Wednesday 12 April 2017

तुझसे मिलने की बेताबी का वो अंजाम कैसे भुलादूँ,

तुझसे मिलने की बेताबी का वो अंजाम कैसे भुलादूँ,

तेरे लवो की हँसी और आँखों की जाम कैसे भुलादूँ,
दिल तो हमारा भी तड़पता हैं तेरा साथ पाने को,
पर इस जहाँ के रश्मो - रिवाज कैसे भुलादूँ.
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चिराग खुशियों के कब से बुझाए बैठे हैं,
कब दीदार होगी उनसे हम आश लगाए बैठे हैं,
हमें मौत आएगी उनकी ही बाहों में ......
हम मौत से ये सर्त लगाए बैठे हैं.
चुपके से धड़कन में उतर जायेंगे,
राहें उल्फत में हद से गुजर जायेंगे,
आप जो हमें इतना चाहेंगे.....,
हम तो आपकी साँसों में पिघल जायेंगे.
दिल में सिर्फ आप हो और कोई खाश कैसे होगा,
यादों में आपके सिवा कोई पास कैसे होगा,
हिचकियाँ कहती हैं आप मुझे याद करते हो,
पर बोलोगे नहीं तो मुझे ये एहसास कैसे होगा.
दिल में कोई और बसा तो नहीं,
ये चाहत इश्क की ज्यादा तो नहीं,
सब मुझे चाहने लगे हैं....,
कहीं मुझ में तुम्हारे जैसी कोई अदा तो नहीं.
तुझको मिल जायेगा बेहतर मुझसे,
मुझको मिल जायेगा बेहतर तुझसे,
फिर भी दिल में एक ख्याल आता हैं,
जानी तू जो मिल जाए तो बेहतर हैं सबसे.
हमारी गलतियों से कही टूट न जाना,
हमारी शरारत से कही रूठ न जाना,
तुम्हारी चाहत ही हमारी जिंदगी हैं,
इस प्यारे से बंधन को भूल न जाना.
तेरा ख़याल तेरी आरजू न गयी,
मेरे दिल से तेरी जुस्तजू न गयी,
इश्क में सब कुछ लुटा दिया हँसकर मैंने,
मगर तेरे प्यार की आरजू न गयी.....
Shayri in Hindi
तेरी चाहत में हम ज़माना भूल गये,
किसी और को हम अपनाना भूल गये,
तुम से मोहब्बत हैं बताया सारे जहाँ को,
बस एक तुझे ही बताना भूल गये......
आँखों के सामने हर पल आपको पाया हैं,
अपने दिल में भी सिर्फ आपको ही बसाया हैं,
आपके बिना हम जिए भी तो कैसे........,
भला जान के बिना भी कोई जी पाया हैं.
आपने कहा मोहब्बत पूरी नहीं होती |
हम कहते हैं हर बार ये बात जरुरी नहीं होती ||
मोहब्बत तो वो भी करते हैं उनसे......|
जिन्हें पाने की कोई उम्मीद नहीं होती ||
यकीन नहीं तुझे अगर, तो आज़मा के देख ले,
एक बार तू, जरा मुस्कुरा के देख ले,
जो ना सोचा होगा तूने, वो मिलेगा तुझको भी,
एक बार आपने कदम,बढ़ा के देख ले |



दिल लगता नहीं है अब तुम्हारे बिना,
खामोश से रहने लगे है तुम्हारे बिना,
जल्दी लौट के आओ अब यही चाह है,
वरना जी ना पाएँगे तुम्हारे बिना |
याद तो हर कोई करेगा जाने के बाद,
सच्चे प्यार का पता चल जाएगा वख्त आने के बाद,
कौन कितनी मुहोब्बत करता है,
नजर आएगा मर जाने के बाद |
दिल में रहते थे जो नजरों से उतर गए
रिश्ते जैसे काँच के टुकड़े, ठेस लगी और टूट गए।
तुझे भूलकर भी न भूल पायेगें हम,
बस यही एक वादा निभा पायेगें हम,
मिटा देंगे खुद को भी जहाँ से लेकिन,
तेरा नाम दिल से न मिटा पायेगें हम.
Hindi shayri 
राह तकते है हम उनके इंतज़ार में,
साँसे भरते हैं उनके एक दीदार में,
रात न कटती है न होता है सवेरा,
जबसे दिल के हर कोने में हुआ है आपका बसेरा.
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वो दर्द ही क्या जो आँखों से बह जाए,
वो खुशी ही क्या जो होठों पर रह जाए,
कभी तो समझो मेरी खामोशी को,
वो बात ही क्या जो लफ्ज़ आसानी से कह जायें.
जब भी उनकी गली से गुज़रता हूँ,
मेरी आंखें एक दस्तक दे देती है,
दुःख ये नहीं, वो दरवाजा बंद कर देते है,
खुशी ये है, वो मुझे अब भी पहचान लेते हैं।
शाम के बाद मिलती है रात,
हर बात में समाई हुई है तेरी याद.
बहुत तनहा होती ये जिंदगी,
अगर नहीं मिलता जो आपका साथ.
खाली खाली न यूँ दिल का मकां रह जाये
तुम गम-ए-यार से कह दो, कि यहां रह जाये
रूह भटकेगी तो बस तेरे लिये भटकेगी
जिस्म का क्या भरोसा ये कहां रह जाये
नज़रे न होती तो नज़ारा न होता,
दुनिया मैं हसीनो का गुज़ारा न होता,
हमसे यह मत कहो की दिल लगाना छोड़ दे,
जा के खुदा से कहो हसीनो को बनाना छोड़ दे..
बन के अजनबी मिले थे जिन्दगी के सफर में,
इन यादों के लम्हों को मिटायेंगे नही,
अगर याद रखना फितरत है आपकी,
तो वादा है हम भी आपको कभी भुलायेंगे नही
मुस्कुराते पलकों पे सनम चले आते हैं,
आप क्या जानो कहाँ से हमारे घूम आते हैं,
आज भी उस मोड़ पर खड़े हैं जहा किसी ने कहा था के ठेरों हम अभी आते हैं.
हर नज़र को एक नज़र की की तलाश है,
हर दिल में छुपा एक एहसास है |
आप से प्यार युही नही किया हमने क्या करे हमारी पसंद ही कुछ ख़ास है
ये आरजू नहीं की किसी को भुलाए हम
ना तमन्ना की किसी को रुलाए हम
पर दुआ है रब से इतनी की
जिसको जितना याद करते है उसको उतना याद आये हम..
उसकी पलकों से आँसू को चुरा रहे थे हम
उसके ग़मोको हंसींसे सजा रहे थे हम
जलाया उसी दिए ने मेरा हाथ
जिसकी लो को हवासे बचा रहे थे हम
आज हम हैं कल हमारी यादें होंगी,
जब हम ना होंगे तब हमारी बातें होंगी,
कभी पलटोगे जिंदगी के ये पन्ने,
तब शायद आपकी आंखों से भी बरसातें होंगी.
यादो में तेरी तन्हा बैठे हैं,
तेरे बिना लबों की हसी गावा बैठे हैं
तेरी दुनिया में अंधेरा ना हो,
इसलिए खुद का दिल जला बैठे हैं…
आंसुओसे पलके भिगा लेता हूँ,
याद तेरी आती है तो रो लेता हूँ,
सोचा की भुलादु तुझे मगर,
हर बार फ़ैसला बदल देता हूँ!
हमसे पूछो क्या होता है पलपल बिताना,
बहुत मुश्किल होता है दिल को समजाना,
यार ज़िंदगी तो बीत जाएगी,
बस मुश्किल होता है कुछ लोगो को भूल पाना.
तुम करोगे याद एक दिन इस प्यार के ज़माने को,
चले जाएँगे जब हम कभी ना वापस आने को.
करेगा महफ़िल मे जब ज़िक्र हमारा कोई,
तो तुम भी तन्हाई ढूंढोगे आँसू बहाने को…
जिसने हमको चाहा, उसे हम चाह न सके,
जिसको चाहा उसे हम पा न सके,
यह समजलो दिल टूटने का खेल है,
किसी का तोडा और अपना बचा न सके!
Rose day shayri
वो रोए तो बहुत, पर मुझसे मूह मोड़ कर रोए,
कोई मजबूरी होगी तो दिल तोड़ कर रोए,
मेरे सामने कर दिए मेरे तस्वीर के टुकड़े,
पता चला मेरे पीछे वो उन्हे जोड़ कर रोए.
हम तो जी रहे थे उनका नाम लेकर,
वो गुज़रते थे हमारा सलाम लेकर,
कल वो कह गये भुला दो हुमको,
हमने पुछा कैसे!
वो चले गये हाथो मे जाम देकर.
काश वो समझते इस दिल की तड़प को,
तो यूँ हमें रुसवा ना किया होता,
उनकी ये बेरुखी भी मंज़ूर थी हमें,
बस एक बार हमें समझ लिया होता.
प्यार में मैंने सब कुछ खोया सिर्फ तुझे पाने के लिए,
दुनिया से भी खूब लड़ा सिर्फ तुझे अपना बनाने के लिए,
आज नहीं तो कल अगर तूं मुझे भूल जाओगी,
तेरी यादों को हम जलायेंगे सिर्फ तुझे भुलाने के लिए.
बेदर्द दुनिया में अभी जीना सीख रहा हूँ,
अभी तो मैं दुखों के जाम पीना सीख रहा हूँ,
कोशिश करूंगा तुम्हे मैं भी भुलाने की,
अभी तो मैं तेरे झूठे वादों को भुलाना सीख रहा हूँ.
हर रोज़ पीता हूँ तेरे छोड़ जाने के ग़म में,
वर्ना पीने का मुझे भी कोई शौंक नहीं,
बहुत याद आते है तेरे साथ बीताये हुये लम्हें,
वर्ना मर मर के जीने का मुझे भी कोई शौंक नहीं.
ना मुस्कुराने को जी चाहता है,
ना आंसू बहाने को जी चाहता है,
लिखूं तो क्या लिखूं तेरी याद में,
बस तेरे पास लौट आने को जी चाहता है.
चाँद का क्या कसूर अगर रात बेवफा निकली,
कुछ पल ठहरी और फिर चल निकली,
उन से क्या कहे वो तो सच्चे थे,
शायद हमारी तकदीर ही हमसे खफा निकली.
आँखों से आंसू न निकले तो दर्द बड जाता है,
उसके साथ बिताया हुआ हर पल याद आता है,
शायद वो हमें अभी तक भूल गए होंगे,
मगर अभी भी उसका चेहरा सपनो में नज़र आता है.
अगर वो मांगते हम जान भी दे देते,
मगर उनके इरादे तो कुछ और ही थे,
मांगी तो प्यार की हर निशानी वापिस मांगी,
मगर देते वक़्त तो उनके वादे कुछ और ही थे.
सोचता हूँ सागर की लहरों को देख कर,
क्यूँ ये किनारे से टकरा कर पलट जातें हैं,
करते हैं ये सागर से बेवफाई,
या फिर सागर से वफ़ा निभातें हैं.
जिनकी याद में हम दीवाने हो गए,
वो हम ही से बेगाने हो गए,
शायद उन्हें तालाश है अब नये प्यार की,
क्यूंकि उनकी नज़र में हम पुराने हो गए.
लोग अपना बना के छोड़ देते हैं,
अपनों से रिशता तोड़ कर गैरों से जोड़ लेते हैं,
हम तो एक फूल ना तोड़ सके,
नाजाने लोग दिल कैसे तोड़ देते हैं.
नशा हम किया करते है, इलज़ाम शराब को दिया करते है, कसूर शराब का नहीं उनका है जिनका चहेरा हम जाम मै तलाश किया करते है
तेरी महफ़िल से उठे तो किसी को खबर तक ना थी, तेरा मुड़-मुड़कर देखना हमें बदनाम कर गया
गम इस कदर मिला कि घबराकर पी गए हम, खुशी थोड़ी सी मिली, उसे खुश होकर पी गए हम, यूं तो ना थे हम पीने के आदी, शराब को तन्हा देखा, तो तरस खाकर पी गए हम
Love attitude shayri 
लोग कहते हैं पिये बैठा हूँ मैं,
खुद को मदहोश किये बैठा हूँ मैं,
जान बाकी है वो भी ले लीजिये,
दिल तो पहले ही दिये बैठा हूँ मैं
हम अच्छे सही पर लोग ख़राब कहतें हैं, इस देश का बिगड़ा हुआ हमें नवाब कहते हैं, हम ऐसे बदनाम हुए इस शहर में,
कि पानी भी पिये तो लोग उसे शराब कहते हैं
अजब मुकाम पे ठहरा हुआ है काफिला जिंदगी का, सुकून ढूढनें चले थे, नींद ही गवा बैठे
ठोकरें खाकर भी ना संभले तो मुसाफिर का नसीब, राह के पत्थर तो अपना फ़र्ज़ अदा करते हैं
जिस्म तो बहुत संवार चुके रूह का सिंगार कीजिये, फूल शाख से न तोड़िए खुशबुओं से प्यार कीजिये
जाने कब-कब किस-किस ने कैसे-कैसे तरसाया मुझे, तन्हाईयों की बात न पूछो महफ़िलों ने भी बहुत रुलाया मुझे
हुस्न पर जब भी मस्ती छाती है,तब शायरी पर बहार आती है,पीके महबूब के बदन की शराब, जिंदगी झूम-झूम जाती है
कहानी बन के जियें हैं, वो दिल के आशियानों में, हमको भी लगेगी सदियाँ, उन्हें भुलाने में
बोतल पे बोतल पीने से क्या फायदा, मेरे दोस्त, रात गुजरेगी तो उतर जाएगी, पीना है तो सिर्फ एक बार किसी की बेवफाई पियो, प्यार की कसम, उम्र सारी नशें में गुजर जाएगी
बस इतना ही कहा था, कि बरसो के प्यासे हैं हम, उसने अपने होठों पे होंठ रख के, हमे खामोश कर दिया
वो दर्द ही क्या जो आँखों से बह जाए,वो खुशी ही क्या जो होठों पर रह जाए,कभी तो समझो मेरी खामोशी को,वो बात ही क्या जो लफ्ज़ आसानी से कह जायें
जब कोई ख्याल दिल से टकराता है, दिल न चाह कर भी, खामोश रह जाता है,कोई सब कुछ कहकर, प्यार जताता है, कोई कुछ न कहकर भी, सब बोल जाता है
तुझे भूलकर भी न भूल पायेगें हम, बस यही एक वादा निभा पायेगें हम, मिटा देंगे खुद को भी जहाँ से लेकिन, तेरा नाम दिल से न मिटा पायेगें हम
कोई कहता है प्यार नशा बन जाता है, कोई कहता है प्यार सज़ा बन जाता है, पर प्यार करो अगर सच्चे दिल से, तो वो प्यार ही जीने की वजह बन जाता है
सदियों बाद उस अजनबी से मुलाक़ात हुई, आँखों ही आँखों में चाहत की हर बात हुई, जाते हुए उसने देखा मुझे चाहत भरी निगाहों से, मेरी भी आँखों से आंसुओं की बरसात हुई
उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है, जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है, दिल टूटकर बिखरता है इस कदर, जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है
कहती है दुनिया जिसे प्यार, नशा है , खताह है, हमने भी किया है प्यार , इसलिए हमे भी पता है, मिलती है थोड़ी खुशियाँ ज्यादा गम, पर इसमें ठोकर खाने का भी कुछ अलग ही मज़ा है
सारी उम्र आँखों में एक सपना याद रहा, सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा, न जाने क्या बात थी उन मे और हम मे, सारी महफिल भूल गए बस वही एक चेहरा याद रहा
तुम क्या जानो शराब कैसे पिलाई जाती है, खोलने से पहले बोतल हिलाई जाती है, फिर आवाज़ लगायी जाती है आ जाओ दर्दे दिलवालों, यहाँ दर्द-ऐ-दिल की दावा पिलाई जाती है
कुछ  नशा  तो  आपकी  बात  का  है,कुछ  नशा  तो  धीमी  बरसात  का  है,हमें  आप  यूँ  ही शराबी  ना  कहिये, इस  दिल  पर  असर  तो   आप  से  मुलाकात  का  है
एक हम है की खुद नशे में है, एक तुम हो की खुद नशा तुम में है।
क्या नशा है इश्क आज तक समझ ना पाये हम, उन नशीली आँखों में कहीं हो ना जाऐं गुम,युँ तो इश्क समझ नहीं आता ना जाने क्या बला थी ये, कि जुदा होने पे उनकी ये आँखे हो गई
शायरी इक शरारत भरी शाम है,
हर सुख़न इक छलकता हुआ जाम है, जब ये प्याले ग़ज़ल के पिए तो लगा मयक़दा तो बिना बात बदनाम है
इक जाम-ए-जुनूं को लबों से लगाया है, दिल को इक नये ग़म का नशा कराया है, ये कैसी हलचल मची है, महफ़िल में
क्या कोई चाक जिगर महफ़िल में आया है
शाम खाली है जाम खाली है,ज़िन्दगी यूँ गुज़रने वाली है,सब लूट लिया तुमने जानेजाँ मेरा,मैने तन्हाई मगर बचा ली है<
जब तन्हाई मैं आप की याद आती हैं,
होंठो पर एक दुआ आती हैं, 
खुदा आप को दे हर ख़ुशी, 
क्योंकि आज भी हमारी हर ख़ुशी आपके बाद आती हैं.
याद आती है तो ज़रा खो जाते है,
आंसू आँखों में उतर आये तो ज़रा रो लेते है, 
नींद तो नहीं आती आँखों में लेकिन, 
वो ख्वाबों में आएंगे यही सोच कर सो लेते है.
आँखों में तेरी डूब जाने को दिल चाहता है,
इश्क में तेरे बर्बाद होने को दिल चाहता है, 
कोई संभाले मुझे, बहक रहे है मेरे कदम, 
वफ़ा में तेरी मर जाने को दिल चाहता है
इस कदर हम उनकी मुहब्बत में खो गए, 
कि एक नज़र देखा और बस उन्हीं के हम हो गए, 
आँख खुली तो अँधेरा था देखा एक सपना था, 
आँख बंद की और उन्हीं सपनो में फिर सो गए
Valentine day shayri Hindi men
ज़िन्दगी जैसे एक सज़ा सी हो गयी है, 
ग़म के सागर में कुछ इस कदर खो गयी है, 
तुम आ जाओ वापिस यह गुज़ारिश है मेरी, 
शायद मुझे तुम्हारी आदत सी हो गयी है.
रात की तन्हाई में उनको आवाज़ दिया करते हैं, 
रात में सितारों से उनका ज़िक्र किया करते हैं,
वो आयें या न आयें हमारे ख्वाबों में, 
हम तो बस उन्ही का इंतज़ार किया करते हैं.
सदियों बाद उस अजनबी से मुलाक़ात हुई, 
आँखों ही आँखों में चाहत की हर बात हुई, 
जाते हुए उसने देखा मुझे चाहत भरी निगाहों से,
मेरी भी आँखों से आंसुओं की बरसात हुई.
दिल तेरी याद में आहें भरता है, 
मिलने को पल पल तड़पता है,
मेरा यह सपना टूट न जाये कहीं, 
बस इसी बात से दिल डरता है.
इंतज़ार करते करते वक़्त क्यों गुजरता नहीं, 
सब हैं यहाँ मगर कोई अपना नहीं, 
दूर नहीं पर फिर भी वो पास नहीं, 
है दिल में कहीं पर आँखों से दूर कहीं.
एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है,
इंकार करने पर चाहत का इकरार क्यों है, 
उसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायद, 
फिर भी हर मोड़ पर उसी का इन्तज़ार क्यों है.
वक़्त नूर को बेनूर बना देता है, 
छोटे से जख्म को नासूर बना देता है, 
कौन चाहता है अपनों से दूर रहना पर वक़्त सबको मजबूर बना देता है.
वफ़ा के नाम से वो अनजान थे, 
किसी की बेवफाई से शायद परेशान थे,
हमने वफ़ा देनी चाही तो पता चला, 
हम खुद बेवफा के नाम से बदनाम थे.
भरी महफिल में तन्हा मुझे रहना सिखा दिया, 
तेरे प्यार ने दुनिया को झूठा कहना सिखा दिया, 
किसी दर्द या ख़ुशी का एहसास नहीं है अब तो, 
सब कुछ ज़िन्दगी ने चुपचाप सहना सिखा दिया.
हर रिश्ते को अजमाया है हमने, 
कुछ पाया पर बहुत गवाया है हमने, 
हर उस शख्स ने रुलाया है, 
जिसे भी हमने इस दिल में बसाया है.
Other all type shayri 
आज किसी की दुआ की कमी है, 
तभी तो हमारी आँखों में नमी है,
कोई तो है जो भूल गया हमें, 
पर हमारे दिल में उसकी जगह वही है.
उस अजनबी का यूँ न इंतज़ार करो,
इस आशिक दिल का न ऐतबार करो,
रोज़ निकला करें किसी के याद में आंसू, 
इतना न कभी किसी से प्यार करो.
वो नदियाँ नहीं आंसू थे मेरे, 
जिस पर वो कश्ती चलाते रहे, 
मंजिल मिले उन्हें यह चाहत थी मेरी, 
इसलिए हम आंसू बहाते रहे.
बड़ी आसानी से दिल लगाये जाते हैं,
पर बड़ी मुश्किल से वादे निभाए जाते हैं,
ले जाती है मोहब्बत उन राहो पर,
जहा दिए नही दिल जलाए जाते हैं.
क्या करूँगा उसका इंतज़ार करके
जब चली गई वो मुझे बर्बाद करके
सोचा था अपना भी एक जहाँ होगा
मगर मिली सिर्फ तन्हाई उसे प्यार करके.
हुसन पे जब मस्ती छाती है, 
शायरी पर बहार आती है,
पी के मेहबूब की बदन की शराब, 
जिन्दगी झूम-झूम जाती है.
आंखे है उनकी या है शराब का मेहखना,
देख कर जिनको हो गया हूँ मै दीवाना, 
होठ है उनके या है कोई रसीला जाम,
जिनके एहसास की तम्मना मे बीती है मेरी हर शाम.
लबो पे आज उनका नाम आ गया,
प्यासे के हाथ में जैसे जाम आ गया, 
डोले कदम तो गिरा उनकी बाहों में जाकर, 
आज हमारा पीना ही हमारे काम आ गया.
मुश्किलें दिल के इरादे आजमाती हैं, 
हुस्न के परदे निगाहों से हटती हैं,
हौसला मत हार गिर कर ओ मुसाफिर, 
ठोकरें इन्सान को चलाना सिखाती हैं.
खुशबू बनकर  गुलों  से  उड़ा  करते  हैं,
धुआं  बनकर  पर्वतों  से  उड़ा  करते  हैं,
ये  कैंचियाँ  खाक  हमें  उड़ने  से  रोकेगी,
हम  परों  से  नहीं  हौसलों  से  उड़ा  करते  हैं.
मिलेगी परिंदों को मंजिल ये उनके पर बोलते हैं, रहते हैं, 
कुछ लोग खामोश लेकिन उनके हुनर बोलते हैं.
हो के मायूस न यूं शाम से ढलते रहिये,
ज़िन्दगी भोर है सूरज सा निकलते रहिये, 
एक ही पाँव पे ठहरोगे तो थक जाओगे, 
धीरे-धीरे ही सही राह पे चलते रहिये.
जब  टूटने  लगे  होसले  तो  बस  ये  याद  रखना, 
बिना  मेहनत  के  हासिल  तख्तो  ताज  नहीं  होते, 
ढूंड  लेना  अंधेरों  में  मंजिल  अपनी, 
जुगनू  कभी  रौशनी  के  मोहताज़  नहीं  होते.
कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं, 
जीता वही जो डरा नहीं.
कोई लड़की हमें ठुकरा दे तो गम नहीं,
वाह वाह,कोई लड़की हमें ठुकरा दे तो गम नहीं, 
वाह वाह,अरे डूब के मर जाए वो लड़की जिसकी किस्मत में हम नहीं.
Love shayri in Hindi 
काला न कहो मेरे महबूब को;
काला न कहो मेरे महबूब को;
खुदा तो तिल ही बना रहा था;
पर प्याला ही लुढ़क गया.
गिले शिकवे दिल से न लगा लेना,
कभी रूठ जाऊं तो मना लेना,
कल का क्या पता हम हो न हो,
इसलिए जब भी मिलूं,
कभी समोसा और कभी पानी पूरी खिला देना.
अय दोस्त मत कर इन हसीनाओं से मोहब्बत;
वह आँखों और बातों से वार करती हैं;
मैंने तेरी वाली की आँखों में देखा है;
वो मुझसे भी प्यार करती है.
आंसू टपक पड़े बेरोजगार के उस एहसास पर ग़ालिब;
कि आंसू टपक पड़े बेरोजगार के उस एहसास पर ग़ालिब;
जब माँ ने कहा;बेटा खाली बैठा है,
जा मटर ही छील ले.
प्रेम करके हमने क्या पाया है,
बस अपना समय किया जाया है,
इश्क़ किया जिससे ज़हां से ज़्यादा,
उससे हमने बस धोखा खाया है.
गुलसन है अगर सफ़र जिंदगी का तो इसकी मंजिल समशान क्यों है?
जब जुदाई है प्यार का मतलब तो फिर प्यार  वाला हैरान क्यों है?
अगर जीना ही है मरने के लिए तो जिंदगी ये वरदान क्यों है?
जो कभी न मिले उससे ही लग जाता है दिल,आखिर ये दिल इतना नादान क्यों है?
यह आरजू नहीं कि किसी को भुलाएं हम;
न तमन्ना है कि किसी को रुलाएं हम;
जिसको जितना याद करते हैं;
उसे भी उतना याद आयें हम.
वो हर बार अगर रूप बदल कर न आया होता,
धोका मैने न उस शख्स से यूँ खाया होता,
रहता अगर याद कर तुझे लौट के आती ही नहीं,
ज़िन्दगी फिर मैने तुझे यु न गवाया होता
ये जान गँवा दी, ये जुबां गँवा दी,
हमने तेरे इश्क में दो जहान गँवा दी,
सीने में पड़े थे दिल के हजार टुकड़े,
एक नज़र से तूने उनमें आग लगा दी.
कैसे मुमकिन था किसी और दवा से इलाज़?
अय ग़ालिबइश्क का रोग था;
माँ की चप्पल से ही आराम आया.
तेरी दुनिया में कोई गम ना हो;
तेरी खुशियाँ कभी कम न हो;
भगवान तुझे ऐसी आइटम दे;
जो अग्निपथ की चिकनी चमेली से कम ना हो.
अर्ज़ किया है:
खुदा बचाये हमें इन हसीनो से;
वाह वाह
खुदा बचाये हमें इन हसीनो से;
लेकिन इन हसीनो को कौन बचाये, हम जैसे कमीनो से.



दिल ने एक बार और हमारा कहना माना हैं,
इस होली पे फिर उनसे रंगने जाना हैं,
हर साल खेलते हैं होली, इस बार भी करली तैयारी,
इस बार खेलना मेरे साथ, देखना राह हमार,
नीला हरा लाल गुलाबी, ये सब एक बहाना हैं,
होली का हो दिन या कुछ और हमें तो तुमसे मिलने आना हैं.
फूलों की वादियों में हो बसेरा तेरा;
सितारों के आँगन में हो घर तेरा;
दुआ है एक दोस्त की एक दोस्त को;
कि तुझसे भी खूबसूरत हो मुक़द्दर तेरा।
तह-ए-दिल से बहुत सारी शुभकामनाएं!
दर्द से मेरा दामन भर दे या अल्लाह;
फिर चाहे दीवाना कर दे या अल्लाह;
मैनें तुझसे चाँद सितारे कब माँगे;
रौशन दिल बेदार नज़र दे या अल्लाह;
सूरज सी इक चीज़ तो हम सब देख चुके;
सचमुच की अब कोई सहर दे या अल्लाह;
या धरती के ज़ख़्मों पर मरहम रख दे;
या मेरा दिल पत्थर कर दे या अल्लाह।
"नसीब आज़माने के दिन आ रहे हैं;
क़रीब उन के आने के दिन आ रहे हैं;
जो दिल से कहा है जो दिल से सुना है;
सब उनको सुनाने के दिन आ रहे हैं।
"कब याद मे तेरा साथ नहीं, कब हाथ में तेरा हाथ नहीं;
साद शुक्र की अपनी रातो में अब हिज्र की कोई रात नहीं;
मुश्किल है अगर हालत वह, दिल बेच आए, जा दे आए;
दिल वालो कूचा-ए-जाना में, क्या ऐसे भी हालात नहीं;
जिस धज से कोई मकतल में गया, वो शान सलामत रहती है;
ये जान तो आनी-जानी है, इस जान की तो कोई बात नहीं;
मैदान-ए-वफ़ा दरबार नहीं, या नाम-ओ-नसब की पूछ कहाँ;
आशिक तो किसी का नाम नहीं, कुछ इश्क किसी की जात नहीं;
गर बाज़ी इश्क की बाज़ी है, ओ चाहो लगा दो दर कैसा;
गर जीत गए तो क्या कहने, हारे भी तो बाज़ी मात नहीं।
"न आज लुत्फ़ कर इतना कि कल गुज़र न सके;
वह रात जो कि तेरे गेसुओं की रात नहीं;
यह आरजू भी बड़ी चीज़ है मगर हमदम;
विसाले यार फकत आरजू की बात नहीं।
"तेरी उम्मीद तेरा इंतज़ार...
तेरी उम्मीद तेरा इंतज़ार जब से है;
न शब को दिन से शिकायत न दिन को शब से है;
किसी का दर्द हो करते हैं तेरे नाम रक़म;
गिला है जो भी किसी से तेरी सबब से है;
हुआ है जब से दिल-ए-नासबूर बेक़ाबू;
कलाम तुझसे नज़र को बड़ी अदब से है;
अगर शरर है तो भड़के, जो फूल है तो खिले;
तरह तरह की तलब तेरे रंग-ए-लब से है;
कहाँ गये शब-ए-फ़ुरक़त के जागने वाले;
सितारा-ए-सहर हम-कलाम कब से है।
"सितम सिखलाएगा रस्मे-वफ़ा...
सितम सिखलाएगा रस्मे-वफ़ा ऐसे नहीं होता;
सनम दिखलाएँगे राहे-ख़ुदा ऐसे नहीं होता;
गिनो सब हसरतें जो ख़ूँ हुई हैं तन के मक़तल में;
मेरे क़ातिल हिसाबे-खूँबहा ऐसे नहीं होता;
जहाने दिल में काम आती हैं तदबीरें न ताज़ीरें;
यहाँ पैमाने-तस्लीमो-रज़ा ऐसे नहीं होता;
हर इक शब हर घड़ी गुजरे क़यामत, यूँ तो होता है;
मगर हर सुबह हो रोजे़-जज़ा, ऐसे नहीं होता;
रवाँ है नब्ज़े-दौराँ, गार्दिशों में आसमाँ सारे;
जो तुम कहते हो सब कुछ हो चुका, ऐसे नहीं होता।
"तेरी उम्मीद तेरा इंतज़ार...
तेरी उम्मीद तेरा इंतज़ार जब से है;
न शब को दिन से शिकायत न दिन को शब से है;
किसी का दर्द हो करते हैं तेरे नाम रक़म;
गिला है जो भी किसी से तेरी सबब से है;
हुआ है जब से दिल-ए-नासबूर बेक़ाबू;
कलाम तुझसे नज़र को बड़ी अदब से है;
अगर शरर है तो भड़के, जो फूल है तो खिले;
तरह तरह की तलब तेरे रंग-ए-लब से है;
कहाँ गये शब-ए-फ़ुरक़त के जागनेवाले;
सितारा-ए-सहर हम-कलाम कब से है।
"कभी अकेले में मिल...
​कभी अकेले में मिल कर झंझोड़ दूंगा उसे​;
​जहाँ​-​जहाँ से वो टूटा है​ ​जोड़ दूंगा उसे;​​
​​​ ​मुझे छोड़ गया ​ ​ये कमाल है​ ​उस का​;
​इरादा मैंने किया था के छोड़ दूंगा उसे​;
​पसीने बांटता फिरता है हर तरफ सूरज​;
​कभी जो हाथ लगा तो निचोड़ दूंगा उसे​;
​ ​मज़ा चखा के ही माना हूँ ​मैं भी दुनिया को​;
​समझ रही थी के ऐसे ही ​छोड़ दूंगा उसे​;
​ ​बचा के रखता है​ खुद को वो मुझ से शीशाबदन​;​
उसे ये डर है के तोड़​-​फोड़ दूंगा उसे​।
"तेरी हर बात मोहब्बत में...
तेरी हर बात मोहब्बत में गंवारा करके;
दिल के बाज़ार में बैठे हैँ ख़सारा करके;
एक चिंगारी नज़र आई थी बस्ती में उसे;
वो अलग हट गया आँधी को इशारा करके;
मुन्तज़िर हूँ कि सितारों की ज़रा आँख लगे;
चाँद को छत पे बुला लूँगा इशारा करके;
मैं वो दरिया हूँ कि हर बूँद भंवर है जिसकी;
तुमने अच्छा ही किया मुझसे किनारा करके।




"खुदा हर नजर से बचाए आपको;
चाँद सितारों से ज्यादा सजाए आपको;
दुःख क्या होता है ये कभी पता न चले;
खुदा जिंदगी में इतना हँसाए आपको।
"भीगे मौसम की खुशबु हवाओं में हो;
आपके साथ का एहसास इन फिजाओं में हो;
यूहीं सदा रहे आपके होंठो पे मुस्कुराहट;
इतना असर मेरी दुआओं में हो।
"ये दुनिया एक छोटा सा ख्वाब है;
जियो अपनी जिंदगी ऐसे;
जैसे जी रहा गुलाब है;
रहकर साथ आप कांटो के भी;
मुस्कुराओ हमेशा जैसे मुस्कुराता गुलाब है।
"भीगे मौसम की खुशबु हवाओं में है;
आपके साथ का एहसास इन फिजाओं में है;
यूहीं सदा रहे आपके होंठो पर मुस्कुराहट;
इतना असर तो मेरी दुआओं में है।
"भीगे मौसम की खुशबु हवाओं में हो;
आपके साथ का एहसास इन फिजाओं में हो;
यूहीं सदा रहे आपके होंठो पर मुस्कुराहट;
इतना असर मेरी दुआओं में हो!
शुभकामनाएं!
"तमन्नाओ से भरी हो ज़िन्दगी;
ख्वाहिशों से भरा हो हर पल;
दामन भी छोटा लगने लगे;
इतनी खुशियाँ दे आपको आने वाला पल।
जीवन के हर कार्य को शिकस्त करने की शुभकामनाएं।
"कोई किताब ऐसी मिलती जिस पर दिल लुटा देते;
हर बिषय ने दिमाग खाया है किसी एक को तो निपटा देते;
अब स्लेबस देखकर ये सोचते हैं कि;
एक महीना और होता तो दुनिया हिला देते।
इम्तिहानों की शुभ कामनाएं।
"आसमान का चाँद तेरी बाहों में हो;
तू जो चाहे तेरी राहों में हो;
हर वो ख्वाब हो पूरा जो तेरी आँखों में हो;
खुश किस्मती की हर लकीर तेरे हाथो में हो।
तह दिल से बहुत सारी शुभकामनाएं।
"अध्यापिका: किसी ऐसी जगह का नाम बताओ जहाँ बहुत सारे लोग हों फिर भी आप अकेलापन महसूस हो?
.
. .
. . .
पप्पू: परीक्षा हॉल। सालाना परीक्षा की शुभ कामनाएं।
"अध्यापिका: बेटा, उत्तर वाली शीट पर सबसे पहले क्या लिखना चाहिए?
पप्पू: इस शीट पर लिखे गये उत्तर काल्पनिक हैं, जिनका किसी भी बुक से कोई संबंध नहीं है।
आपको परीक्षा में सफल होने की शुभकामनाएं।
"दुआ है कि कामयाबी के हर सिखर पर आपका नाम होगा;
आपके हर कदम पर दुनिया का सलाम होगा।
आप ज़िन्दगी की हर परीक्षा में सफल हों।
शुभकामनाएं।
"चाँद को बैठाकर पहरों पर; तारों को दिया निगरानी का काम; एक रात सुहानी आपके लिए; एक स्वीट सा ‘ड्रीम’ आपकी आँखों के नाम! शुभ रात्रि!




"काश कि तु चाँद और मैं सितारा होता; आसमान में एक आशियाना हमारा होता; लोग तुम्हे दूर से देखते; नज़दीक़ से देखने का हक़ बस हमारा होता।
"जिन्दगी एक रात है, जिस में ना जाने कितने ख्वाब हैं, जो मिल गया वो अपना है, जो टुट गया वो सपना है, ये मत सोचो की जिन्दगी में कितने पल है, ये सोचो की हर पल में कितनी जिन्दगी है, इसलिए… जिन्दगी को जी भर कर जी लो…



"आज कितने दिनों के बाद हुई ये बरसात हैं याद दिलाती आपकी हर एक बात हैं मुझे मालूम हैं आपकी आँखों मैं हैं नींद आप चैन से सो जाओ कितनी हसीं रात हैं “शुभ रात्रि “
"चाँद भी तो देखो तुम्हें तक रहा हैं सितारे भी थमे थमे से लग रहे हैं जरा मुस्कुरा दो हम सब के लिए हम भी टू तुम्हें शुभ रात्रि कह रहें हैं “शुभ रात्रि “
"उसकी प्यारी मुस्कान होश उड़ा देती हैं उसकी आँखें हमें दुनिया भुला देती हैं आएगी आज भी वो सपने मैं यारो बस यही उम्मीद हमें रोज़ सुला देती हैं “शुभ रात्रि “
"ऐसी हसीं आज बहारो की रात हैं एक चाँद आसमा पैर हैं एक मेरे पास हैं देने वाले ने कोई कमी ना की किसको क्या मिला ये मुकद्दर की बात हैं “शुभ रात्रि “
"सितारे चाहते हैं की रात आये हम क्या लिखें की आपका जवाब आये सितारों की चमक तो नहीं मुझ मैं हम क्या करें की हमारी याद आये “शुभ रात्रि “





"हर रात मैं भी आपके पास उजाला हो हर कोई आपका चाहने वाला हो वक़्त गुजर जाये उनकी यादो के सहारे हो ऐसा कोई आप के सपनो को सजाने वाला ho “शुभ रात्रि “
"मीठी मीठी याद पलकों मैं सजा लेना साथ गुज़रे पल को दिल मैं बसा लो मजार ना आओ दिल मैं अगर मुस्कुरा कर मुझे सपनो मैं बुला लेना “शुभ रात्रि “
"रब तू अपना जलवा दिखा दे उनकी ज़िन्दगी कोई भी अपने नूर से सजा दे रब मेरे दिल की ये दुआ हैं मालिक मेरे दोस्त के सपने हकीक़त बना दे “शुभ रात्रि “
115
"आँखों में बसी है प्यारी सूरत तेरी; और दिल में बसा है तेरा प्यार; चाहे तू कबूल करे या ना करे; हमें रहेगा तेरा इंतज़ार!
112
"कब उनकी पलकों से इज़हार होगा; दिल के किसी कोने में हमारे लिए प्यार होगा; गुज़र रही है रात उनकी याद में; कभी तो उनको भी हमारा इंतज़ार होगा!
112
"नज़र चाहती है दीदार करना; दिल चाहता है प्यार करना; क्या बतायें इस दिल का आलम; नसीब में लिखा है इंतजार करना।
112
"ज़ख्म इतने गहरे हैं इज़हार क्या करें; हम खुद निशान बन गए वार क्या करें; मर गए हम मगर खुलो रही आँखें; अब इससे ज्यादा इंतज़ार क्या करें!
112
"इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा; यादें काटती हैं ले-ले के नाम तेरा; मुद्दत से बैठे हैं तेरे इंतज़ार में; कि आज आयेगा कोई पैगाम तेरा!
112
"हमने ये शाम चराग़ों से सजा रक्खी है;​​ ​आपके इंतजार में पलके बिछा रखी हैं; ​हवा टकरा रही है शमा से बार-बार;​​ ​और हमने शर्त इन हवाओं से लगा रक्खी है।
113
"“ए पलक तु बन्‍द हो जा, ख्‍बाबों में उसकी सूरत तो नजर आयेगी इन्‍तजार तो सुबह दुबारा शुरू होगी कम से कम रात तो खुशी से कट जायेगी ”
113
"उनका भी कभी हम दीदार करते है उनसे भी कभी हम प्यार करते है क्या करे जो उनको हमारी जरुरत न थी पर फिर भी हम उनका इंतज़ार करते है !
113
"उसके इंतजार के मारे है हम.. बस उसकी यादों के सहारे है हम… दुनियाँ जीत के कहना क्या है अब..?? जिसे दुनियाँ से जीतना था आज उसी से हारे है हम..
113
"तेरे इंतजार मे कब से उदास बैठे है तेरे दीदार में आँखे बिछाये बैठे है तू एक नज़र हम को देख ले इस आस मे कब से बेकरार बैठे है
113
"कोई वादा नहीं फिर भी तेरा इंतज़ार है! जुदाई के बाद भी तुम से प्यार है! तेरे चेहरे की उदासी बता रही है! मुझसे मिलने के लिये तू भी बेकरार है!
113
"उसने कहा अब किसका इंतज़ार है; मैंने कहा अब मोहब्बत बाकी है; उसने कहा तू तो कब का गुजर चूका है ‘मसरूर’; मैंने कहा अब भी मेरा हौसला बाकी है!
113
"एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है; इंकार करने पर चाहत का इकरार क्यों है; उसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायद; फिर हर मोड़ पे उसी का इंतज़ार क्यों है!
113
"होंठ कह नहीं सकते जो फ़साना दिल का; शायद नज़रों से वो बात हो जाए; इस उम्मीद से करते हैं इंतज़ार रात का; कि शायद सपनों में ही मुलाक़ात हो जाए!
113
"मजा तो हमने इंतजार में देखा है, चाहत का असर प्यार में देखा है, लोग ढूंढ़ते हैं जिसे मंदिर मस्जिद में, उस खुदा को मैने आपमें देखा है
113
"आज तेरी याद हम सीने से लगा कर रोये .. तन्हाई मैं तुझे हम पास बुला कर रोये कई बार पुकारा इस दिल मैं तुम्हें और हर बार तुम्हें ना पाकर हम रोये
"“ओस की बूंदे है, आंख में नमी है, ना उपर आसमां है ना नीचे जमीन है ये कैसा मोड है जिन्‍दगी का जो लोग खास है उन्‍की की कमी हैं ”
"“हंसी ने लबों पर थ्रिकराना छोड दिया ख्‍बाबों ने सपनों में आना छोड दिया नहीं आती अब तो हिचकीया भी शायद आपने भी याद करना छोड’ दिया ”
"सोचा था इस कदर उनको भूल जाएँगे, देखकर भी अनदेखा कर जाएँगे, पर जब जब सामने आया उनका चेहरा, सोचा एस बार देखले, अगली बार भूल जाएँगे……
"सभी नगमे साज़ मैं गाये नहीं जाते … सभी लोग महफ़िल मैं बुलाये नहीं जाते … कुछ पास रह कर भी याद नहीं आते … कुछ दूर रह कर भी भुलाये नहीं जाते …
.
"न वो आ सके न हम कभी जा सके! न दर्द दिल का किसी को सुना सके! बस बैठे है यादों में उनकी! न उन्होंने याद किया और न हम उनको भुला सके!
"जीना चाहते हैं मगर ज़िन्दगी रास नहीं आती! मरना चाहते हैं मगर मौत पास नहीं आती! बहुत उदास हैं हम इस ज़िन्दगी से! उनकी यादें भी तो तड़पाने से बाज़ नहीं आती!
"तेरी आँखों में हमे जाने क्या नज़र आया! तेरी यादों का दिल पर सरुर है छाया! अब हमने चाँद को देखना छोड़ दिया! और तेरी तस्वीर को दिल में छुपा लिया!
"भुला ना पाओगी मेरा साथ तुम चाहे जितना आउंगा याद तुम्हें ख्वाब-ओ-खयालों मे उतना शायद बिछड के चाहत और वासिक़ होती है यकीन ना आए तो कर के देख ये भी फितना
"कलम चलती है तो दिल की आवाज लिखता हूँ; गम और जुदाई के अंदाज़-ए-बयां लिखता हूँ; रुकते नहीं हैं मेरी आँखों से आंसू; मैं जब भी उसकी याद में अल्फाज़ लिखता हूँ।




"मौसम को इशारों से बुला क्यों नहीं लेते रूठा है अगर वो तो मना क्यों नहीं लेते तुम जाग रहे हो मुझको अच्छा नहीं लगता चुपके से मेरी नींद चुरा क्यों नहीं लेते दीवाना तुम्हारा कोई गैर नहीं मचला भी तो सीने से लगा क्यों नहीं लेते खत लिखकर कभी और कभी खत को जलाकर 



"इस दुनियाँ में सब कुछ बिकता है, फिर जुदाई ही रिश्वत क्युँ नही लेती? मरता नहीं है कोई किसी से जुदा होकर, बस यादें ही हैं जो जीने नहीं देती..
"याद किसी को करना ये बात नहीं जताने की! दिल पे चोट देना आदत है ज़माने की! हम आपको बिल्कुल नहीं याद करते! क्योकि याद किसी को करना निशानी है भूल जाने की!



"अश्को के मोती हम ने पिरोए तमाम रात, एक बेवफा की याद में रोए तमाम रात, ऐसी गिरी ज़ेहन पर यादो की बिजलियाँ, बैठे रहे ख़यालो में खोए तमाम रात, कहने लगे वो सुन के मेरा हाल-ए दिल के बस मेरा, इतनी सी बात पे क्या रोए तमाम रात



"तुम करोगे याद एक दिन इस प्यार के ज़माने को, चले जाएँगे जब हम कभी ना वापस आने को. करेगा महफ़िल मे जब ज़िक्र हमारा कोई,,,, तो तुम भी तन्हाई ढूंढोगे आँसू बहाने को
"दिल जब टूटता है तो आवाज नहीं आती! हर किसी को मुहब्बत रास नहीं आती! ये तो अपने-अपने नसीब की बात है! कोई भूलता नहीं और किसी को याद भी नहीं आती!
"रात हुई जब शाम के बाद! तेरी याद आई हर बात के बाद! हमने खामोश रहकर भी देखा! तेरी आवाज़ आई हर सांस के बाद!



"दिल तेरी याद में आहें भरता है! मिलने को पल पल तड़पता है! मेरा यह सपना टूट न जाये कहीं! बस इसी बात से दिल डरता है!
"ये मत कहना कि तेरी याद से रिश्ता नहीं रखा; मैं खुद तन्हा रहा मगर दिल को तन्हा नहीं रखा; तुम्हारी चाहतों के फूल तो महफूज़ रखे हैं; तुम्हारी नफरतों की पीड़ को ज़िंदा नहीं रखा!
तुझसे मिलने की बेताबी का वो अंजाम कैसे भुलादूँ,
तेरे लवो की हँसी और आँखों की जाम कैसे भुलादूँ,
दिल तो हमारा भी तड़पता हैं तेरा साथ पाने को,
पर इस जहाँ के रश्मो - रिवाज कैसे भुलादूँ.
.
.
चिराग खुशियों के कब से बुझाए बैठे हैं,
कब दीदार होगी उनसे हम आश लगाए बैठे हैं,
हमें मौत आएगी उनकी ही बाहों में ......
हम मौत से ये सर्त लगाए बैठे हैं.
चुपके से धड़कन में उतर जायेंगे,
राहें उल्फत में हद से गुजर जायेंगे,
आप जो हमें इतना चाहेंगे.....,
हम तो आपकी साँसों में पिघल जायेंगे.
दिल में सिर्फ आप हो और कोई खाश कैसे होगा,
यादों में आपके सिवा कोई पास कैसे होगा,
हिचकियाँ कहती हैं आप मुझे याद करते हो,
पर बोलोगे नहीं तो मुझे ये एहसास कैसे होगा.
दिल में कोई और बसा तो नहीं,
ये चाहत इश्क की ज्यादा तो नहीं,
सब मुझे चाहने लगे हैं....,
कहीं मुझ में तुम्हारे जैसी कोई अदा तो नहीं.
तुझको मिल जायेगा बेहतर मुझसे,
मुझको मिल जायेगा बेहतर तुझसे,
फिर भी दिल में एक ख्याल आता हैं,
जानी तू जो मिल जाए तो बेहतर हैं सबसे.
हमारी गलतियों से कही टूट न जाना,
हमारी शरारत से कही रूठ न जाना,
तुम्हारी चाहत ही हमारी जिंदगी हैं,
इस प्यारे से बंधन को भूल न जाना.
तेरा ख़याल तेरी आरजू न गयी,
मेरे दिल से तेरी जुस्तजू न गयी,
इश्क में सब कुछ लुटा दिया हँसकर मैंने,
मगर तेरे प्यार की आरजू न गयी.....
Shayri in Hindi
तेरी चाहत में हम ज़माना भूल गये,
किसी और को हम अपनाना भूल गये,
तुम से मोहब्बत हैं बताया सारे जहाँ को,
बस एक तुझे ही बताना भूल गये......
आँखों के सामने हर पल आपको पाया हैं,
अपने दिल में भी सिर्फ आपको ही बसाया हैं,
आपके बिना हम जिए भी तो कैसे........,
भला जान के बिना भी कोई जी पाया हैं.
आपने कहा मोहब्बत पूरी नहीं होती |
हम कहते हैं हर बार ये बात जरुरी नहीं होती ||
मोहब्बत तो वो भी करते हैं उनसे......|
जिन्हें पाने की कोई उम्मीद नहीं होती ||
यकीन नहीं तुझे अगर, तो आज़मा के देख ले,
एक बार तू, जरा मुस्कुरा के देख ले,
जो ना सोचा होगा तूने, वो मिलेगा तुझको भी,
एक बार आपने कदम,बढ़ा के देख ले |



दिल लगता नहीं है अब तुम्हारे बिना,
खामोश से रहने लगे है तुम्हारे बिना,
जल्दी लौट के आओ अब यही चाह है,
वरना जी ना पाएँगे तुम्हारे बिना |
याद तो हर कोई करेगा जाने के बाद,
सच्चे प्यार का पता चल जाएगा वख्त आने के बाद,
कौन कितनी मुहोब्बत करता है,
नजर आएगा मर जाने के बाद |
दिल में रहते थे जो नजरों से उतर गए
रिश्ते जैसे काँच के टुकड़े, ठेस लगी और टूट गए।
तुझे भूलकर भी न भूल पायेगें हम,
बस यही एक वादा निभा पायेगें हम,
मिटा देंगे खुद को भी जहाँ से लेकिन,
तेरा नाम दिल से न मिटा पायेगें हम.
Hindi shayri 
राह तकते है हम उनके इंतज़ार में,
साँसे भरते हैं उनके एक दीदार में,
रात न कटती है न होता है सवेरा,
जबसे दिल के हर कोने में हुआ है आपका बसेरा.
.
वो दर्द ही क्या जो आँखों से बह जाए,
वो खुशी ही क्या जो होठों पर रह जाए,
कभी तो समझो मेरी खामोशी को,
वो बात ही क्या जो लफ्ज़ आसानी से कह जायें.
जब भी उनकी गली से गुज़रता हूँ,
मेरी आंखें एक दस्तक दे देती है,
दुःख ये नहीं, वो दरवाजा बंद कर देते है,
खुशी ये है, वो मुझे अब भी पहचान लेते हैं।
शाम के बाद मिलती है रात,
हर बात में समाई हुई है तेरी याद.
बहुत तनहा होती ये जिंदगी,
अगर नहीं मिलता जो आपका साथ.
खाली खाली न यूँ दिल का मकां रह जाये
तुम गम-ए-यार से कह दो, कि यहां रह जाये
रूह भटकेगी तो बस तेरे लिये भटकेगी
जिस्म का क्या भरोसा ये कहां रह जाये
नज़रे न होती तो नज़ारा न होता,
दुनिया मैं हसीनो का गुज़ारा न होता,
हमसे यह मत कहो की दिल लगाना छोड़ दे,
जा के खुदा से कहो हसीनो को बनाना छोड़ दे..
बन के अजनबी मिले थे जिन्दगी के सफर में,
इन यादों के लम्हों को मिटायेंगे नही,
अगर याद रखना फितरत है आपकी,
तो वादा है हम भी आपको कभी भुलायेंगे नही
मुस्कुराते पलकों पे सनम चले आते हैं,
आप क्या जानो कहाँ से हमारे घूम आते हैं,
आज भी उस मोड़ पर खड़े हैं जहा किसी ने कहा था के ठेरों हम अभी आते हैं.
हर नज़र को एक नज़र की की तलाश है,
हर दिल में छुपा एक एहसास है |
आप से प्यार युही नही किया हमने क्या करे हमारी पसंद ही कुछ ख़ास है
ये आरजू नहीं की किसी को भुलाए हम
ना तमन्ना की किसी को रुलाए हम
पर दुआ है रब से इतनी की
जिसको जितना याद करते है उसको उतना याद आये हम..
उसकी पलकों से आँसू को चुरा रहे थे हम
उसके ग़मोको हंसींसे सजा रहे थे हम
जलाया उसी दिए ने मेरा हाथ
जिसकी लो को हवासे बचा रहे थे हम
आज हम हैं कल हमारी यादें होंगी,
जब हम ना होंगे तब हमारी बातें होंगी,
कभी पलटोगे जिंदगी के ये पन्ने,
तब शायद आपकी आंखों से भी बरसातें होंगी.
यादो में तेरी तन्हा बैठे हैं,
तेरे बिना लबों की हसी गावा बैठे हैं
तेरी दुनिया में अंधेरा ना हो,
इसलिए खुद का दिल जला बैठे हैं…
आंसुओसे पलके भिगा लेता हूँ,
याद तेरी आती है तो रो लेता हूँ,
सोचा की भुलादु तुझे मगर,
हर बार फ़ैसला बदल देता हूँ!
हमसे पूछो क्या होता है पलपल बिताना,
बहुत मुश्किल होता है दिल को समजाना,
यार ज़िंदगी तो बीत जाएगी,
बस मुश्किल होता है कुछ लोगो को भूल पाना.
तुम करोगे याद एक दिन इस प्यार के ज़माने को,
चले जाएँगे जब हम कभी ना वापस आने को.
करेगा महफ़िल मे जब ज़िक्र हमारा कोई,
तो तुम भी तन्हाई ढूंढोगे आँसू बहाने को…
जिसने हमको चाहा, उसे हम चाह न सके,
जिसको चाहा उसे हम पा न सके,
यह समजलो दिल टूटने का खेल है,
किसी का तोडा और अपना बचा न सके!
Rose day shayri
वो रोए तो बहुत, पर मुझसे मूह मोड़ कर रोए,
कोई मजबूरी होगी तो दिल तोड़ कर रोए,
मेरे सामने कर दिए मेरे तस्वीर के टुकड़े,
पता चला मेरे पीछे वो उन्हे जोड़ कर रोए.
हम तो जी रहे थे उनका नाम लेकर,
वो गुज़रते थे हमारा सलाम लेकर,
कल वो कह गये भुला दो हुमको,
हमने पुछा कैसे!
वो चले गये हाथो मे जाम देकर.
काश वो समझते इस दिल की तड़प को,
तो यूँ हमें रुसवा ना किया होता,
उनकी ये बेरुखी भी मंज़ूर थी हमें,
बस एक बार हमें समझ लिया होता.
प्यार में मैंने सब कुछ खोया सिर्फ तुझे पाने के लिए,
दुनिया से भी खूब लड़ा सिर्फ तुझे अपना बनाने के लिए,
आज नहीं तो कल अगर तूं मुझे भूल जाओगी,
तेरी यादों को हम जलायेंगे सिर्फ तुझे भुलाने के लिए.
बेदर्द दुनिया में अभी जीना सीख रहा हूँ,
अभी तो मैं दुखों के जाम पीना सीख रहा हूँ,
कोशिश करूंगा तुम्हे मैं भी भुलाने की,
अभी तो मैं तेरे झूठे वादों को भुलाना सीख रहा हूँ.
हर रोज़ पीता हूँ तेरे छोड़ जाने के ग़म में,
वर्ना पीने का मुझे भी कोई शौंक नहीं,
बहुत याद आते है तेरे साथ बीताये हुये लम्हें,
वर्ना मर मर के जीने का मुझे भी कोई शौंक नहीं.
ना मुस्कुराने को जी चाहता है,
ना आंसू बहाने को जी चाहता है,
लिखूं तो क्या लिखूं तेरी याद में,
बस तेरे पास लौट आने को जी चाहता है.
चाँद का क्या कसूर अगर रात बेवफा निकली,
कुछ पल ठहरी और फिर चल निकली,
उन से क्या कहे वो तो सच्चे थे,
शायद हमारी तकदीर ही हमसे खफा निकली.
आँखों से आंसू न निकले तो दर्द बड जाता है,
उसके साथ बिताया हुआ हर पल याद आता है,
शायद वो हमें अभी तक भूल गए होंगे,
मगर अभी भी उसका चेहरा सपनो में नज़र आता है.
अगर वो मांगते हम जान भी दे देते,
मगर उनके इरादे तो कुछ और ही थे,
मांगी तो प्यार की हर निशानी वापिस मांगी,
मगर देते वक़्त तो उनके वादे कुछ और ही थे.
सोचता हूँ सागर की लहरों को देख कर,
क्यूँ ये किनारे से टकरा कर पलट जातें हैं,
करते हैं ये सागर से बेवफाई,
या फिर सागर से वफ़ा निभातें हैं.
जिनकी याद में हम दीवाने हो गए,
वो हम ही से बेगाने हो गए,
शायद उन्हें तालाश है अब नये प्यार की,
क्यूंकि उनकी नज़र में हम पुराने हो गए.
लोग अपना बना के छोड़ देते हैं,
अपनों से रिशता तोड़ कर गैरों से जोड़ लेते हैं,
हम तो एक फूल ना तोड़ सके,
नाजाने लोग दिल कैसे तोड़ देते हैं.
नशा हम किया करते है, इलज़ाम शराब को दिया करते है, कसूर शराब का नहीं उनका है जिनका चहेरा हम जाम मै तलाश किया करते है
तेरी महफ़िल से उठे तो किसी को खबर तक ना थी, तेरा मुड़-मुड़कर देखना हमें बदनाम कर गया
गम इस कदर मिला कि घबराकर पी गए हम, खुशी थोड़ी सी मिली, उसे खुश होकर पी गए हम, यूं तो ना थे हम पीने के आदी, शराब को तन्हा देखा, तो तरस खाकर पी गए हम
Love attitude shayri 
लोग कहते हैं पिये बैठा हूँ मैं,
खुद को मदहोश किये बैठा हूँ मैं,
जान बाकी है वो भी ले लीजिये,
दिल तो पहले ही दिये बैठा हूँ मैं
हम अच्छे सही पर लोग ख़राब कहतें हैं, इस देश का बिगड़ा हुआ हमें नवाब कहते हैं, हम ऐसे बदनाम हुए इस शहर में,
कि पानी भी पिये तो लोग उसे शराब कहते हैं
अजब मुकाम पे ठहरा हुआ है काफिला जिंदगी का, सुकून ढूढनें चले थे, नींद ही गवा बैठे
ठोकरें खाकर भी ना संभले तो मुसाफिर का नसीब, राह के पत्थर तो अपना फ़र्ज़ अदा करते हैं
जिस्म तो बहुत संवार चुके रूह का सिंगार कीजिये, फूल शाख से न तोड़िए खुशबुओं से प्यार कीजिये
जाने कब-कब किस-किस ने कैसे-कैसे तरसाया मुझे, तन्हाईयों की बात न पूछो महफ़िलों ने भी बहुत रुलाया मुझे
हुस्न पर जब भी मस्ती छाती है,तब शायरी पर बहार आती है,पीके महबूब के बदन की शराब, जिंदगी झूम-झूम जाती है
कहानी बन के जियें हैं, वो दिल के आशियानों में, हमको भी लगेगी सदियाँ, उन्हें भुलाने में
बोतल पे बोतल पीने से क्या फायदा, मेरे दोस्त, रात गुजरेगी तो उतर जाएगी, पीना है तो सिर्फ एक बार किसी की बेवफाई पियो, प्यार की कसम, उम्र सारी नशें में गुजर जाएगी
बस इतना ही कहा था, कि बरसो के प्यासे हैं हम, उसने अपने होठों पे होंठ रख के, हमे खामोश कर दिया
वो दर्द ही क्या जो आँखों से बह जाए,वो खुशी ही क्या जो होठों पर रह जाए,कभी तो समझो मेरी खामोशी को,वो बात ही क्या जो लफ्ज़ आसानी से कह जायें
जब कोई ख्याल दिल से टकराता है, दिल न चाह कर भी, खामोश रह जाता है,कोई सब कुछ कहकर, प्यार जताता है, कोई कुछ न कहकर भी, सब बोल जाता है
तुझे भूलकर भी न भूल पायेगें हम, बस यही एक वादा निभा पायेगें हम, मिटा देंगे खुद को भी जहाँ से लेकिन, तेरा नाम दिल से न मिटा पायेगें हम
कोई कहता है प्यार नशा बन जाता है, कोई कहता है प्यार सज़ा बन जाता है, पर प्यार करो अगर सच्चे दिल से, तो वो प्यार ही जीने की वजह बन जाता है
सदियों बाद उस अजनबी से मुलाक़ात हुई, आँखों ही आँखों में चाहत की हर बात हुई, जाते हुए उसने देखा मुझे चाहत भरी निगाहों से, मेरी भी आँखों से आंसुओं की बरसात हुई
उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है, जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है, दिल टूटकर बिखरता है इस कदर, जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है
कहती है दुनिया जिसे प्यार, नशा है , खताह है, हमने भी किया है प्यार , इसलिए हमे भी पता है, मिलती है थोड़ी खुशियाँ ज्यादा गम, पर इसमें ठोकर खाने का भी कुछ अलग ही मज़ा है
सारी उम्र आँखों में एक सपना याद रहा, सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा, न जाने क्या बात थी उन मे और हम मे, सारी महफिल भूल गए बस वही एक चेहरा याद रहा
तुम क्या जानो शराब कैसे पिलाई जाती है, खोलने से पहले बोतल हिलाई जाती है, फिर आवाज़ लगायी जाती है आ जाओ दर्दे दिलवालों, यहाँ दर्द-ऐ-दिल की दावा पिलाई जाती है
कुछ  नशा  तो  आपकी  बात  का  है,कुछ  नशा  तो  धीमी  बरसात  का  है,हमें  आप  यूँ  ही शराबी  ना  कहिये, इस  दिल  पर  असर  तो   आप  से  मुलाकात  का  है
एक हम है की खुद नशे में है, एक तुम हो की खुद नशा तुम में है।
क्या नशा है इश्क आज तक समझ ना पाये हम, उन नशीली आँखों में कहीं हो ना जाऐं गुम,युँ तो इश्क समझ नहीं आता ना जाने क्या बला थी ये, कि जुदा होने पे उनकी ये आँखे हो गई
शायरी इक शरारत भरी शाम है,
हर सुख़न इक छलकता हुआ जाम है, जब ये प्याले ग़ज़ल के पिए तो लगा मयक़दा तो बिना बात बदनाम है
इक जाम-ए-जुनूं को लबों से लगाया है, दिल को इक नये ग़म का नशा कराया है, ये कैसी हलचल मची है, महफ़िल में
क्या कोई चाक जिगर महफ़िल में आया है
शाम खाली है जाम खाली है,ज़िन्दगी यूँ गुज़रने वाली है,सब लूट लिया तुमने जानेजाँ मेरा,मैने तन्हाई मगर बचा ली है<
जब तन्हाई मैं आप की याद आती हैं,
होंठो पर एक दुआ आती हैं, 
खुदा आप को दे हर ख़ुशी, 
क्योंकि आज भी हमारी हर ख़ुशी आपके बाद आती हैं.
याद आती है तो ज़रा खो जाते है,
आंसू आँखों में उतर आये तो ज़रा रो लेते है, 
नींद तो नहीं आती आँखों में लेकिन, 
वो ख्वाबों में आएंगे यही सोच कर सो लेते है.
आँखों में तेरी डूब जाने को दिल चाहता है,
इश्क में तेरे बर्बाद होने को दिल चाहता है, 
कोई संभाले मुझे, बहक रहे है मेरे कदम, 
वफ़ा में तेरी मर जाने को दिल चाहता है
इस कदर हम उनकी मुहब्बत में खो गए, 
कि एक नज़र देखा और बस उन्हीं के हम हो गए, 
आँख खुली तो अँधेरा था देखा एक सपना था, 
आँख बंद की और उन्हीं सपनो में फिर सो गए
Valentine day shayri Hindi men
ज़िन्दगी जैसे एक सज़ा सी हो गयी है, 
ग़म के सागर में कुछ इस कदर खो गयी है, 
तुम आ जाओ वापिस यह गुज़ारिश है मेरी, 
शायद मुझे तुम्हारी आदत सी हो गयी है.
रात की तन्हाई में उनको आवाज़ दिया करते हैं, 
रात में सितारों से उनका ज़िक्र किया करते हैं,
वो आयें या न आयें हमारे ख्वाबों में, 
हम तो बस उन्ही का इंतज़ार किया करते हैं.
सदियों बाद उस अजनबी से मुलाक़ात हुई, 
आँखों ही आँखों में चाहत की हर बात हुई, 
जाते हुए उसने देखा मुझे चाहत भरी निगाहों से,
मेरी भी आँखों से आंसुओं की बरसात हुई.
दिल तेरी याद में आहें भरता है, 
मिलने को पल पल तड़पता है,
मेरा यह सपना टूट न जाये कहीं, 
बस इसी बात से दिल डरता है.
इंतज़ार करते करते वक़्त क्यों गुजरता नहीं, 
सब हैं यहाँ मगर कोई अपना नहीं, 
दूर नहीं पर फिर भी वो पास नहीं, 
है दिल में कहीं पर आँखों से दूर कहीं.
एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है,
इंकार करने पर चाहत का इकरार क्यों है, 
उसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायद, 
फिर भी हर मोड़ पर उसी का इन्तज़ार क्यों है.
वक़्त नूर को बेनूर बना देता है, 
छोटे से जख्म को नासूर बना देता है, 
कौन चाहता है अपनों से दूर रहना पर वक़्त सबको मजबूर बना देता है.
वफ़ा के नाम से वो अनजान थे, 
किसी की बेवफाई से शायद परेशान थे,
हमने वफ़ा देनी चाही तो पता चला, 
हम खुद बेवफा के नाम से बदनाम थे.
भरी महफिल में तन्हा मुझे रहना सिखा दिया, 
तेरे प्यार ने दुनिया को झूठा कहना सिखा दिया, 
किसी दर्द या ख़ुशी का एहसास नहीं है अब तो, 
सब कुछ ज़िन्दगी ने चुपचाप सहना सिखा दिया.
हर रिश्ते को अजमाया है हमने, 
कुछ पाया पर बहुत गवाया है हमने, 
हर उस शख्स ने रुलाया है, 
जिसे भी हमने इस दिल में बसाया है.
Other all type shayri 
आज किसी की दुआ की कमी है, 
तभी तो हमारी आँखों में नमी है,
कोई तो है जो भूल गया हमें, 
पर हमारे दिल में उसकी जगह वही है.
उस अजनबी का यूँ न इंतज़ार करो,
इस आशिक दिल का न ऐतबार करो,
रोज़ निकला करें किसी के याद में आंसू, 
इतना न कभी किसी से प्यार करो.
वो नदियाँ नहीं आंसू थे मेरे, 
जिस पर वो कश्ती चलाते रहे, 
मंजिल मिले उन्हें यह चाहत थी मेरी, 
इसलिए हम आंसू बहाते रहे.
बड़ी आसानी से दिल लगाये जाते हैं,
पर बड़ी मुश्किल से वादे निभाए जाते हैं,
ले जाती है मोहब्बत उन राहो पर,
जहा दिए नही दिल जलाए जाते हैं.
क्या करूँगा उसका इंतज़ार करके
जब चली गई वो मुझे बर्बाद करके
सोचा था अपना भी एक जहाँ होगा
मगर मिली सिर्फ तन्हाई उसे प्यार करके.
हुसन पे जब मस्ती छाती है, 
शायरी पर बहार आती है,
पी के मेहबूब की बदन की शराब, 
जिन्दगी झूम-झूम जाती है.
आंखे है उनकी या है शराब का मेहखना,
देख कर जिनको हो गया हूँ मै दीवाना, 
होठ है उनके या है कोई रसीला जाम,
जिनके एहसास की तम्मना मे बीती है मेरी हर शाम.
लबो पे आज उनका नाम आ गया,
प्यासे के हाथ में जैसे जाम आ गया, 
डोले कदम तो गिरा उनकी बाहों में जाकर, 
आज हमारा पीना ही हमारे काम आ गया.
मुश्किलें दिल के इरादे आजमाती हैं, 
हुस्न के परदे निगाहों से हटती हैं,
हौसला मत हार गिर कर ओ मुसाफिर, 
ठोकरें इन्सान को चलाना सिखाती हैं.
खुशबू बनकर  गुलों  से  उड़ा  करते  हैं,
धुआं  बनकर  पर्वतों  से  उड़ा  करते  हैं,
ये  कैंचियाँ  खाक  हमें  उड़ने  से  रोकेगी,
हम  परों  से  नहीं  हौसलों  से  उड़ा  करते  हैं.
मिलेगी परिंदों को मंजिल ये उनके पर बोलते हैं, रहते हैं, 
कुछ लोग खामोश लेकिन उनके हुनर बोलते हैं.
हो के मायूस न यूं शाम से ढलते रहिये,
ज़िन्दगी भोर है सूरज सा निकलते रहिये, 
एक ही पाँव पे ठहरोगे तो थक जाओगे, 
धीरे-धीरे ही सही राह पे चलते रहिये.
जब  टूटने  लगे  होसले  तो  बस  ये  याद  रखना, 
बिना  मेहनत  के  हासिल  तख्तो  ताज  नहीं  होते, 
ढूंड  लेना  अंधेरों  में  मंजिल  अपनी, 
जुगनू  कभी  रौशनी  के  मोहताज़  नहीं  होते.
कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं, 
जीता वही जो डरा नहीं.
कोई लड़की हमें ठुकरा दे तो गम नहीं,
वाह वाह,कोई लड़की हमें ठुकरा दे तो गम नहीं, 
वाह वाह,अरे डूब के मर जाए वो लड़की जिसकी किस्मत में हम नहीं.
Love shayri in Hindi 
काला न कहो मेरे महबूब को;
काला न कहो मेरे महबूब को;
खुदा तो तिल ही बना रहा था;
पर प्याला ही लुढ़क गया.
गिले शिकवे दिल से न लगा लेना,
कभी रूठ जाऊं तो मना लेना,
कल का क्या पता हम हो न हो,
इसलिए जब भी मिलूं,
कभी समोसा और कभी पानी पूरी खिला देना.
अय दोस्त मत कर इन हसीनाओं से मोहब्बत;
वह आँखों और बातों से वार करती हैं;
मैंने तेरी वाली की आँखों में देखा है;
वो मुझसे भी प्यार करती है.
आंसू टपक पड़े बेरोजगार के उस एहसास पर ग़ालिब;
कि आंसू टपक पड़े बेरोजगार के उस एहसास पर ग़ालिब;
जब माँ ने कहा;बेटा खाली बैठा है,
जा मटर ही छील ले.
प्रेम करके हमने क्या पाया है,
बस अपना समय किया जाया है,
इश्क़ किया जिससे ज़हां से ज़्यादा,
उससे हमने बस धोखा खाया है.
गुलसन है अगर सफ़र जिंदगी का तो इसकी मंजिल समशान क्यों है?
जब जुदाई है प्यार का मतलब तो फिर प्यार  वाला हैरान क्यों है?
अगर जीना ही है मरने के लिए तो जिंदगी ये वरदान क्यों है?
जो कभी न मिले उससे ही लग जाता है दिल,आखिर ये दिल इतना नादान क्यों है?
यह आरजू नहीं कि किसी को भुलाएं हम;
न तमन्ना है कि किसी को रुलाएं हम;
जिसको जितना याद करते हैं;
उसे भी उतना याद आयें हम.
वो हर बार अगर रूप बदल कर न आया होता,
धोका मैने न उस शख्स से यूँ खाया होता,
रहता अगर याद कर तुझे लौट के आती ही नहीं,
ज़िन्दगी फिर मैने तुझे यु न गवाया होता
ये जान गँवा दी, ये जुबां गँवा दी,
हमने तेरे इश्क में दो जहान गँवा दी,
सीने में पड़े थे दिल के हजार टुकड़े,
एक नज़र से तूने उनमें आग लगा दी.
कैसे मुमकिन था किसी और दवा से इलाज़?
अय ग़ालिबइश्क का रोग था;
माँ की चप्पल से ही आराम आया.
तेरी दुनिया में कोई गम ना हो;
तेरी खुशियाँ कभी कम न हो;
भगवान तुझे ऐसी आइटम दे;
जो अग्निपथ की चिकनी चमेली से कम ना हो.
अर्ज़ किया है:
खुदा बचाये हमें इन हसीनो से;
वाह वाह
खुदा बचाये हमें इन हसीनो से;
लेकिन इन हसीनो को कौन बचाये, हम जैसे कमीनो से.



दिल ने एक बार और हमारा कहना माना हैं,
इस होली पे फिर उनसे रंगने जाना हैं,
हर साल खेलते हैं होली, इस बार भी करली तैयारी,
इस बार खेलना मेरे साथ, देखना राह हमार,
नीला हरा लाल गुलाबी, ये सब एक बहाना हैं,
होली का हो दिन या कुछ और हमें तो तुमसे मिलने आना हैं.

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