Friday, 30 December 2016

दोस्ती करनेका फ़न तूने ही सिखलाया है तू मेरे सामने शमशीर लेके आया है जा छोड़ दिया तुझे अय मेरे क़ातिल मैंने तो तेरे घर का नमक खाया है,,


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