Wednesday 11 October 2017

emaz


गम में हंसने वालो को रुलाया नहीं जाता लहरो को पानी से मिलाया नहीं जाता होने वाले खुद ही अपने हो जाते है किसी को कहकर अपना बनाया नहीं जाता1



.हमसे पूछो क्या होता है पल पल बिताना बहुत मुश्किल होता है दिल को समझाना यार जिंदगी तो बीत जाएगी बस मुश्किल होता है कुछ लोगो को भूल पाना



2.नाराज होना आपसे गलती कहलाएगी आप हुए नाराज तो ये साँसे थम जाएगी आप हँसते रहे युही जिंदगी भर आपकी हंसी से हमारी जिंदगी संवर जाएगी


मजबुरिया हमारी वो जान न सके फर्मानो को हमारे वो मान न सके केहते हे वो हमे मर कर भी चाहेंगे जीते जी हमे जो पेहचान ना सके !!!


कभी कभी मेरे दिल मैं ख्याल आता है कि ज़िंदगी तेरी जुल्फों कि नर्म छांव मैं गुजरने पाती तो शादाब हो भी सकती थी।


ज़िंदगी के लिए जीना ज़रूरी है, जीने क लिए अरमान ज़रूरी है, दिल में चाहे हज़ारो गुम हो, फिर भी तेरे चेहरे पे मुस्कान ज़रूरी है.


स्त्रियों के लिए नही रखता कोई व्रत फिर भी लम्बी उम्र जी लेती हैं करती हैं राधा की तरह प्रेम और मीरा की तरह विष पी लेती हैं!


तेरे खुशुबू से लिपट कर बितायी सारी रात... आज सब मेरे महकने का सबब पूछें गर...

*मत सोच की तेरा* *सपना क्यों पूरा नहीं होता* *हिम्मत वालो का इरादा* *कभी अधुरा नहीं होता*



मोह्ब्बत तो बहुत बडी बीमारी है अगर ये आपको, मुझसे हो जाये तो ये आपकी ही जिम्मेदारी है..


“सोचा था न करेंगे किसी से दोस्ती, न करेंगे किसी से वादा, पर क्या करे दोस्त मिला इतना प्यारा की करना पड़ा दोस्ती का वादा,”



दिल अगर अपना है तो किसी और के बस में क्यों है ।काश तुम पूछो की मुझसे क्या चाहिये, मैं पकडू बस तेरा हाथ और कहूँ सिर्फ तेरा साथ चाहिये…



खूबसूरती न सूरत में है…न लिबास में है… निगाहें जिसे चाहे…उसे हसीन कर दें…


#खूश्बु कैसे ना आये मेरी #बातों से #यारों ... मैंने #बरसों से एक ही #फूल से जो #मोहब्बत की है.....

एक जैसे दोस्त सारे नही होते, कुछ हमारे होकर भी हमारे नहीं होते, आपसे दोस्ती करने के बाद महसूस हुआ, कौन कहता है ‘तारे ज़मीं पर’ नहीं होते.



पत्थर की दुनिया जज़्बात नही समझती दिल में क्या है वो बात नही समझती, तन्हा तो चाँद भी सितारों के बीच में है पर चाँद का दर्द वो रात नही समझती



ये दिल ना जाने किया कर बैठा, मुझसे बिना पूछे ही फैसला कर बैठा, इस ज़मीन पर टूटा सितारा भी नहीं गिरता, और ये पागल चाँद से मोहब्बत कर बैठा...


नज़र झुक रही है ख़मोशी है लब पर हया है,अदा है,कि अन-बन है


तुमने होठों से छू कर दरिया का पानी गुलाबी कर दिया, हमारी तो बात और थी तुमने मछलियों को भी शराबी कर दिया।


हर बार दिल से ये पैगाम आए, जुबान खोलूं तो तेरा ही नाम आए, तुम ही क्यों भाए दिल को क्या मालूम, जब नज़रों के सामने हसीन तमाम आए...



मंजिलों से अपनी कभी डर ना जाना, रास्ते की परेशानियों से कहीं टूट ना जाना, जब भी ज़रूरत हो ज़िन्दगी में किसी अपने की,



इन ज़ुल्फों को भी मैं हाथ में ले ना सकूँगा, उलझी हुई रातों को ये सुलझा ना सकेगी..

आराम वो क्या देगी जो तड़पा ना सकेगी, परछाई तो इंसान के काम आ ना सकेगी, इन होंठों को मैं कुछ दे ना सकूँगा,

तस्वीर तेरी दिल मेरा बहला ना सकेगी ये तेरी तरह मुझसे तो शर्मा ना सकेगी मैं बात करूँगा तो ये खामोश रहेगी सीने से लगा लूँगा तो ये कुछ ना कहेगी

अपना हमसफ़र बना ले मुझे, तेरा ही साया हूँ अपना ले मुझे, ये रात का सफ़र और भी हंसी हो जाएगा, तू आ जा मेरे सपनों में या बुला ले मुझे..


मुझे सीने से लगा लो, दिल में बसा लो, ले-जाकर कहीं दूर इस दुनिया से, मुझे अपनी मोहब्बत बना लो...


हकीकत हो तुम कैसे तुम्हें सपना कहूँ तेरे हर दर्द को अब में अपना कहूँ सब कुछ कुर्बान है मेरे यार तुझ पर कौन है तुम्हारे सिवा जिसे में अपना कह



आप पे कुर्बान हमारी यारी है, हंसके मर जाने की तैयारी है, ये सिलसिला ना खत्म हो हमारी दोस्ती का, हमने तो याद कर लिया अब आपकी बारी है..

उदास लम्हों का ना कोई मलाल रखना, तूफ़ान में भी वजूद संभाल के रखना, किसी के लिए शर्त-ए-ज़िन्दगी तुम हो, किसी की खातिर अपना ख्याल रखना...



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