Thursday, 27 April 2017

जीवन-मंत्र..

जीवन-मंत्र....जीवन में रिश्तों को आसान बनाती कुछ लाईन...

जुबान का वजन बहुत कम होता है... लेकिन बहुत कम लोग इसे संभाल पाते है।
दो बातें इंसान को अपनो से दूर कर देती है .... एक उसका अहम और दूसरा उसका वहम।
जिंदगी में जो मंजिल चाहो हासिल कर लो ..... बस इतना ख्याल रखना की उसका रास्ता कभी लोगो के             दिलों को तोड़ता हुआ ना गुजरता हो...
प्रेम बचपन में फ्री में मिलता है, जवानी में कमाना पड़ता है और बुढ़ापे में मांगना पड़ता है।
रोने से आंसू भी पराये हो जाते है .... और मुस्कुराने से पराये भी अपने हो जाते है।
कठिन समय में समझदार आदमी रास्ता खोजता है ... और कायर आदमी बहाना
जो गलत है वो गलत है ... चाहे सारी दुनिया उसे कर रही हो... जो सही है, वो सही है.. चाहे आप अकेले उसे कर रहे हो।
मुर्खो से तारीफ सुनने से बेहतर है बुद्धिमानों से डांट सुनना।
अगर हारने से डर लगता है... तो फिर जीतने की इच्छा कभी मत रखिये।
खुषी उन्हें नहीं मिलती जो अपने रास्तों पर चलते है... खुषी तो उन्हें मिलती है जो दूसरों की खुषी के लिए अपने रास्ते बदल लेते है।
वो लोग जीवन में सदा आगे रहते है .... जिन्हें ये भी समझ होती है कि कब और कहां पीछे रहना है।
आपके पास आकर दूसरों की बुराई करनेवाला यकीनन दूसरों के पास जाकर आपकी बुराई करेगा..
यदि कोई आप पर आँख मूंद कर भरोसा करें..... तो आप उसे यह एहसास कभी ना दिलाये कि वह सच में अंधा है।
अगर कोई हमारे भोजन में जहर घोल दे तो उसका फिर भी कुछ उपचार है.... पर कानों में जहर घोल दे तो उसका कोई उपचार नहीं है।
हमारी बातों से हमारे काम हो ये जरूरी नहीं .... पर हमारे काम से हमारी बातें जरूरी होती है।
जो बच्चे आज बुजुर्गो के पांव छूते है ....बुलंदियो के वो ही कल पड़ाव छूते है।
विफलता तो तय है... अगर बिना सोचे कुछ कर लिया तो....या फिर सोचते ही रह गए तो।
अगर आप लोगों की खुषीयाँ लिख सकने वाली पेसिंल नहीं बन सकते तो कम से कम दुख मिटाने वाले रबर जरूर बन जाईये।
अच्छा सुनने से भी अच्छा बोलने की आदत  बनती है ।
ये तो सब जानते है कब क्या कहना है ... पर ये कम लोग ही जानते है कब क्या नहीं कहना है।
बोलकर हर शब्द का मातम करें ....इससे बेहतर है कि बातें कम करें।
इंसान की बातों से सिर्फ उसका वजन पता लगता है .... पर इंसान की किमत तो उसके काम से ही लगाई जाती है।
सुख का सबसे बड़ा दुख ये है कि .... उसके जाने के बाद ही समझ में आता है की वो सुख था
जिन्हें सपने देखना अच्छा लगता है, उन्हें रात छोटी लगती है... पर जिन्हें सपने पूरे करना अच्छा लगता है उन्हें दिन छोटा लगता है।
दूसरों की गलतीयों से सीखिए ... हमे इतनी बड़ी जिंदगी नहीं मिली है की पहले सारी गलतीयां खुद करें , फिर सीखें।
बड़ी  बात ये नहीं की हम एक साल में कितने नये दोस्त बनाते है..... मायने इसके है कि हम कितने सालो तक दोस्ती निभाते है।
सुख अपने से कितनी दूर ....हम अपनों से जितनी दूर
अवसर चाय में डुबोए बिस्कीट की तरह होता है .... जरा सी देर हुई और निकला हाथ से।
पैर में मोच और छोटी सोच ... इंसान को कभी आगे नहीं बढ़ने देती....
उसको ठोकर सलाम करती है .......बाद गिरने के जो संभल जाए।
विष्वास स्टीकर की तरह होता है.... जो एक बार निकल जाने के बाद दोबारा लग तो जाता है पर पहले वाली पकड़ नहीं आ पाती ...
अपनी गलतीयों के लिए तकदीर को बदनाम मत करो... किस्मत तो खुद हिम्मत की मोहताज होती है.....
नए जमाने का बस इतना सा प्रभाव है , पहले अभाव में खुषीयां थी, अब खुषीयों का अभाव है।
तकदीर बदल जाती है जब जिंदगी का हो कोई मकसद ... वरना उमर कट जाती है, तकदीर को इल्जाम देते देते ।
कामयाब इंसान खुष रहे या ना रहे .... पर खुष इंसान कामयाब जरूर रहता है।
बोले हुए शब्द ऐसी चीज है जिसकी वजह से इंसान या तो दिल में उतर जाता है या दिल से उतर जाता है।
इंसान की सोच भी अजीब है .... कामयाबी मिले तो अपनी अक्ल पर खुष होता है ... और जब मुसीबत आये तो अपने नसीब को कोंसता है ।
रिष्ते चाहे कितने भी बुरे हो , बचाए रखिएगा.... गंदा पानी भी प्यास ना सही, आग तो बुझाता ही है।
आकाष कोसने से कोई फायदा नहीं .... बेहतर है कमी देखलो अपनी उड़ान की।
रूतबा बैंक के बचत खाते की तरह होता है.... जितना कम खर्च करेंगे, उतना बढ़ेगा।
जुबान का वजन बहुत कम होता है... लेकिन बहुत कम लोग इसे संभाल पाते है।
दो बातें इंसान को अपनो से दूर कर देती है .... एक उसका अहम और दूसरा उसका वहम।
जिंदगी में जो मंजिल चाहो हासिल कर लो ..... बस इतना ख्याल रखना की उसका रास्ता कभी लोगो के दिलों को तोड़ता हुआ ना गुजरता हो...
प्रेम बचपन में फ्री में मिलता है, जवानी में कमाना पड़ता है और बुढ़ापे में मांगना पड़ता है।
रोने से आंसू भी पराये हो जाते है .... और मुस्कुराने से पराये भी अपने हो जाते है।
कठिन समय में समझदार आदमी रास्ता खोजता है ... और कायर आदमी बहाना
जो गलत है वो गलत है ... चाहे सारी दुनिया उसे कर रही हो... जो सही है, वो सही है.. चाहे आप अकेले उसे कर रहे हो।
मुर्खो से तारीफ सुनने से बेहतर है बुद्धिमानों से डांट सुनना।
अगर हारने से डर लगता है... तो फिर जीतने की इच्छा कभी मत रखिये।
खुषी उन्हें नहीं मिलती जो अपने रास्तों पर चलते है... खुषी तो उन्हें मिलती है जो दूसरों की खुषी के लिए अपने रास्ते बदल लेते है।
वो लोग जीवन में सदा आगे रहते है .... जिन्हें ये भी समझ होती है कि कब और कहां पीछे रहना है।
आपके पास आकर दूसरों की बुराई करनेवाला यकीनन दूसरों के पास जाकर आपकी बुराई करेगा..
यदि कोई आप पर आँख मूंद कर भरोसा करें..... तो आप उसे यह एहसास कभी ना दिलाये कि वह सच में अंधा है।
अगर कोई हमारे भोजन में जहर घोल दे तो उसका फिर भी कुछ उपचार है.... पर कानों में जहर घोल दे तो उसका कोई उपचार नहीं है।
हमारी बातों से हमारे काम हो ये जरूरी नहीं .... पर हमारे काम से हमारी बातें जरूरी होती है।
जो बच्चे आज बुजुर्गो के पांव छूते है ....बुलंदियो के वो ही कल पड़ाव छूते है।
विफलता तो तय है... अगर बिना सोचे कुछ कर लिया तो....या फिर सोचते ही रह गए तो।
अगर आप लोगों की खुषीयाँ लिख सकने वाली पेसिंल नहीं बन सकते तो कम से कम दुख मिटाने वाले रबर जरूर बन जाईये।
अच्छा सुनने से भी अच्छा बोलने की आदत  बनती है ।
ये तो सब जानते है कब क्या कहना है ... पर ये कम लोग ही जानते है कब क्या नहीं कहना है।
बोलकर हर शब्द का मातम करें ....इससे बेहतर है कि बातें कम करें।
इंसान की बातों से सिर्फ उसका वजन पता लगता है .... पर इंसान की किमत तो उसके काम से ही लगाई जाती है।
सुख का सबसे बड़ा दुख ये है कि .... उसके जाने के बाद ही समझ में आता है की वो सुख था
जिन्हें सपने देखना अच्छा लगता है, उन्हें रात छोटी लगती है... पर जिन्हें सपने पूरे करना अच्छा लगता है उन्हें दिन छोटा लगता है।
दूसरों की गलतीयों से सीखिए ... हमे इतनी बड़ी जिंदगी नहीं मिली है की पहले सारी गलतीयां खुद करें , फिर सीखें।
बड़ी  बात ये नहीं की हम एक साल में कितने नये दोस्त बनाते है..... मायने इसके है कि हम कितने सालो तक दोस्ती निभाते है।
सुख अपने से कितनी दूर ....हम अपनों से जितनी दूर
अवसर चाय में डुबोए बिस्कीट की तरह होता है .... जरा सी देर हुई और निकला हाथ से।
पैर में मोच और छोटी सोच ... इंसान को कभी आगे नहीं बढ़ने देती....
उसको ठोकर सलाम करती है .......बाद गिरने के जो संभल जाए।
विष्वास स्टीकर की तरह होता है.... जो एक बार निकल जाने के बाद दोबारा लग तो जाता है पर पहले वाली पकड़ नहीं आ पाती ...
अपनी गलतीयों के लिए तकदीर को बदनाम मत करो... किस्मत तो खुद हिम्मत की मोहताज होती है.....
नए जमाने का बस इतना सा प्रभाव है , पहले अभाव में खुषीयां थी, अब खुषीयों का अभाव है।
तकदीर बदल जाती है जब जिंदगी का हो कोई मकसद ... वरना उमर कट जाती है, तकदीर को इल्जाम देते देते ।
कामयाब इंसान खुष रहे या ना रहे .... पर खुष इंसान कामयाब जरूर रहता है।
बोले हुए शब्द ऐसी चीज है जिसकी वजह से इंसान या तो दिल में उतर जाता है या दिल से उतर जाता है।
इंसान की सोच भी अजीब है .... कामयाबी मिले तो अपनी अक्ल पर खुष होता है ... और जब मुसीबत आये तो अपने नसीब को कोंसता है ।
रिष्ते चाहे कितने भी बुरे हो , बचाए रखिएगा.... गंदा पानी भी प्यास ना सही, आग तो बुझाता ही है।
आकाष कोसने से कोई फायदा नहीं .... बेहतर है कमी देखलो अपनी उड़ान की।
रूतबा बैंक के बचत खाते की तरह होता है.... जितना कम खर्च करेंगे, उतना बढ़ेगा।


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