जब तुम रोते थे रात-रात भर।वो जागती थी आँचल में लेकर।।अब वह रोती है रात-रात भर।तुम सोए रहते हो चादर ओढ़कर।
।वो हाथ सिर पर रख दे तो आशीर्वाद बन जाता है;उसको रुलाने वाला जल्लाद बन जाता है;माँ का दिल ना दुखाना कभी;उसका तो जूठा भी प्रसाद बन जाता है।
।वो हाथ सिर पर रख दे तो आशीर्वाद बन जाता है;उसको रुलाने वाला जल्लाद बन जाता है;माँ का दिल ना दुखाना कभी;उसका तो जूठा भी प्रसाद बन जाता है।
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