बिन बात के ही रूठने की आदत है,किसी अपने का साथ पाने की चाहत है,
आप खुश रहें, मेरा क्या है, मैं तो आइना हूँ, मुझे तो टूटने की आदत है
कोई चाँद से मोहब्बत करता है,
कोई सूरज से मोहब्बत करता है, हम उनसे मोहब्बत करते हैं,
जो हमसे मोहब्बत करते हैं
चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो, सांसों में मेरी खुशबु बन के बिखर जाते हो,
कुछ यूँ चला है तेरे 'इश्क' का जादू, सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो
इश्क है वही जो हो एक तरफा,
इजहार है इश्क तो ख्वाईश बन जाती है, है अगर इश्क तो आँखों में दिखाओ,
जुबां खोलने से ये नुमाइश बन जाती है
दीवाने तेरे हैं, इस बात से इनकार नहीं, कैसे कहें कि हमें आपसे प्यार नहीं, कुछ तो कसूर है आपकी निगाहों का,
हम अकेले तो गुनेहगार नहीं
ना जाने वो कौन तेरा हबीब होगा, तेरे हाथों में जिसका नसीब होगा, कोई तुम्हें चाहे ये कोई बड़ी बात नहीं,
लेकिन तुम जिसको चाहो, वो खुश नसीब होगा
आँखों में आंसुओं की लकीर बन गई,
जैसी चाहिए थी वैसी तकदीर बन गई,
हमने तो सिर्फ रेत में उंगलियाँ घुमाई थी,
गौर से देखा तो आपकी तस्वीर बन गई
हसरत है सिर्फ तुम्हें पाने की,
और कोई ख्वाहिश नहीं इस दीवाने की, शिकवा मुझे तुमसे नहीं खुदा से है, क्या ज़रूरत थी, तुम्हें इतना खूबसूरत बनाने की
आकर ज़रा देख तो तेरी खातिर हम किस तरह से जिए,आंसु के धागे से सीते रहे हम जो जख्म तूने दिए
तेरे लिए खुद को मजबूर कर लिया, ज़ख्मो को अपने नासूर कर लिया,
मेरे दिल में क्या था ये जाने बिना, तुने खुद को हमसे कितना दूर कर लिया
जानकार भी तुम मुझे जान ना पाए, आजतक तुम मुझे पहचान ना पाए,
खुद ही की है बेवाफाई तुमने, ताकि तुम पर इल्ज़ाम ना आए
उल्फत में अक्सर ऐसा होता है,
आँखे हंसती हैं और दिल रोता है, मानते हो तुम जिसे मंजिल अपनी, हमसफर उनका कोई और होता है
हमने सोचा कि सिर्फ हम ही उन्हें चाहते हैं, मगर उनके चाहने वालों का तो काफ़िला निकला
,मैंने सोचा कि शिकायत करू खुदा से,मगर वह भी उनके चाहने वालों में निकला
वफ़ा का लाज हम वफा से निभायेगें,चाहत के दीप हम आँखों से जलाएंगे,कभी जो गुजरना हो तुम्हें दूसरे रास्तों से,हम फूल बनकर तेरी राहों में बिखर जायेंगे
हम तो फना हो गए उनकी आँखे देखकर, ग़ालिब ना जाने वो आइना कैसे देखते होंगे
तुम्हारी जुल्फ के साये में शाम कर लूंगा,सफर इस उम्र का पल में तमाम कर लूंगा
प्यार तो किया मैंने बहुत, मगर इज़हार न करना आया, उसने पूछा तो मुझसे बहुत, मगर इकरार न करना आया
पलकों को जब-जब हमने झुकाया है,बस एक ही ख्याल आया है,कि जिस खुदा ने तुम्हें बनाया है,तुम्हें 'धरती' पर भेजकर वो कैसे जी पाया है
अय दिल ये तूने कैसा रोग लिया,मैंने अपनों को भुलाकर, एक गैर को अपना मान लिया
कोई छुपाता है, कोई बताता है,
कोई रुलाता है, तो कोई हंसाता है, प्यार तो हर किसी को ही किसी न किसी से हो जाता है,
फर्क तो इतना है कि कोई अजमाता है और कोई निभाता है
सभी के चेहरे में वो बात नहीं होती, थोड़े से अँधेरे से रात नहीं होती, जिंदगी में कुछ लोग बहुत प्यारे होते हैं, क्या करें उन्ही से हमारी 'मुलाकात' नहीं होती
हम रूठे तो किसके भरोसे, कौन आएगा हमें मनाने के लिए, हो सकता है, तरस आ भी जाए आपको,पर दिल कहाँ से लाये, आप से रूठ जाने के लिए
तुम दुआ हो मेरी, सदा के लिए,मै जिंदा हूँ तुम्हारी, दुआ के लिए, कर लेना लाख शिकवे हमसे, मगर कभी खफा न होना खुदा के लिए
छुपा लूं तुझको अपनी बाँहों में इस तरह, कि हवा भी गुजरने की इजाज़त मांगे, मदहोश हो जाऊं तेरे प्यार में इस तरह, कि होश भी आने की इजाज़त मांगे
उनके आने के इंतज़ार में हमनें,
सारे रास्ते दिएँ से जलाकर रोशन कर दिए,उन्होंने सोचा कि मिलने का वादा तो रात का था,वो सुबह समझ कर वापस चल दिए
पलकों से आँखों की हिफाजत होती है, दिल तो धड़कन की अमानत होती है, ये यादो का रिश्ता भी बड़ा अजीब है, करो तो तकलीफ और न करो तो शिकायत होती है
पास आपके दुनिया का हर सितारा हो, दूर आपसे गम का हर किनारा हो,
जब भी आपकी पलकें खुलें, सामने वही हो जो आपको दुनिया में सबसे प्यारा हो
खफा न होना हमसे, अगर तेरा नाम जुबां पर आ जाये, इंकार हुआ तो सह लेंगे और अगर दुनिया हंसी, तो कह देंगे, कि मोहब्बत कोई चीज़ नहीं, जो खैरात में मिल जाये, चमचमाता कोई जुगनू नहीं, जो हर रात में मिल जाये
प्यार है हमको आपसे इस कद्र,
जागते है इंतज़ार में अब तो हर पहर, आपके दीदार से होती है हर सहर, और आपके खुमार में उठती है प्यार की लहर
अधूरे मिलन की आस हैं जिंदगी,सुख-दुःख का एहसास हैं जिंदगी,फुरसत मिले तो ख्वाबो में आया करो,आप के बिना बड़ी उदास हैं जिंदगी
हमारी गलतियों से कही टूट न जाना,
हमारी शरारत से कही रूठ न जाना,
तुम्हारी चाहत ही हमारी जिंदगी हैं,
इस प्यारे से बंधन को भूल न जाना.
उसकी याद हमें बेचैन बना जाती हैं,
हर जगह हमें उसकी सूरत नज़र आती हैं,
कैसा हाल किया हैं मेरा आपके प्यार ने,
नींद भी आती हैं तो आँखे बुरा मान जाती हैं.
उल्फत की जंजीर से डर लगता हैं,
कुछ अपनी ही तकदीर से डर लगता हैं,
जो जुदा करते हैं, किसी को किसी से,
हाथ की बस उसी लकीर से डर लगता हैं.
ख्वाबो में मेरे आप रोज आते हो,
कभी दर्द, कभी खुशियाँ दे जाते हो,
कितना प्यार करते हो आप मुझ से,
शिर्फ़ मेरे इस सवाल का जबाब टाल जाते हो.
हर वक्त मुस्कुराना फिदरत हैं हमारी,
आप यूँ ही खुश रहे हसरत हैं हमारी,
आपको हम याद आये या ना आये,
आपको याद करना आदत हैं हमारी.
हम वो नहीं की भूल जाया करते हैं,
हम वो नहीं जो निभाया करते हैं,
दूर रहकर मिलना सायद मुस्किल हो,
पर याद करके सांसो में बस जाया करते हैं.
रात गुमसुम हैं मगर चाँद खामोश नहीं,
कैसे कह दूँ फिर आज मुझे होश नहीं,
ऐसे डूबा तेरी आँखों के गहराई में आज,
हाथ में जाम हैं,मगर पिने का होश नहीं.
दिन तेरे ख़याल में गुजर जाता हैं,
रातों को भी ख़याल तेरा ही आता हैं,
कभी ये ख़याल इस तरह बढ़ जाता है की,
आयने में भी तेरा ही चेहरा नज़र आता हैं.
एय मेरी जिन्दगी यूँ मुझसे दगा ना कर,
उसे भुला कर जिन्दा रहू दुआ ना कर,
कोई उसे देखता हैं तो होती हैं तकलीफ,
एय हवा तू भी उसे छुवा ना कर .....
उनका हाल भी कुछ आप जैसा ही होगा,
आपका हाले दिल उन्हें भी महसूस होगा,
बेकरारी के आग में जो जल रहे हैं आप,
आपसे ज्यादा उन्हें इस जलन का एहसास होगा.
वो वक्त वो लम्हे अजीब होंगे,
दुनियाँ में हम खुश नशीब होंगे,
दूर से जब इतना याद करते हैं आपको,
क्या हाल होगा जब आप हमारे करीब होगे.
रात को रात का तोफा नहीं देते,
दिल को जजबात का तोफा नहीं देते,
देने को तो हम आप को चाँद भी दे दे,
मगर चाँद को चाँद का तोफा नहीं देते.
तुझसे मिलने की बेताबी का वो अंजाम कैसे भुलादूँ,
तेरे लवो की हँसी और आँखों की जाम कैसे भुलादूँ,
दिल तो हमारा भी तड़पता हैं तेरा साथ पाने को,
पर इस जहाँ के रश्मो - रिवाज कैसे भुलादूँ.
चिराग खुशियों के कब से बुझाए बैठे हैं,
कब दीदार होगी उनसे हम आश लगाए बैठे हैं,
हमें मौत आएगी उनकी ही बाहों में ......
हम मौत से ये सर्त लगाए बैठे हैं.
चुपके से धड़कन में उतर जायेंगे,
राहें उल्फत में हद से गुजर जायेंगे,
आप जो हमें इतना चाहेंगे.....,
हम तो आपकी साँसों में पिघल जायेंगे.
दिल में सिर्फ आप हो और कोई खाश कैसे होगा,
यादों में आपके सिवा कोई पास कैसे होगा,
हिचकियाँ कहती हैं आप मुझे याद करते हो,
पर बोलोगे नहीं तो मुझे ये एहसास कैसे होगा.
दिल में कोई और बसा तो नहीं,
ये चाहत इश्क की ज्यादा तो नहीं,
सब मुझे चाहने लगे हैं....,
कहीं मुझ में तुम्हारे जैसी कोई अदा तो नहीं.
तुझको मिल जायेगा बेहतर मुझसे,
मुझको मिल जायेगा बेहतर तुझसे,
फिर भी दिल में एक ख्याल आता हैं,
जानी तू जो मिल जाए तो बेहतर हैं सबसे.
हमारी गलतियों से कही टूट न जाना,
हमारी शरारत से कही रूठ न जाना,
तुम्हारी चाहत ही हमारी जिंदगी हैं,
इस प्यारे से बंधन को भूल न जाना.
तेरा ख़याल तेरी आरजू न गयी,
मेरे दिल से तेरी जुस्तजू न गयी,
इश्क में सब कुछ लुटा दिया हँसकर मैंने,
मगर तेरे प्यार की आरजू न गयी.....
तेरी चाहत में हम ज़माना भूल गये,
किसी और को हम अपनाना भूल गये,
तुम से मोहब्बत हैं बताया सारे जहाँ को,
बस एक तुझे ही बताना भूल गये......
आँखों के सामने हर पल आपको पाया हैं,
अपने दिल में भी सिर्फ आपको ही बसाया हैं,
आपके बिना हम जिए भी तो कैसे........,
भला जान के बिना भी कोई जी पाया हैं.
आपने कहा मोहब्बत पूरी नहीं होती |
हम कहते हैं हर बार ये बात जरुरी नहीं होती ||
मोहब्बत तो वो भी करते हैं उनसे......|
जिन्हें पाने की कोई उम्मीद नहीं होती ||
यकीन नहीं तुझे अगर, तो आज़मा के देख ले,
एक बार तू, जरा मुस्कुरा के देख ले,
जो ना सोचा होगा तूने, वो मिलेगा तुझको भी,
एक बार आपने कदम,बढ़ा के देख ले |
दिल लगता नहीं है अब तुम्हारे बिना,
खामोश से रहने लगे है तुम्हारे बिना,
जल्दी लौट के आओ अब यही चाह है,
वरना जी ना पाएँगे तुम्हारे बिना |
याद तो हर कोई करेगा जाने के बाद,
सच्चे प्यार का पता चल जाएगा वख्त आने के बाद,
कौन कितनी मुहोब्बत करता है,
नजर आएगा मर जाने के बाद |
दिल में रहते थे जो नजरों से उतर गए
रिश्ते जैसे काँच के टुकड़े, ठेस लगी और टूट गए।
तुझे भूलकर भी न भूल पायेगें हम,
बस यही एक वादा निभा पायेगें हम,
मिटा देंगे खुद को भी जहाँ से लेकिन,
तेरा नाम दिल से न मिटा पायेगें हम.
राह तकते है हम उनके इंतज़ार में,
साँसे भरते हैं उनके एक दीदार में,
रात न कटती है न होता है सवेरा,
जबसे दिल के हर कोने में हुआ है आपका बसेरा.
वो दर्द ही क्या जो आँखों से बह जाए,
वो खुशी ही क्या जो होठों पर रह जाए,
कभी तो समझो मेरी खामोशी को,
वो बात ही क्या जो लफ्ज़ आसानी से कह जायें.
जब भी उनकी गली से गुज़रता हूँ,
मेरी आंखें एक दस्तक दे देती है,
दुःख ये नहीं, वो दरवाजा बंद कर देते है,
खुशी ये है, वो मुझे अब भी पहचान लेते हैं।
शाम के बाद मिलती है रात,
हर बात में समाई हुई है तेरी याद.
बहुत तनहा होती ये जिंदगी,
अगर नहीं मिलता जो आपका साथ.
खाली खाली न यूँ दिल का मकां रह जाये
तुम गम-ए-यार से कह दो, कि यहां रह जाये
रूह भटकेगी तो बस तेरे लिये भटकेगी
जिस्म का क्या भरोसा ये कहां रह जाये
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