- रात को दिन में मिलाने की हवस थी हमको काम अच्छा ना था अंजाम भी अच्छा ना हुआ
- समझ नही आता क्या कमी है मेरी चाह में ..! क्यूं नही आता तेरा घर कभी मेरा राह में ...!!!
- सुबह आँख खुलते ही आ गई याद तुम्हारी दिमाग में घूम गया तुम्हारा मुस्कुराता चेहरा और.. हो गई मुस्कुरा कर दिन की शुरुआत हमारी!
- कई जीत बाकी है कई हार बाकी हैं अभी तो जिन्दगी का सार बाकी है यहाँ से चले है नई मंजिल के लिए यह एक पन्ना था अभी तो किताब बाकि है.....
- काबिले तहसीन हो या न हो मगर ये सच है इजहारे इश्क का हरेक लफ्ज़ तेरा दिवाना है जो फासलों से भी मिटा दे बेचैनियाँ दिल की वौ मेरा इश्क
- मेरे सपने मेरा कल है जिसे शायद ना देख पाऊँ इसलिए तुम्हारे साथ बीते पल संजोकर रखना चाहती हूँ तुम्हारे साथ दिल खोलकर जीना चाहती हूँ..
- ख्वाहिशें भी कितनी अजीब होती हैं.. ये मनुष्य को जीने नहीं देती, और मनुष्य है की, ख्वाहिशों को मरने नहीं देता. !!!
- लोगों पर भरोसा करते वक्त ज़रा सावधान रहिये, क्यूँकी फिटकरी और मिश्री एक जैसे ही नजर आते है
- "जहाँ उम्मीद थी ज्यादा वही से खाली हाथ आये, बबूलों से भी बुरे निकले तेरे गुलमहोर के साये..."
- अपनी हर सांस तेरी गुलाम कर रखी है लोगों ये जिंदगी बदनाम कर रखी है आईना भी नहीं अब तो किसी काम का हमने तो अपनी परछाइ भी तेरे नाम कर रखी है ।
- रात के इस दरवाज़े के नीचे से सरक कर ... तुम्हारी यादों का अख़बार रोज़ आ जाता है ...
- जिंदगी हे सफर जिंदगी हे सफर का सील सिला, कोइ मिल गया कोइ बिछड़ गया, जिन्हे माँगा था दिन रत दुआ ओमे, वो बिना मांगे किसी और को मिल गया.
- *रोने पर आँसू भी पराये हो* *जाते* *मुझे तो आप जैसे अपने* *चाहिए *मुझे ना रोना है न ही अपनो *को खोना है *बस इसी एतबार को साथ लेकर *जीना है
- "कुछ इस तरह से सौदा किया मुझसे मेरे वक़्त ने, तजुर्बे देकर वो मुझसे मेरी नादानीयाँ ले गया"
Friday, 28 April 2017
रात को दिन में मिलाने की हवस थी हमको
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