Monday 9 October 2017

STATUS KI DUNIYA •••••••••••••••

STATUS KI DUNIYA •••••••••••••••

1. बदलना आता नहीं हमे मौसम की तरह,
हर इक रुत में तेरा इंतज़ार करते हैं,
ना तुम समझ सकोगे जिसे क़यामत तक,
कसम तुम्हारी तुम्हे हम इतना प्यार करते हैं।



2. खुदा की रहमत में अर्जियाँ नहीं चलतीं
दिलों के खेल में खुदगर्जियाँ नहीं चलतीं
चल ही पड़े हैं तो ये जान लीजिए हुजुर,
इश्क़ की राह में मनमर्जियाँ नहीं चलतीं !



3. मजा चख लेने दो उसे गेरो की मोहबत का भी,इतनी चाहत के बाद जो मेरा न हुआ वो ओरो का क्या होगा।

4. यूँ पलके बिछा कर तेरा इंतज़ार करते है ,
ये वो गुनाह है जो हम बार बार करते हैं ,
जलकर हसरत की राह पर चिराग,
हम सुबह और शाम तेरे मिलने का इंतज़ार करते हैं।




5. मुस्कान का कोई मोल नहीं होता ,
रिश्तों का कोई तोल नहीं होता,
लोग तो मिल जाते है हर रस्ते पर ,
लेकिन हर कोई आपकी तरह अनमोल नहीं होता।



6. जो बदनाम थे कल तक, आज वो सुखनवर हो गए
जो थे कल तक बाहर, आज दिलों के अंदर हो गए
हम तो आज भी एक कतरा हैं रुके हुए पानी का,
पर लोग देखते ही देखते, कतरे से समंदर हो गए…



7. ना तस्वीर है उसकी की दीदार किया जाये , ना पास है वो जो उसे प्यार किया जाये,
यह कैसा दर्द दिया है उस बेदर्द ने , ना उससे कुछ खा जाये , ना उसके बिन रहा जाये।



8. यूँ पलके बिछा कर तेरा इंतज़ार करते है , ये वो गुनाह है जो हम बार बार करते हैं , जलकर हसरत की राह पर चिराग, हम सुबह और शाम तेरे मिलने का इंतज़ार करते हैं।

9. क़यामत टूट पड़ती है,
ज़रा से होंठ हिलने पर !
जाने क्या हस्र होगा,
जब वो खुलकर मुस्कुरायेंगे



10. मेरे दिल में तेरे लिए प्यार आज भी है
माना कि तुझे मेरी मोहब्बत पर शक आज भी है
नाव में बैठकर जो धोए थे हाथ तूने
पूरे तालाब में फैली मेंहदी की महक आज भी है…



11. लिखी कुछ शायरी ऐसी तेरे
नाम से कि,जिसने तुम्हे देखा भी नही
उसने भी तेरी तारीफ कर दी



12. किसी उदास मौसम में,
मेरी आँखों पे वो हाथ रख दे अपना,
और हस्ती हुई कह दे,
पहचान लो तो हम तुम्हारे
ना पहचानो तो तुम हुमारे..



13. मेरी साँसों में बिखर जाओ तो अच्छा है…
बन के रूह मेरे जिस्म में उतार जाओ तो अच्छा है…
किसी रात तेरी गोद में सिर रख कर सो जाऊँ मैं…
उस रात की कभी सुबह ना हो तो अच्छा है…



14. तन्हाईयों में मुस्कुराना इश्क है;
एक बात को सबसे छुपाना इश्क है;
यु तो नींद नहीं आती हमें रात भर;
मगर सोते-सोते जागना और जागते-जागते सोना इश्क है



15. तुझे इनकार है मुझसे, मुझे इकरार है तुझसे,
तू खफा है मुझसे, मुझे चाहत है तुझसे,
तू मायूस है मुझसे, मुझे खुशी है तुझसे,
तुझे नफ़रत है मुझसे और मुझे प्यार है तुझसे…



16. इस बात का एहसास किसी पर ना होने देना.. के तेरी चाहतों से चलती है मेरी साँसें

17. क्या विश्वास नही तुम्हे हमारे विश्वास पे आज
तुम फिर से ज़रा मेरी बातों पे एतबार तो करो
यूँ ना कहो मुझे बेवफा, मैं बेवफा नही हूँ
तुम मेरी वफ़ा को ज़रा समझने की कोशिश तो करो



18. वो मोहब्बत भी तेरी थी, वो नफ़रत भी तेरी थी,
वो अपनाने और ठुकराने की अदा भी तेरी थी,
मैं अपनी वफ़ा का इंसाफ़ किस से माँगता?…
वो शहर भी तेरा था, वो अदालत भी तेरी थी….



19. आंसूओ तले मेरे सारे अरमान बह गये
जिनसे उमीद लगाए थे वही बेवफा हो गये,
थी हमे जिन चिरागो से उजाले की चाह
वो चिराग ना जाने किन अंधेरो में खो गये



20. कहा मिलेगा तुम्हे मुझ जैसा कोई;
जो तुम्हारे सितम भी सहे;
और तुमसे मोहब्बत भी करे!



21. हसीनो ने हसीन बनकर गुनाह किया,
औरों को तो क्या हमको भी तबाह किया,
पेश किया जब ग़ज़लों में हमने उनकी बेवफ़ाई को,
औरों ने तो क्या उन्होने भी वाह-वाह किया.



22. अब तो गम सहने की आदत सी हो गयी है
रात को छुप – छुप रोने की आदत सी हो गयी है
तू बेवफा है खेल मेरे दिल से जी भर के
हमें तो अब चोट खाने की आदत सी हो गयी है .



23. कुछ चीज़े हम पुरानी छोड़ आए हैं,
आते आते उसकी आँखो मे पानी छोड़ आए हैं,
ये ऐसा दर्द है जो बया हो ही नही सकता…
दिल तो साथ ले आए धड़कन छोड़ आए हैं…



24. हर दिल का एक राज़ होता है,
हर बात का एक अंदाज़ होता है ..
जब तक ना लगे बेवफ़ाई की ठोकर ,
हर किसी को अपनी पसंद पर नाज़ होता है..



25. अब तो गम सहने की आदत सी हो गयी है
रात को छुप – छुप रोने की आदत सी हो गयी है
तू बेवफा है खेल मेरे दिल से जी भर के
हमें तो अब चोट खाने की आदत सी हो गयी है .

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