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शायर सब बड़े अच्छे लगते है..!
तुझे क्या हम अब भी बच्चे लगते है..!!
जिनको भी हम बच्चे लगते है..!
सच मानो मुझे वो बहोत कच्चे लगते है..!!
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तू छोड़ गयी तुझसे क्या खफा होना..!
खुदा ने ही लिखा था जुदा होना..!!
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हर बार मिली है मुझे अनजानी सी सज़ा,
मैं कैसे पूछूं तकदीर से मेरा कसूर क्या है।
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अचानक चौँक उठे निँद से हम . . किसी ने शरारत से कह दिया सुनो…!! वो मिलने आये है…!!
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मैं रोज़ ही रोज़े रख लूँ….!!
मगर एक शर्त हैं तुम चाँद बन जाओ…
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दर्द से हमारी अगर दोस्ती न होती,
शब्द होते मगर उनमें शायरी न होती…!!!
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अच्छा एक सिगरेटे पी के आता हूँ…
एक याद फसी है उसे धुए में उड़ा के आता हूँ..!!
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कुछ इस तरह मेरे गुनाहों को, वो धो देती हैं,,,,,
माँ बहुत गुस्से में होती है तो रो देती हैं ।
~ मुन्नवर राणा.
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बोलने का हक़ छीना जा सकता है
मगर ख़ामोशी का नही।।।
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~दोनों
बहुत दूर्लभ है
एकमुखी रूद्राक्ष
और एकमुखी इंसान !
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अजीब सौदागर हैं ये वक़्त भी।।
जवानी का लालच दे के बचपन ले गया
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वादा करके कहीं आ न जाना,
सारा नशा तो इंतज़ार का है..
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कह गई थी वो कभी ना आऊँगी ……
रात में रोज़ आ जाती है ख्वाबों मेँ झूठी कहीँ की….
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अच्छा हुआ ठुकरा दीया तुने,
मुजे प्यार चाहिए था तेरा एहसान नही…
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शिकायत जिन्दगी से नही,
उनसे हे जो जिन्दगी में नही है…
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इश्क करना है तो दर्द भी सेहना सीखो,
वर्ना ऐसा करो औकात मे रहना सीखो..
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और एक दिन देखते देखते खर्च हो गयी जिंदगी..
फिजूलखर्ची की आदत थी बचपन से मुझे…..
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इतनी चाहत तो लाखो रुपये पाने की भी नही होती …
जितनी बचपन की तस्वीर देखकर बचपन में जाने की होती हैं …
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जब अल्फ़ाज़ पन्नों पे शोर करने लगें,
समझ लेना सन्नाटे बढ़ गये हैं अंदर…
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सुना है तुम तकदीर देखने का हुनर रखते हो।
मेरा हाथ देख कर बताना कि पहले तुम आओगे या मौत.!!!
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ना जाने कितनी ही अनकही बातें साथ ले जाऊंगा,
लोग झूठ कहते रहेंगे कि खाली हाथ गया है !!
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छोटे बच्चे के निकले आंसू और सच्चे प्यार में निकले आंसू.
एक सामान हैं.
दोनों जानते हैं दर्द कहाँ है पर किसी को बता नहीं सकते !!
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हुआ था शोर पिछली रात को दो चाँद निकले हैं,
बताओ क्या ज़रूरत थी तुम्हे छत पर टहलने की,?
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आज तक बहुत भरोसे तुटे लेकिन भरोसे की आदत ना छुटी।।
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उगाम्या छे कदी खंजर दोस्तोंए
कदी दुश्मनोए उगारी लीधा छे
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फिर से हो रही थी मोहब्बत उन्हें मुझसे
ना खुलती आँख तो बस वो मेरे ही हो चुके थे.
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तेरी यादें…..कांच के टुकड़े…..!
और मेरा दिल ….नंगे पाँव…!!
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तुम्हे मुफ्त में जो मिल गए हम,
तुम कद्र ना करो ये तुम्हारा हक बनता है…!!
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दिल दुखाया करो इजाज़त है,
भूल जाने की बात मत करना ..
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गंगा में डुबकी लगाकर, तीर्थ किए हज़ार….
इनसे क्या होगा, अगर बदले नही विचार…
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हमने तो मोहब्बत छोड़ दी;
लेकिन मोहब्बत ने हमें कही का नहीं छोड़ा..!
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अच्छा हुआ जो मतलबी दोस्त छोड़ गये बुरे वक्त मे साथ मेरा,
वरना अच्छे वक्त मे मै इतनों का ख्याल कैसे रखता ???
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परवाह नहीं है पैरों के छालो की
परवाह है बस अपनी मंजिल पाने की
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सबक इस ज़िन्दगी में बस इतना ही मिला है
धोखा बस वो ही नहीं देते,
जिन्हें हम मौका नहीं देते….
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कल खुशीयो का दिन,
कैसे गुज़रेगा तुम बिन..!!
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कल का दिन मेरे लिए ख़ास है..!
क्या फायदा तू न मेरे पास है..!!
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काले खुशियो नी बहार छे..!
तारे ने मारे क्या वहेवार छे.!!
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काश कभी ऐसा हो जाए
मैं व्हाट्सएप्प करुँ भगवान को और
उसमे ब्लू टिक हो जाए…..
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मैं तबाह हूँ तेरे प्यार में तुझे दूसरों का ख्याल है
कुछ तो मेरे मसले पर गौर कर मेरी जिन्दगी का सवाल है
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ख्वाब आँखों से गये नींद रातों से गयी
तुम गये तो लगा जिन्दगी हाथों से गयी
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देखो तो सही उनकी चाहत में क्या नोबत आ गई
ये हवा भी अब ताना मार ने लगी की
तुम तडपते रहे गऐ और मैं तो उन्हें छु कर आ गई
*******
माना की मुझे नही आता किसी को मनाना…
.
पर दिल से कहता हूँ, तुझे कभी रुठने नही दूँगा…!!
*******
इश्क़ का सीज़न है साहब
दिल बेचने निकला हूं…
*******
दो टूटे हुए दिल मिलते है ना
तब मोह्ब्बत मैं धोखा नही होता
*******
अपनी औकात मे रहे ए वक्त……..याद रख-तेरे साथ साथ..”मै” भी बदलूंगा…।।।
*******
कभी-कभी पत्थर की ठोकर से
भी नहीं आती खरोंच..!
और कभी ज़रा सी बात से इंसान बिखर जाता है..!
*******
सारे फैसले खुदा के….
फिर गलतियाँ मेरी कैसे..!!
*******
और कुछ नहीं कहना, बस इतनी गुज़ारिश है…
तुम मुझे उतनी ही मिल जाओ,जितनी याद आती हो…
*******
प्रेमछे तारो आ केवा प्रकारनो के
पडछायो पण मारो पडे तारा आकारनो ।।।
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तेरा साथ खरीदने के लिए,
रोज़ थोड़ीशी जिदंगी बेच देताहु…..
*******
कई कहानिया अधूरी रह जाती है…पर
इसका मतलब ये नहीं होता की प्यार नहीं था!!
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कल क्या खूब इश्क़ से मैने बदला लिया..
कागज़ पर लिखा इश्क़ और उसे ज़ला दिया…
********
कुछ दोस्त कमाओ… थोड़ा प्यार खर्च करो
ज़िन्दगी में हिसाब… कुछ इस तरह से करो..
*******
निकाल दो हमारे सीने से ये कम्भख्त दिल,,,
इसी ने लगा रखा है मोहब्बत है,, मोहब्बत है…
*******
छूप छूप कर तेरी सारी तस्वीरें देखता हूँ,
बेशक तू खूबसूरत आज भी है,
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तारी चिंता मुजने खाई छे,
मुजने तरछोडी केम जाइ छे..!!
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ये कलम भी कमबख्त बहुत दिलजली है…..
जब जब भी मुझे दर्द हुआ ये खूब चली है….
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किस से सीखू मैं खुदा की बंदगी,
सब लोग खुदा के बँटवारे किए बैठे है,
जो लोग कहते है खुदा कण कण में है,
वही मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारे लिए बैठे हैं !
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दर्द वहाँ भी होता है,
नहीं मिलते जहाँ चोट के निशान.
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“दिली तमन्ना है कि मैं भी अपनी पलकों पे बैठाऊँ तुझको,
बस तू अपना वजन कम करले, तो मेरा काम आसान हो जाए”
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रहने दे मुझे,
इन अंधेरों में ग़ालिब…!!!
कमबख़्त रौशनी में,
अपनो के असली चहरे नज़र आ जाते है…!!!
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और कुछ भी ‘दरकार’ नहीँ मुझे तुझसे ‘मौला’
मेरी ‘चादर’ मेरे ‘पैरों’ के बराबर कर दे”..!!
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मेरे हो..तो बस बने रहो..
जताते हो तो गैर से लगते हो..
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मुझसे दूर रह कर खुश है तो खुश रहने दो उसे..
मुझे अपनी चाहत से ज्यादा उसकी मुस्कुराहट पसन्द है…!
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दुआ हैं हमारी …….!!!!!
ज़िन्दगी में हररोज वो चहेरां मुस्कुराता मिले..
जिस चहेरे को आप रोज आइने में देखते हो……!!!!!
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मुझे छोड़कर वो जिस शख्स के पास गयी,
बराबरी का भी होता तो सब्र आ जाता।।
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कम्बखत दिल पर चोट खाने की आदत सी पड़ गयी है,
वरना हम भला क्यों दुश्मनों से मिलने लगे..!!
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प्यार एक जीवन है ,
जिसके साथ जिन्दगी बिताने बाला चाहिये !
प्यार एक हीरा है ,जिसको खोजने बाला चाहिये !
प्यार एक रिश्ता है ,
जिसको अपनाने बाला चाहिये !
प्यार एक अहसास है ,
जिसको महसूस करने बाला चाहिये !
प्यार एक दीवानगी है ,
जिसमें खो जाने बाला चाहिये !
प्यार एक खुशी है ,
जिसको बाँटने बाला चाहिये !
प्यार एक बेजुवाँ शब्द है ,
जिसको बोलने बाला चाहिये !
प्यार एक विश्वास है ,
उसमें साथ चलने बाला चाहिये !
प्यार एक गम भी है ,
जिसमें आँसुं पोछने बाला चाहिये
प्यार एक आशिकी है ,
जिसका साथ निभाने बाला चाहिये !
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ये सुन ‪बेवफा‬..
मे नशे मे रहु, या ना रहु..
फिऱ भी मे लङखङाकर हि चलता हुं..
क्युंकि‬..
मुझे आज भी तेरे गली कि हवा..
शऱाब जैसी लगती है..
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मोहब्बत भी कितना प्यारा शब्द है पूरा कहने से
पहले ही एक होठ दूसरे होठ को चुम लेते है..
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न चाहकर भी मेरे लब पर ये फ़िरयाद आ जाती है……..
ऐ चाँद सामने न आ कीसी की याद आ जाती हैं……!!
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आसानी से कोई मिल जाये तो यह किस्मत की
बात है !
सब कुछ खो कर भी जो ना मिले उसे
मोहब्बत कहते हैं ! शायद।।
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वो ना भी मिले तो क्या हुवा..?
इश्क है हवस नही..
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बस ईतनी सी उर्म के तलबदार हैहम,
ना मरेंगे तुझसे पहले ना जिऐँगे तेरे बाद’;
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नही बसती किसी और की सुरत अब इन आँखो मे……
काश की हमने उसे इतने गौर से ना देखा होता…….
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ज़िद्द मत किया करो मेरी दास्तान सुनने की..,
मैं हँस कर कहूँगा तो भी तुम रोने लगोगे…!
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माना की मरने वालों को …….भुला देतें है सभी,
मुझ जिंदा को भूलकर तूने…. कहावतें बदल दी”
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“ज़िन्दगी जीने के लिए खुदा ने दी थी,
और मैंने किसी के इंतज़ार में गुज़ार दी.
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एक वो है, जो देता बेहिसाब है…..
और एक हम है……
जो नाम भी जपते हैं तो गिन-गिन के..!
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जरुरत नही मुझे तुम्हारी तारीफ़ करने की..
में लाया ही हु तुम्हे लाखो में चुन कर..
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देखा जाए तो अब तक कुछ तो खोया नही, फिर भी लगता है…
कुछ तो है, जो अब तक मिला ही नहीं….!!!!!
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जीतें है इस आस पर एक दिन तुम आओगे,
मरते इसलिए नहीं क्युँकी अकेले रह जाओगे..!!
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इतने मासूम सवाल कहाँ से ढूँढ लाते हो !
लगता है मोहब्बत से रिश्ता बना आये हो
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मेरे दोस्तों ने पूँछा कैसी दिखती है,
वो मैने हँसकर कहाँ अंदाजा लगा लो दोस्तों
वो आईना नही आईना उसे देखता है..
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वो बोले क्या अब भी हमारी याद आती है #
हमने भी हसकर बोला अपनी बर्बादी को कोन भूल सकता ह.!!
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“कामयाब होने के लिए अकेले ही आगे बढ़ना पड़ता है,
लोग तो पीछे तब आते है जब हम कामयाब होने लगते है…”
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“किसीके अच्छाई का इतना भी
फायदा मत उठाओ की वो बुरा
बनने के लिये मजबुर बन जाये…”
” बुरा ” हमेशा वही बनता हे,जो ” अच्छा ” बनके टूट चूका होता हे !
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इतनी चाहत तो लाखो रुपये पाने की भी नही होती..
जितनी बचपन की तस्वीर देखकर बचपन में जाने की होती हैं..!!
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एक तेरे सिवा हम किसी और के कैसे हो सकते हैं
तुही खुद सोच तेरे जैसा कोई और है क्या…
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महोब्बत तो किसी एक से होती है……..
औरों से तो बस समझौते होते हैं…..
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लफ्जों की कमी है आजकल….
” दिल ” की मरम्मत चल रही है…!!
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सितारे कुछ बताते हैं
नतीजा कुछ निकलता है
बड़ी हैरत में हैं
मेरी हथेली को देखने वाले
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” लोग माँ बाप कि “नसीहत” तोभूल
जाते हे, पर उनकी
“वसीयत” नहीं भूलते…”
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चलो ये जुर्म भी कबूल है जो तेरी इजाज़त के बगैर तुझे अपना समझा…
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गरीबों का मज़ाक मत उड़ाओ,
क्युँकि
गरीब होने में वक्त नहीं लगता…!!
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आदत नशे की नही हमे,
अगर आप बन जाओ नशा,
शराबी हमसा न होगा कोई…!!
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मोहब्बत से भरी कोई ग़ज़ल उसे पसंद नहीं
बेवफाई के हर शेर पे वो दाद दिया करते है…
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ये मेरी शायरी ने भी कमाल कर दिया,
आज शायरी सुनके उसने मुझसे कहा …
मेरी जान ले लो मगर मुझे बेबफा ना कहो ।।।
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एक हमसफ़र की तलाश थी…
जो शिद्दत से चाहें…
आखिर कार तन्हाई ने पूरी कर ही दी..!!
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जो तुम मिल जाये जमाने में,
मजा नही पैसे कमाने में..!!
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पहले जैसा रंग नहीं है जीवन की रंगोली में,
जाने कितना ज़हर भरा है अब लोगों की बोली में!
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वो मुझसे दूर…खुश है;
और मै उसे खुश देखने के लिए दूर हूँ…..!!!
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वक्त हर वक्त को बदल देता है….
सिर्फ वक्त को थोडा वक्त दो….
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तुम्हारी राह में मिटटी के घर नहीं आते
इसीलिए तुम्हे हम नज़र नहीं आते..
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मोहब्बतो के दिनों की यही खराबी है
ये रूठ जाएँ तो लौट कर नहीं आते
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जो मुझको साँप कहता है उससे में इक रोज़
जाकर लिपट गया, उसे चंदन बना दिया …!!
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कभी किसी की याद बहुत तड़पाती है
और कभी यादों के सहारे ज़िन्दगी कट जाती है..
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सब कहते हैं के इन्सान में रब होता है,
किससे पूछूँ, के ये इन्सान कहाँ होता है ?
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प्रेम नो इकरार करवामां
हु कायर छु,
ऐटले ज सनम आजे
हु शायर छु… !!!
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तने नही लागतु के हवे बहु थयूं,
तारा वगर नो हु, अने मारा वगर नी तू…!!
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जो परमात्मा को दिल देते हैं,
परमात्मा उन्हें दिल से देते हैं ।
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आज फिर पल खूबसूरत है,
दिल में बस तेरी ही सूरत है..
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रात भर तेरी दहलीज पर बैठी रहीं मेरी आंखे,
खुद नही आना था तो कोई ख्वाब ही भेज दिया होता !!
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ए दिल इन आँखो को तरसने दे,
आज बादल की बारी है उसे ही बरसने दे…
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रहने दो कि अब तुम भी मुझे पढ़ न सकोगे ;
बरसात में काग़ज़ की तरह भीग गया हूँ.
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सिलसिला चाहत का दोनो ही तरफ जारी था…
वो हमारी जान चाहते थे और हम जान से ज्यादा उन्हे..
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तेरी ख्वाहिश कर ली तो कौन सा गुनाह कर लिया..
लोग तो दुआ में पूरी कायनात मांग लिया करते है..
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पूछती नहीं तमने कमी कई छे…
बस एक तू ज छे मने गमी गई छे..
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भले तू मने छोड़ी ने वई गई..
पण तारी याद दिल मा रही गई..
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कमी जिंदगी नी शु रही,
गमी तू अने तू छोड़ी गयी…!!
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कलाई ना पकडा करो बहुत कहा है तुमसे,
बात चुडियो की नही जज्बात मचल जाते है…!!!
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जब वक्त आया तो वो बिक चुका था,
मुझे अमीर होने मे जरा सी देर हो गई !
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हर बेटी के भाग्य मे पिता होता है।
पर हर पिता के भाग्य मे बेटी नहीं होती||
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काश पता चल जाए उनको…
मैं भी उनका एक पता हूँ…..!!!!
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इतनी मनमानियाँ भी अच्छी नहीं होती___
तुम सिर्फ अपनी ही नहीं___मेरी भी हो
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कौन कम्बख्त मोबाईल की परवा करता है?
यहाँ तो दिल हैंग हो गया है..
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मैँने अपना गम आसमान को क्या सुना दिया…
शहर के लोगों ने बारीश का मजा ले लिया….
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एक चाहत थी तेरे साथ जीने की,
वरना मोहब्बत तो किसी से भी हो सकती थी !!
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जब भी चाहा सिर्फ तुम्हे चाहा,
पर कभी तुम से कुछ नही चाहा..
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सोचता हूँ तो छलक उठती हैं मेरी आँखें
तेरे बारे में न सोचूँ तो अकेला हो जाऊँ..
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ए चिरागों ना इतराओ तुम खुद पर इतना….
तुमसे तेज़ तो हमारे दिल जला करते है…
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बेजान तो मैं अब भी नही
पर जिसे जान कहते है वो छोड़ गयी।
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सच्चाई के इस जंग मे कभी झूठे भी जीत जाते है..
समय अपना अच्छा न हो तो कभी अपने भी बिक जाते है..
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एक सुकून की तलाश मे जाने कितनी बेचैनियां पाल ली,
और लोग कहते है हम बडे हो गए हमने जिंदगी संभाल ली.
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ए वरसाद नथी वरसतो हवे क्यारेय
ज्यारे आपड़े बन्ने साथे पलळया हता.
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ते छांटेंथी पलळशे
अने हुं अश्रु थी पलळीश..
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तलब करे तो मैं अपनी आँखें भी उन्हें देदू;
मगर ये लोग मेरी आँखों के ख्वाब मांगते हैं।
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तैयार रहते हैं आंसू मेरी पलकों पे अक्सर,
तेरी यादों का कोई वक़्त मुक़र्रर जो नहीं है…!!
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तेरा मिलना लाख खुशी की बात सही
पर तुझसे मिलके ,उदास रहते हैं…
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जो व्यस्त थे , वो व्यस्त ही निकले..
वक्त पर फ़ालतू लोग ही काम आये..
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मत पूछ कैसा हूँ मैं ,
तू भूला ना पायेगी वैसा हूँ मैं…
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मैंने कहा प्यार अधूरा ही रहता है अक्सर
वो हँसते हुए बोला पूरा करके खत्म नहीं करना है मुझे.!!
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देखा करो कभी अपनी माँ की आँखों में,
ये वो आईना है जिसमें बच्चे कभी बूढ़े नहीं होते.
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हर पल जाती मेरी सांस है,
उसके आने की अब न आस है..!!
न किसी के आने की आस है,
न प्यार करने वाला पास है..!!
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सोया तो था में जिंदगी को अलविदा कह कर दोस्तों,
किसी की बे-पनाह दुआओ ने मुझे फिर से जगा दिया..
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“जब नफरत करते करते थक जाओगी…
तब एक मौका प्यार का भी देना!!!”
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कोई बनता ही नही मेरा…,
तुम अपनी ही मिसाल ले लो.!
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“वो इश्क़ मे शायद हमारा इम्तिहान ले रहे है ,
लेकिन उन्हे क्या मालूम वो हमारी जान ले रहे है❗❗
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उदास हूँ पर तुझसे नाराज नहीं…
तेरे दिल में हूँ पर तेरे पास नहीं…
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ये बारिश भी तुम सी है
जो थम गई तो थम गई
जो बरस गई तो बरस गई
कभी आ गई यूँ बेहिसाब
कभी थम गई बन आफताब
कभी गरज गरज कर बरस गई
कभी बिन बताये यूँ ही गुज़र गई
कभी चुप सी है
कभी गुम सी है
ये बारिश भी सच…
तुम सी है…
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तुम्हें लिखते हुए यूँ ही लगा कि
इन्तजार से लंबा कोई शब्द नहीं.
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तूने मेरा “आज” देख के मुझे ठुकराया है,
हमने ताे तेरा”गुजरा कल” देख के भी मुहाेब्बत की थी..!!
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जिंदगी अंधे भिखारी का कटोरा हो गई है..
लोग खुशियाँ डालते कम उठाते ज्यादा है ..
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1. “राधे कृष्ण” का मतलब
राह दे कृष्ण
2. “राधिका कृष्ण” का मतलब
राह दिखा कृष्ण
3. “मीरा कृष्ण” का मतलब
मेरा कृष्ण
4. “हरे कृष्ण” का मतलब
हर एक का कृष्ण
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शायरी का बादशाह हुं और कलम मेरी रानी,
अल्फाज़ मेरे गुलाम है, बाकी रब की महेरबानी ।
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ये जो चंद फुर्सत के लम्हे मिलते हैं जीने के लिए,
मैं उन्हें भी तुम्हे सोचते हुए ही खर्च कर देता हूँ!!
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मैं वो हूँ जो कहता था कि इश्क में क्या रखा है।
आजकल एक हीर ने मुझे राँझा बना रखा है।
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हम तो पागल है जो शायरी में ही दिल की बात कह देते है….
“लोग तो गीता पे हाथ रखके भी सच नहीं बोलते !!!”
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मेरे गालों को चूमती ये ठण्डी हवाएँ…
“सौतने” तुम्हारी भी कम नहीं है …
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शायरी से भरे पन्नों को छूकर देखा है कभी…
कोई दिल वहाँ भी धड़का करता है…
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ये मेरा टूटना और बिखरना इत्तेफाकन नहीँ है…!!
एक शख्स ने इसके लिये मेहनत बहुत की है
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पहले मोहब्बत पलो की और यादें बरसो रहा करती थी
अब मोहब्बत चंद दिनों की और यादें पलो की होती है
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कोई तो आये दो बूंद आंसू लेकर मेरे वास्ते,….
सारी यादें जैसे सूख सी गयी है इन आँखों में कही….
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मोहब्बत किससे और कब हो जाये अदांजा नहीं होता..!
ये वो घर है, जिसका दरवाजा नहीं होता..!
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मोहब्बत दस्तक दे भी तो भला कैसे दे…
गरीबों के घर में तो दरवाजे ही नहीं होते…
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रुक गयी है आज ये कहकर मेरी कलम..
एहसास क़ीमती हैं, ज़रा खर्च करो कम..
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उलझनों और कश्मकश में उम्मीद की ढाल लिए बैठा हूँ …
ए जिंदगी! तेरी हर चाल के लिए मैं दो चाल लिए बैठा हूँ..
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ना मेरा दिल बुरा था न उसमें कोई बुराई थी,,,
सब मुक़्क़दर की खेल है बस किस्मत में जुदाई थी…
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शब्दों चोटदार हु वणी रह्यो छु,
दुःख लखवानु हु भणी रह्यो छु..!
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एक ग़ज़ल तुम्हारे लिए जरूर लिखेंगे..
बे-हिसाब उसमे तुम्हारा कसूर लिखेंगे
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रात की तन्हाई में तो हरकोई याद कर लेता है…
सुबह उठते ही जो याद आये, प्यार उसे कहते है!
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लफ़्ज़ सारे फीके से थे मेरे…
शायरी तो दरअसल, तेरी उन आँखों में थी.
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किसी को अपना बनाना, हुनर ही सही,
लेकिन किसी का बन के रहना कमाल होता है..
*******
कोई पूछ रहा मुझसे मेरी जिंदगी
की कीमत .
मुझे याद आ रहा है तेरा हल्का सा मुस्कुराना !!
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कमी तेरी….
आज फिर मुझको खटक गयी,
ज़िन्दगी….
आज फिर से काश पे अटक गयी..!
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“बड़ा ही खामोश सा अँदाज है तुम्हारा..,
समझ नही आता फिदा हो जाऊँ या फनाह हो जाऊँ..”
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अब भी रोज तुम्हारे स्टेट्स पर एक नजर मार लेता हूं,,
ये सोच कर शायद तुमने मेरे बारे में भी कुछ लिखा होगा…!!!
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लोग चाँद तलाशते थे मेरी जेब में ।
मैं अक्सर तुम्हारी तस्वीर रखना भूल जाता था ।।


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