Wednesday, 26 April 2017

मनचाही शायरियां

गमों में डूबे तो फिर जगमगा के निकले हैं ... यहाँ डूबे थे ... बड़ी दूर जा के निकले हैं

गमों में डूबे तो फिर जगमगा के निकले हैं ...
यहाँ डूबे थे ... बड़ी दूर जा के निकले हैं ....

तेरी बाहों में बड़े प्यार से आये थे मगर ..
तेरे पंजो से बहुत छटपटा के निकले हैं ...

तूने भी दिल को दुखने की इन्तहा कर दी...
हम भी महफ़िल से मगर मुस्कुरा के निकले हैं ..

कई लोगो से मेरी नौकरी की बात हुई ...
बहुत से काम तो हाथो में आ के निकले हैं ...

मेरे ही ज़ब्त ने बेचैन किया है तुझको ..
ये तेरे आंसू मुझे आजमा के निकले हैं ...

बड़े तैराक हैं ये मैंने खुद भी देखा है ...
यहाँ कूदे थे .. बहुत दूर जा के निकले हैं ..

धड़कने रुक गयी , दम भी निकल गया मेरा..
सभी अरमान तेरे पास आ के निकले हैं ..

हमने हर नौकरी बर्बाद होके छोड़ी है ...
सबको लगता है के पैसा कमा के निकले हैं ..

ऐसे वैसो को भी दिल में बसा लिया ''सतलज'
बहुत से लोग तो बातें बना के निकले हैं ...

मोहब्बत का मेरे सफर आख़िरी है

मोहब्बत का मेरे सफर आख़िरी है,
ये कागज, कलम ये गजल आख़िरी है
मैं फिर ना मिलूंगी कहीं ढूंढ लेना
तेरे दर्द का ये असर आख़िरी है…!!

तमाम गाँव तेरे भोलपन पे हँसता है

मेरा क़लम मेरे जज़्बात माँगने वाले
मुझे न माँग मेरा हाथ माँगने वाले

ये लोग कैसे अचानक अमीर बन बैठे
ये सब थे भीक मेरे साथ माँगने वाले

तमाम गाँव तेरे भोलपन पे हँसता है
धुएँ के अब्र से बरसात माँगने वाले

नहीं है सहल उसे काट लेना आँखों में
कुछ और माँग मेरी रात माँगने वाले

कभी बसंत में प्यासी जड़ों की चीख़ भी सुन
लुटे शजर से हरे पात माँगने वाले

तू अपने दश्त में प्यासा मरे तो बेहतर है
समंदरों से इनायात माँगने वाले

तेरी एक हसी पे ये दिल कुर्बान कर जाओ

तेरी एक हसी पे ये दिल कुर्बान कर जाओ ,
ऐतराज़ न हो अगर तो तेरा दिल चुरा ले जाओ ,
न बहने दू कभी इन आखो से आंसू ,
तू कहे तो तेरे सारे सितम सह जाओ .
हँसता हुआ रखु तेरे लबो को हमेशा ,
चूमकर जिन्हें वोह प्यारी मुस्कान दे जाओ ,
सीने से लगा के रखु तुम्हे ,
मनन तो करता है तुझमे समां जाऊ .
सुनता ही रहू तुम्हारी धडकनों को ,
और अपने दिल की हर बात कह जाऊ ,
गम को कभी करीब न आने दू ,
और तुम्हे ज़िन्दगी की खुशिया तमाम दे जाओ

ज्यादा मिठाई अच्छी नहीं लगती


ज्यादा मिठाई अच्छी नहीं लगती 
झूठी वाहवाही अच्छी नहीं लगती

सच, हक में .. फायदेमंद भी, पर 
हमें कड़वी दवाई अच्छी नहीं लगती 

तुझे ही हो मुबारक़ बुज़ुर्गों की हवेली 
ये दीवार मेरे भाई अच्छी नहीं लगती 

मोहब्बत में तकरार लाज़मी है मगर 
पर अब ये लड़ाई अच्छी नहीं लगती

लुत्फ़ आता है हमें भी यूँ तो
पर हरदम बुराई अच्छी नहीं लगती

किसे है गुरेज़ ठहाकों कहकहों से
पर जगहंसाई अच्छी नहीं लगती

कुबूल है तेरी सारी बेवफ़ाइयां, ऐ दोस्त
तेरे मुंह से सफाई अच्छी नहीं लगती

चुरा ली नींदे नरम पलंग ने, पर क्या करें
घर में अब चारपाई अच्छी नहीं लगती

नज़र न आये मेरे अपने जहाँ से
हमें वो उंचाई अच्छी नहीं लगती

शराफत को ज़माना कमजोरी समझे
इतनी अच्छाई अच्छी नहीं लगती

कभी तो कीजिये सीधीसादी शायरी
हरदम ये गहराई अच्छी नहीं लगती

दुश्मनों को हैं कुबूल तारीफ़ यूं तो
पर दोस्तों को बड़ाई अच्छी नहीं लगती

तेरी बज़्म नवाज़ती है ‘खुलूस-ओ-दाद’ से
किसको ये कमाई अच्छी नहीं लगती

चल दिए पढ़कर, न लाइक न कमेंट
आपकी ये कोताही अच्छी नहीं लगती

फ़क़त इसलिए उसकी आदतें बुरी है
विक्रम’ को पारसाई अच्छी नहीं लगती

तेरी निगाह के जादू बिखरते जाते हैं

तेरी निगाह के जादू बिखरते जाते हैं
जो ज़ख़्म दिल को मिलले वो भरते जाते हैं
तेरे बगैर वो दिन भी गुजर गए आखिर
तेरे बगैर ये दिन भी गुजरते जाते हैं

महफील भी रोयेगी, हर दिल भी रोयेगा

महफील भी रोयेगी, हर दिल भी रोयेगा ,
ङुबी जो मेरी कस्ती तो साहील भी रोयेगा ,
हम इतना प्यार बीखेर देगे इस दुनीया मे के,
मेरी मौत पे मेरा कातील भी रोयेगा……!!

ये सच है कि तुम मेरी तक्दीर हो

ये सच है कि तुम मेरी तक्दीर हो |
मेरे इस्क कि सबसे बडी जागीर हो |
अगर दिल मेरा एक आयिना है |
तो उसमे तुम इक हसती तस्वीर हो |

दिल्लगी कर जिंदगी से, दिल लगा के चल

दिल्लगी कर जिंदगी से, दिल लगा के चल
जिंदगी है थोड़ी, थोडा मुस्कुरा के चल……!!

मुजे ऊंचाइयों पर देखकर हैरान है बहुत लोग,
पर किसी ने मेरे पैरो के छाले नहीं देखे…..!!

 जिंदगी में बडी शिद्दत से निभाओ अपना किरदार,
कि परदा गिरने के बाद भी तालीयाँ बजती रहे……!!!

चाँद ने की होगी सूरज से महोब्बत

चाँद ने की होगी सूरज से महोब्बत
इसलिए तो चाँद मैं दाग है
मुमकिन है चाँद से हुई होगी बेवफ़ाई
इसलिए तो सूरज मैं आग है

एक आदमी कब्र पर बैठा था

एक आदमी कब्र पर बैठा था…
शराबी ने पूछा – डर नहीं लगता?
आदमी – डरने की क्या बात है
.
.
.
अंदर गरमी लग रही थी, थोड़ी देर के लिए बाहर आ गया…

ठोकर ना लगा मुझे पत्थर नही हु मै,

ठोकर ना लगा मुझे पत्थर नही हु मै,
हैरत से ना देख कोई मंज़र नै हु मै,
उनकी नज़र में मेरी कदर कुछ भी नही,
मगर उनसे पूछो जिन्हें हासिल नही हु मै..

प्यार करने वालो की किस्मत ख़राब होती हैं

प्यार करने वालो की किस्मत ख़राब होती हैं !
हर वक़्त इन्तहा की घड़ी साथ होती हैं !!
वक़्त मिले तो रिश्तो की किताब खोल के देखना !
दोस्ती हर रिश्तो से लाजवाब होती हैं !!

तुम्हे हमारी याद कभी तो आती होगी !

 तुम्हे हमारी याद कभी तो आती होगी !
दिल की धड़कन भी सायद बढ़ जाती होगी !!
कितना चाहा था हमने की साथ - साथ रहे !
यह सोच कर तुम्हारी भी आँख भर आती होगी !!

हर आहट एहसास हमारा दिलाएगी

हर आहट एहसास हमारा दिलाएगी !
हर हवा खिसा हमारा सुनाएगी !!
हम इतने यादें भर देगे आपके दिल में !
ना चाहते हुवे भी आपको याद हमारी आएगी !!

दोस्ती तो सिर्फ एक इत्तफाक हैं !

 दोस्ती तो सिर्फ एक इत्तफाक हैं !
यह तो दिलो की मुलाक़ात हैं !!
दोस्ती नहीं देखती यह दिन हैं की रात हैं !
इसमें तो सिर्फ वफादारी और जज्बात हैं !!

बड़ा अरमान था तेरे संग जिंदगी बिताने का

 बड़ा अरमान था तेरे संग जिंदगी बिताने का !
शिकवा हैं बस तेरे खामोश रह जाने का !!
दीवानगी इस से बढ़ा के क्या होगी !
मुझे आज भी इंतजार हैं तेरे आने का !!

तेरे होठों से लग कर ये हवा शराब बन गई

तेरे होठों से लग कर ये हवा शराब बन गई !
आँखों से लग कर ये हिजाब बन गई !!
सच ही कहती हैं ये दूनियाँ जानेमन !
की मुझ से मिलकर तू लाजबाब हो गई !!

फिर करने लगा हिसाब जिंदगी का

फिर करने लगा हिसाब जिंदगी का !
ये भी एक जरिया हैं तुम्हे याद करने का !!
यादों के खाख में ढूंढ़ रहा था एक हँसी !
आँखों से भी टपका तो एक कतरा .... !!

काश वादों का मतलब वो समझते !

काश वादों का मतलब वो समझते !
काश खामौसी का मतलब वो समझते !!
नज़र कहती हैं हजार बातें !
काश मेरे एक नज़र का मतलब वो समझते !!

रात को रात का तोफा नहीं देते !

रात को रात का तोफा नहीं देते !
दिल को जजबात का तोफा नहीं देते !!
देने को तो हम आप को चाँद भी दे दे !
मगर चाँद को चाँद का तोफा नहीं देते !!

आंसू से पलके भींगा लेता था !

आंसू से पलके भींगा लेता था !
याद तेरी आती थी तो रो लेता था !!
सोचा था की भुला दूँ तुझको मगर !
हर बार ये फैसला बदल लेता था !!

चिराग खुशियों के कब से बुझाए बैठे हैं

चिराग खुशियों के कब से बुझाए बैठे हैं !
कब दीदार होगी उनसे हम आश लगाए बैठे हैं !!
हमें मौत आएगी उनकी ही बाहों में ......
हम मौत से ये सर्त लगाए बैठे हैं !!

तुझसे मिलने की बेताबी का वो अंजाम कैसे भुलादूँ !

तुझसे मिलने की बेताबी का वो अंजाम कैसे भुलादूँ !
तेरे लवो की हँसी और आँखों की जाम कैसे भुलादूँ !!
दिल तो हमारा भी तड़पता हैं तेरा साथ पाने को !
पर इस जहाँ के रश्मो - रिवाज कैसे भुलादूँ !!

जिसे दिल दिया वो दिल्ली चली गई !

जिसे दिल दिया वो दिल्ली चली गई !
जिसे प्यार किया वो इटली चली गई !!
दिल ने कहा खुद ख़ुशी कर ले जालिम !
बिजली को हाथ लगाया तो बिजली चली गई !!

हम तो यु ही बेखुदी में कह दिए !

हम तो यु ही बेखुदी में कह दिए !
की हमें कोई याद नहीं करते !!
जिसका हो आप जैसा प्यारा दोस्त!
वो कभी खुदा से भी फरियाद नहीं करते !!

हर कोई साथ हो ये जरुरी नहीं होता !

 हर कोई साथ हो ये जरुरी नहीं होता !
जगह तो दिल में बनायीं जाती हैं !!
पास होकर भी दोस्ती इतनी अटूट नहीं होती !
जितनी की दूर रह कर निभाई जाती हैं !!

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