मेरे मन की आवाज ..... ( मेरी तन्हाई)
Friday, 30 December 2016
हसरत है सिर्फ तुम्हें पाने की और कोई ख्वाहिश नहीं इस दीवाने की शिकवा मुझे तुमसे नहीं खुदासे है क्या ज़रूरत थी तुम्हें इतनाखूबसूरत बनाने की
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