एक मुद्दत से मेरे हाल से बेगाना है,
एक मुद्दत से मेरे हाल से बेगाना है,
जाने ज़ालिम ने किस बात का बुरा माना है,
मैं जो ज़िद्दी हूँ तो वो भी कुछ कम नहीं,
मेरे कहने पर कहाँ उसने चले आना है..!!
जाने ज़ालिम ने किस बात का बुरा माना है,
मैं जो ज़िद्दी हूँ तो वो भी कुछ कम नहीं,
मेरे कहने पर कहाँ उसने चले आना है..!!
याद तेरी आती है क्यो.यू तड़पाती है क्यो?
दूर हे जब जाना था.. फिर रूलाती है क्यो?
दर्द हुआ है ऐसे, जले पे नमक जैसे.
खुद को भी जानता नही, तुझे भूलाऊ कैसे?
शहर का लडका गाव की लडकी पटाता है.
लडका: तुमको whatsapp चलाना आता है?
लडकी: नहीं, पर तुम चलाना में पीछे बैठ जाउंगी..!!
लडका: तुमको whatsapp चलाना आता है?
लडकी: नहीं, पर तुम चलाना में पीछे बैठ जाउंगी..!!
देख कर उसको अक्सर हमे एहसास होता है,
कभी कभी गम देने वाला भी बहुत ख़ास होता है,
ये और बात है वो हर पल नही होता हमारे पास,
मगर उसका दिया गम अक्सर हमारे पास होता है…!
कभी कभी गम देने वाला भी बहुत ख़ास होता है,
ये और बात है वो हर पल नही होता हमारे पास,
मगर उसका दिया गम अक्सर हमारे पास होता है…!
हमने भी कभी प्यार किया था,
थोड़ा नही बेशुमार किया था,
दिल टूट कर रह गया,
जब उसने कहा, अरे मैने तो मज़ाक किया था…
थोड़ा नही बेशुमार किया था,
दिल टूट कर रह गया,
जब उसने कहा, अरे मैने तो मज़ाक किया था…
इंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी है,
खामोशियो की आदत हो गयी है,
न सीकवा रहा न शिकायत किसी से,
अगर है तो एक मोहब्बत,
जो इन तन्हाइयों से हो गई है..!
खामोशियो की आदत हो गयी है,
न सीकवा रहा न शिकायत किसी से,
अगर है तो एक मोहब्बत,
जो इन तन्हाइयों से हो गई है..!
दिल की वादी से ख़िज़ाओं का अजब रिश्ता है,
फूल ताज़ा तेरी यादों के कहाँ तक रक्खूँ !!
ख़ामोश रास्तों पे नई दास्ताँ लिखूँ,
तन्हा चलूँ सफ़र में मगर कारवाँ लिखूँ !!
ऊँचाईयों की नब्ज़ पे रख के मैं उंगलियाँ,
तेरी हथेलियों पे कई आस्माँ लिखूँ..!!
फूल ताज़ा तेरी यादों के कहाँ तक रक्खूँ !!
ख़ामोश रास्तों पे नई दास्ताँ लिखूँ,
तन्हा चलूँ सफ़र में मगर कारवाँ लिखूँ !!
ऊँचाईयों की नब्ज़ पे रख के मैं उंगलियाँ,
तेरी हथेलियों पे कई आस्माँ लिखूँ..!!
एक मुद्दत से मेरे हाल से बेगाना है,
एक मुद्दत से मेरे हाल से बेगाना है,
जाने ज़ालिम ने किस बात का बुरा माना है,
मैं जो ज़िद्दी हूँ तो वो भी कुछ कम नहीं,
मेरे कहने पर कहाँ उसने चले आना है..!!
जाने ज़ालिम ने किस बात का बुरा माना है,
मैं जो ज़िद्दी हूँ तो वो भी कुछ कम नहीं,
मेरे कहने पर कहाँ उसने चले आना है..!!
याद तेरी आती है क्यो.यू तड़पाती है क्यो?
याद तेरी आती है क्यो.यू तड़पाती है क्यो?
दूर हे जब जाना था.. फिर रूलाती है क्यो?
दर्द हुआ है ऐसे, जले पे नमक जैसे.
खुद को भी जानता नही, तुझे भूलाऊ कैसे?
शहर का लडका गाव की लडकी पटाता है.
शहर का लडका गाव की लडकी पटाता है.
लडका: तुमको whatsapp चलाना आता है?
लडकी: नहीं, पर तुम चलाना में पीछे बैठ जाउंगी..!!
लडका: तुमको whatsapp चलाना आता है?
लडकी: नहीं, पर तुम चलाना में पीछे बैठ जाउंगी..!!
देख कर उसको अक्सर हमे एहसास होता है,
देख कर उसको अक्सर हमे एहसास होता है,
कभी कभी गम देने वाला भी बहुत ख़ास होता है,
ये और बात है वो हर पल नही होता हमारे पास,
मगर उसका दिया गम अक्सर हमारे पास होता है…!
कभी कभी गम देने वाला भी बहुत ख़ास होता है,
ये और बात है वो हर पल नही होता हमारे पास,
मगर उसका दिया गम अक्सर हमारे पास होता है…!
हमने भी कभी प्यार किया था,
हमने भी कभी प्यार किया था,
थोड़ा नही बेशुमार किया था,
दिल टूट कर रह गया,
जब उसने कहा, अरे मैने तो मज़ाक किया था…
थोड़ा नही बेशुमार किया था,
दिल टूट कर रह गया,
जब उसने कहा, अरे मैने तो मज़ाक किया था…
इंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी है,
इंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी है,
खामोशियो की आदत हो गयी है,
न सीकवा रहा न शिकायत किसी से,
अगर है तो एक मोहब्बत,
जो इन तन्हाइयों से हो गई है..!
खामोशियो की आदत हो गयी है,
न सीकवा रहा न शिकायत किसी से,
अगर है तो एक मोहब्बत,
जो इन तन्हाइयों से हो गई है..!
दिल की वादी से ख़िज़ाओं का अजब रिश्ता है,
दिल की वादी से ख़िज़ाओं का अजब रिश्ता है,
फूल ताज़ा तेरी यादों के कहाँ तक रक्खूँ !!
ख़ामोश रास्तों पे नई दास्ताँ लिखूँ,
तन्हा चलूँ सफ़र में मगर कारवाँ लिखूँ !!
ऊँचाईयों की नब्ज़ पे रख के मैं उंगलियाँ,
तेरी हथेलियों पे कई आस्माँ लिखूँ..!!
फूल ताज़ा तेरी यादों के कहाँ तक रक्खूँ !!
ख़ामोश रास्तों पे नई दास्ताँ लिखूँ,
तन्हा चलूँ सफ़र में मगर कारवाँ लिखूँ !!
ऊँचाईयों की नब्ज़ पे रख के मैं उंगलियाँ,
तेरी हथेलियों पे कई आस्माँ लिखूँ..!!
न वफा का जिकर होगा,
न वफा का जिकर होगा,
न वफा कि बात होगी,
अब मोहब्बत जिससे भी होगी,
.
.
.
गेहूँ काटने के बाद होगी..!!
न वफा कि बात होगी,
अब मोहब्बत जिससे भी होगी,
.
.
.
गेहूँ काटने के बाद होगी..!!
मुद्दत से तमन्ना हुई अफसाना न मिला ……
मुद्दत से तमन्ना हुई अफसाना न मिला ……
हम खोजते रहे मगर ठिकाना न मिला …………..
लो आज फिर चली गई जिंदगी नजरो के सामने से ……
और उसे कोई रुकने का बहाना न मिला
हम खोजते रहे मगर ठिकाना न मिला …………..
लो आज फिर चली गई जिंदगी नजरो के सामने से ……
और उसे कोई रुकने का बहाना न मिला
गर मेरी चाहतों के मुताबिक ज़माने की हर बात होती,
गर मेरी चाहतों के मुताबिक ज़माने की हर बात होती,
तो बस मैं होता..तुम होती..और सारी रात बरसात होती !!
तो बस मैं होता..तुम होती..और सारी रात बरसात होती !!
तुमने कहा था आँख भर के
तुमने कहा था आँख भर के
देख लिया करो मुझे, अब आँख भर आती है,
पर तुम नज़र नही आते...
देख लिया करो मुझे, अब आँख भर आती है,
पर तुम नज़र नही आते...
में खफा नहीं हूँ जरा उसे बता देना
में खफा नहीं हूँ जरा उसे बता देना
आता जाता रहे
यहाँ इतना समझा देना !
में उसके गम में शरीक हूँ
पर मेरा गम न उसे बता देना,
जिन्दगी कागज की किश्ती सही,
शक में न बहा देना !
आता जाता रहे
यहाँ इतना समझा देना !
में उसके गम में शरीक हूँ
पर मेरा गम न उसे बता देना,
जिन्दगी कागज की किश्ती सही,
शक में न बहा देना !
दिल जित ले वो नजर हम भी रखते है,
दिल जित ले वो नजर हम भी रखते है,
भीड़ में नजर आये वो असर हम भी रखते है,
यु तो वादा किया है किसीसे मुस्कुराने का वरना आँखों में समंदर हम भी रखते है
भीड़ में नजर आये वो असर हम भी रखते है,
यु तो वादा किया है किसीसे मुस्कुराने का वरना आँखों में समंदर हम भी रखते है
बुद्धु हैं वो लोग जो पल्लू से बाँध कर रखते हैं आशा;
बुद्धु हैं वो लोग जो पल्लू से बाँध कर रखते हैं आशा;
मुझ पर यक़ीन रखिए मैं हूँ आपकी प्यारी सी निराशा
मुझ पर यक़ीन रखिए मैं हूँ आपकी प्यारी सी निराशा
चल पडी है कश्तीयां समंदर, दूर है किनारा
चल पडी है कश्तीयां समंदर, दूर है किनारा
इन मौजों से पूछ लेना क्या हाल है हमारा ?
अब हवाऐं करेंगी रोशनी का फ़ैसला,
जिस दिये में जान होगी, वो दिया रह जायेगा ॥
इन मौजों से पूछ लेना क्या हाल है हमारा ?
अब हवाऐं करेंगी रोशनी का फ़ैसला,
जिस दिये में जान होगी, वो दिया रह जायेगा ॥
दिल की बात दिल में ना रहे ॥
दिल की बात दिल में ना रहे ॥
आखों के ख्वाब, आखों में ना रहें ॥
दिल की बात इस लिये कह दी आप को ॥
के, गलती से आप, किसी और के दिल में ना रहे ॥
आखों के ख्वाब, आखों में ना रहें ॥
दिल की बात इस लिये कह दी आप को ॥
के, गलती से आप, किसी और के दिल में ना रहे ॥
दोस्त ने दोस्त को, दोस्त के लिए रुला दिया,
दोस्त ने दोस्त को, दोस्त के लिए रुला दिया,
क्या हुआ जो किसी के लिए उसने हमें भुला दिया,
हम तो वैसे भी अकेले थे
अच्छा हुआ जो उसने हमे एहसास तो दिला दिया.
क्या हुआ जो किसी के लिए उसने हमें भुला दिया,
हम तो वैसे भी अकेले थे
अच्छा हुआ जो उसने हमे एहसास तो दिला दिया.
वे मेरी खिड़की की सिल पर आने लगे हैं
वे मेरी खिड़की की सिल पर आने लगे हैं
मेरी मुहब्बत के गीत गुनगुनाने लगे हैं
हाय ओ रब्बा अब मैं क्या करूँ?
जी तो चाहे उनके संग नाच करूँ ।
मेरी मुहब्बत के गीत गुनगुनाने लगे हैं
हाय ओ रब्बा अब मैं क्या करूँ?
जी तो चाहे उनके संग नाच करूँ ।
आए ज़िंदगी में….
तुम आए ज़िंदगी मे कहानी बन कर,
तुम आए ज़िंदगी मे रात की चाँदनी बन कर,
बसा लेते है जिन्हे हम आँखो मे,
वो अक्सर निकल जाते है आँखो से पानी बन कर
तुम आए ज़िंदगी मे रात की चाँदनी बन कर,
बसा लेते है जिन्हे हम आँखो मे,
वो अक्सर निकल जाते है आँखो से पानी बन कर
अच्छे खासों को पगला देती है मोहब्बत
अच्छे खासों को पगला देती है मोहब्बत
वरना सभी लोग तो समझदार ही होते हैं।
दिल जान लुटाकर भी बहक जाते हैं पर
किसी और के लिए तिल भी नहीं खोते हैं।
वरना सभी लोग तो समझदार ही होते हैं।
दिल जान लुटाकर भी बहक जाते हैं पर
किसी और के लिए तिल भी नहीं खोते हैं।
सर्द रात की स्याही ज़रा छँटने लगी है
सर्द रात की स्याही ज़रा छँटने लगी है
मेरे कमरे की खिड़की अब खुलने लगी है
कल तक चाँद सितारे मुझे पास बुलाते थे
आसमान में नाच नाचकर टिमटिमाते थे
मेरे कमरे की खिड़की अब खुलने लगी है
कल तक चाँद सितारे मुझे पास बुलाते थे
आसमान में नाच नाचकर टिमटिमाते थे
मैने कब तुझसे ज़माने की खुशी माँगी हैं
मैने कब तुझसे ज़माने की खुशी माँगी हैं
एक हल्की सी मेरे लब ने हँसी माँगी हैं
सामने तुझको बिठाकर तेरा दीदार करूँ
अपनी आँखों में बसा कर कोई इक़रार करू
जी में आता हैं के जी भर के तुझे प्यार करू...
एक हल्की सी मेरे लब ने हँसी माँगी हैं
सामने तुझको बिठाकर तेरा दीदार करूँ
अपनी आँखों में बसा कर कोई इक़रार करू
जी में आता हैं के जी भर के तुझे प्यार करू...
मैने कब तुझसे ज़माने की खुशी माँगी हैं
मैने कब तुझसे ज़माने की खुशी माँगी हैं
एक हल्की सी मेरे लब ने हँसी माँगी हैं
सामने तुझको बिठाकर तेरा दीदार करूँ
अपनी आँखों में बसा कर कोई इक़रार करू
जी में आता हैं के जी भर के तुझे प्यार करू...
एक हल्की सी मेरे लब ने हँसी माँगी हैं
सामने तुझको बिठाकर तेरा दीदार करूँ
अपनी आँखों में बसा कर कोई इक़रार करू
जी में आता हैं के जी भर के तुझे प्यार करू...
मैने कब तुझसे ज़माने की खुशी माँगी हैं
मैने कब तुझसे ज़माने की खुशी माँगी हैं
एक हल्की सी मेरे लब ने हँसी माँगी हैं
सामने तुझको बिठाकर तेरा दीदार करूँ
अपनी आँखों में बसा कर कोई इक़रार करू
जी में आता हैं के जी भर के तुझे प्यार करू...
एक हल्की सी मेरे लब ने हँसी माँगी हैं
सामने तुझको बिठाकर तेरा दीदार करूँ
अपनी आँखों में बसा कर कोई इक़रार करू
जी में आता हैं के जी भर के तुझे प्यार करू...
मैने कब तुझसे ज़माने की खुशी माँगी हैं
मैने कब तुझसे ज़माने की खुशी माँगी हैं
एक हल्की सी मेरे लब ने हँसी माँगी हैं
सामने तुझको बिठाकर तेरा दीदार करूँ
अपनी आँखों में बसा कर कोई इक़रार करू
जी में आता हैं के जी भर के तुझे प्यार करू...
एक हल्की सी मेरे लब ने हँसी माँगी हैं
सामने तुझको बिठाकर तेरा दीदार करूँ
अपनी आँखों में बसा कर कोई इक़रार करू
जी में आता हैं के जी भर के तुझे प्यार करू...
मैने कब तुझसे ज़माने की खुशी माँगी हैं
मैने कब तुझसे ज़माने की खुशी माँगी हैं
एक हल्की सी मेरे लब ने हँसी माँगी हैं
सामने तुझको बिठाकर तेरा दीदार करूँ
अपनी आँखों में बसा कर कोई इक़रार करू
जी में आता हैं के जी भर के तुझे प्यार करू...
एक हल्की सी मेरे लब ने हँसी माँगी हैं
सामने तुझको बिठाकर तेरा दीदार करूँ
अपनी आँखों में बसा कर कोई इक़रार करू
जी में आता हैं के जी भर के तुझे प्यार करू...
मुद्दत से तमन्ना हुई अफसाना न मिला ……
हम खोजते रहे मगर ठिकाना न मिला …………..
लो आज फिर चली गई जिंदगी नजरो के सामने से ……
और उसे कोई रुकने का बहाना न मिला
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