मेरे मन की आवाज ..... ( मेरी तन्हाई)
Friday, 9 December 2016
कुछ न कुछ हर बार ही खोते रहे
और उसी के नाम से रोते रहे,
आया इक तूफ़ान सब-कुछ ले गया
आँधियों से मशवरे होते रहे**
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