Friday 9 December 2016

एक 'दिया' ♨ऐसा भी हो,
जो भीतर तलक प्रकाश करे,

एक 'दिया'♨ मुर्दा जीवन में फिर आकर क़ुछ श्वास भरे,

एक 'दिया'♨ सादा हो इतना,
जैसे सरल साधु का जीवन,

एक 'दिया'♨ इतना सुन्दर हो, जैसे देवों का उपवन,

एक 'दिया'♨ जो भेद मिटाये,
क्या तेरा -क्या मेरा है,

एक 'दिया'♨ जो याद दिलाये,
हर रात के बाद सवेरा है,

एक 'दिया'♨ उनकी खातिर हो, जिनके घर में 'दिया' नहीं ,

एक 'दिया'♨ उन बेचारों का, जिनको घर ही दिया नहीं,

एक 'दिया'♨ सीमा के रक्षक,
अपने वीर जवानों का,

एक 'दिया'♨ मानवता - रक्षक,
चंद बचे इंसानों का ,

एक 'दिया'♨ विश्वास दे उनको , जिनकी हिम्मत टूट गयी ,

एक 'दिया' ♨उस राह में भी हो 
जो कल पीछे छूट गयी,

एक 'दिया'♨ जो अंधकार का 
जड़ के साथ विनाश करे ,

एक 'दिया'♨ ऐसा भी हो ,
जो भीतर तलक प्रकाश करे। ...

🎊 मेरी ओर से आप सब को प्रकाशोत्सव "दीपावली " की हार्दिक -शुभकामनाएं**

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