Monday, 30 October 2017

SHAYARI


COLLECTION OF TWO LINE SHAYARI





बिना लिबास आए थे इस जहां में,

बस एक कफ़न की खातिर, इतना सफ़र करना पड़ा....!!!!



समय के एक तमाचे की देर है प्यारे,

मेरी फ़क़ीरी भी क्या, तेरी बादशाही भी क्या....!!!!


जैसा भी हूं अच्छा या बुरा अपने लिये हूं,

मै खुद को नही देखता औरो की नजर से....!!!!


मुलाकात जरुरी हैं, अगर रिश्ते निभाने हो,

वरना लगा कर भूल जाने से पौधे भी सुख जाते हैं....!!!!




नींद आए या ना आए, चिराग बुझा दिया करो,

यूँ रात भर किसी का जलना, हमसे देखा नहीं जाता....!!!!



मोबाइल चलाना जिसे सिखा रहा हूँ मैं,

पहला शब्द लिखना उसने मुझे सिखाया था....!!!!



यहाँ हर किसी को, दरारों में झाकने की आदत है,

दरवाजे खोल दो, कोई पूछने भी नहीं आएगा....!!!!


"तू अचानक मिल गई तो कैसे पहचानुंगा मैं,

ऐ खुशी.. तू अपनी एक तस्वीर भेज दे....!!!!



इसी लिए तो बच्चों पे नूर सा बरसता है,

शरारतें करते हैं, साजिशें तो नहीं करते....!!!!


महँगी से महँगी घड़ी पहन कर देख ली,

वक़्त फिर भी मेरे हिसाब से कभी ना चला ...!!



युं ही हम दिल को साफ़ रखा करते थे ..

पता नही था की, 'किमत चेहरों की होती है!!


दो बातें इंसान को अपनों से दूर कर देती हैं,

एक उसका 'अहम' और दूसरा उसका 'वहम'......


पैसे से सुख कभी खरीदा नहीं जाता

और दुःख का कोई खरीदार नहीं होता।"

मुझे जिंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं,

पर सुना है सादगी में लोग जीने नहीं देते..!!



ऐ बारिश जरा खुलकर बरस, ये क्या तमाशा है....!!

इतनी रिमझिम तो मेरी आँखों से रोज होती है...!!!!





उदासियों की वजह तो बहुत है जिंदगी में,

पर बेवजह खुश रहने का मजा ही कुछ और है... ..




















कितने अंदाज से किया उसने नज़र अंदाज,

ए खुदा उसके इस अंदाज को नज़र ना लगे


हुस्न वालों ने क्या कभी की ख़ता कुछ भी ?

ये तो हम हैं सारे इलज़ाम लिये फिरते हैं।


सुबकती रही रात अकेली तनहाइयों के आगोश़ में,

और वो काफिऱ दिन से मोहब्बत कर के उसका हो गया।


सौ बार चमन महका, सौ बार बहार आई,

दुनिया की वही रौनक, दिल की वही तन्हाई।








जिनके दिल बहुत अच्छे होते हैं ...

अक्सर उन्हीं की किस्मत खराब होती है


क्या लिखूँ , अपनी जिंदगी के बारे में, दोस्तों...

वो लोग ही बिछड़ गए, जो जिंदगी हुआ करते थे !!


सिमट गया मेरा प्यार भी चंद अल्फाजों में,

जब उसने कहा मोहब्बत तो है पर तुमसे नहीं..


बाबजूद इसके तेरा साथ निभाया मैने.....

तू फटा नोट था... मगर पूरे में चलाया मैंने..





दूर दूर रह कर भी हम कितने करीब हैं,

हमारा रिश्ता भी जाने कितना अजीब है,

बिन देखे ही तेरा यूँ मोहब्बत करना मुझसे,

बस तेरी यही चाहत ही तो मेरा नसीब है,

पर जिसे प्यार ही ना मिला हो किसी का,

वो बदकिस्मत भी यहाँ कितना गरीब है,

और जिसे मिल गया हो तेरे जैसा यार यहाँ,

वो शख्स भी मेरे जैसा ही खुशनसीब है….!!
तेरा चेहरा तेरी आँखे






तेरा चेहरा तेरी आँखे तेरे जैसी बात कहाँ ।

तुम्हे देखते जो गुजरी है, ऐसी कोई रात कहाँ ।




मैने जब सोचा कि तुम बिन जिना मुश्किल बात नही,

दिन तो मुश्किल से ही गुज़रा, तुम बिन गुज़री रात कहाँ ?




ज़हर समय का वह पी लेगा, कहता है तो कहने दो..

लीडर है वो सच न मानें, अब कोई सुकरात कहाँ ।




मेरी आँखों मे बुंदे थी, जब तितली के पंख नुचे,

जी तो चाहे शहर डुबो दूँ, आँखों में बरसात कहाँ ।




तेरी याद के नाखूनों से, रोज उधेड़े जख़्मों को,

मिलन की मरहम की चाहत है, पर ऐसी कोई रात कहाँ ।




हर इक आँख में आँसू हो, और हर इक हाथ में पत्थर हो,

बदलेगी तब ही यह दुनिया, पर ऐसे हालात कहाँ ।


माँ बिना जिंदगी वीरान होती है

तनहा सफर में हर राह सुनसान होती है

ज़िंदगी में माँ का होना है बहुत ज़रूरी..

माँ की दुआओं से ही हर मुश्किल आसान होती है

परिंदे रुक मत तुझमे जान बाकी है,
मन्जिल दूर है, बहुत उड़ान बाकी है।
आज या कल मुट्ठी में होगी दुनियाँ,
लक्ष्य पर अगर तेरा ध्यान बाकी है।
यूँ ही नहीं मिलती रब की मेहरबानी,
एक से बढ़कर एक इम्तेहान बाकी है।
जिंदगी की जंग में है हौसला जरुरी,
जीतने के लिए सारा जहान बाकी है।

No comments:

Post a Comment