उदास लम्हों का ना कोई मलाल रखना,
तूफ़ान में भी वजूद संभाल के रखना,
किसी के लिए शर्त-ए-ज़िन्दगी तुम हो,
किसी की खातिर अपना ख्याल रखना...
उल्फत की ज़ंजीर से डर लगता है,
कुछ अपनी ही तकदीर से डर लगता है,
जो जुदा करती है किसी को किसी से,
हाथों की बस उसी लकीर से डर लगता है..
अब आँसुओं को आँखों में सजाना होगा,
चिराग बुझ गए खुदको जलाना होगा,
ना समझना की तुमसे बिछड़के खुश हैं हम,
हमें लोगों की खातिर मुस्कुराना होगा...
जब कुछ सपने अधूरे रह जाते हैं,
तब दिल के दर्द आँसु बनके बेह जाते हैं,
जो कहते थे की हम सिर्फ आपके हैं,
पता नहीं कैसे अलविदा कह जाते हैं..
दिल को आता है जब भी ख्याल उनका,
तस्वीर से पूछतें हैं फिर हाल उनका,
वो कभी हमसे पूछा करते थे जुदाई क्या है,
आज समझ आया है हमें सवाल उनका..
कितना भी चाहो ना भूल पाओगे हमें,
जितनी दूर जाओगे नज़दीक पाओगे हमें,
मिटा सकते हो तो मिटा दो यादें मेरी,
मगर क्या साँसों से जुदा कर पाओगे हमें...
आपसे यह दूरी हमसे सही नहीं जाती,
जुदा होक आपसे रहा नहीं जाता,
दिल का हाल अब लफ़्ज़ों में कहा नहीं जाता..
अब तो वापस लौट आईये हमारे पास,
हर मुलाकात पर वक्त का तकाजा हुआ,
हर याद पर दिल का दर्द ताज़ा हुआ,
सुनी थी सिर्फ लोगों से जुदाई की बातें,
आज खुद पर बीती तो हकीकत का अंदाजा हुआ...
किसी शाम मुझे टूट के बिखरते देखो,
मेरी रूह में ज़हर-ए-जुदाई को उतरते देखो,
किस-किस अदा से तुम्हें माँगा है रबसे,
आओ कभी मुझे सजदे में सिसकते देखो..
आँखों के सागर में ये जलन कैसी है,
आज दिल को तड़पने की लगन कैसी है,
ये तेरी दूर रहने की कसम कैसी है,
बर्फ की तरह पिघल जायेगी जिंदगी,
हर आशिकी का मतलब गम नहीं होता,
दूरियाँ बड़ाने से प्यार कम नहीं होता,
वक़्त बेवक़्त आ जाता है आँखों में पानी,
क्यूंकि यादों का कोई मौसम नहीं होता...
उनके इंतज़ार के मारे हैं हम,
बस उन्ही की यादों के सहारे हैं हम,
दुनिया जीत के हमें करना क्या है अब,
जिसे दुनिया से जीतना था उसीसे हारे हैं हम...
किसी को प्यार इतना देना कि हद ना रहे,
पर ऐतबार भी इतना करना कि शक ना रहे,
और दुआ इतनी करना कि जुदाई ना रहे..
वफ़ा इतनी करना कि बेवफाई ना रहे,
मज़बूरी में जब कोई जुदा होता है,
ज़रूरी नहीं की वो बेवफा होता है,
अकेले में आपसे भी ज्यादा रोता है...
देकर वो आपकी आँखों में आँसू,
हर कदम हर पल साथ है,
दूर होके भी हम आपके पास हैं,
आपको हो ना हो पर हमें आपकी कसम,
आपकी कमी का हर पल एहसास है...
कहते हैं वो मजबूर हैं हम,
ना चाहते हुए भी दूर हैं हम,
चुरा ली है उन्होंने धड़कने हमारी,
फिर भी कहते हैं बेक़सूर हैं हम...
ज़िन्दगी कितनी खुबसूरत होती,
अगर तेरी चाहत अधूरी ना होती,
कुछ उलजनें कुछ मजबूरियाँ बेशक होतीं,
मगर प्यार में इतनी दूरियाँ ना होतीं...
हमनें माँगा था साथ उनका,
वो जुदाई का गम दे गए,
हम उनकी यादों के सहारे जी लेते,
पर वो भूल जाने की कसम दे गए..
उनकी तस्वीर को सीने से लगा लेते हैं,
इस तरह जुदाई का गम मिटा लेते हैं,
हँसकर भीगी पलकें झुका लेते हैं...
किसी तरह ज़िकर हो जाए उनको तो,
आपको पा कर अब खोना नहीं चाहते,
इतना खुश होकर अब रोना नहीं चाहते,
यह आलम है हमारा आप की जुदाई मैं,
आँखों में है नींद पर सोना नहीं चाहते...
उनकी तस्वीर को सीने से लगा लेते अगर कोई तस्वीर हमारे पास होती,
इस तरह जुदाई का गम मिटा लेते अगर कोई दवा होती,
किसी तरह मुलाकात हो जाये उनसे तो, शायद कोइ राहत इस दिल को होती...
वो रुखसत हुई तो आँख मिलाकर नहीं गई,
वो क्यों गई, ये बताकर नहीं गई,
वो जाते हुए चिराग बुझाकर नहीं गई...
लगता है वापस अभी लौट आएगी,
गलतियों से जुदा तुम भी नहीं, मैं भी नहीं,
दोनों इंसान हैं खुदा तुम भी नहीं, मैं भी नहीं,
तुम मुझे और मैं तुम्हें इलज़ाम देते हैं मगर,
गलत फहमियों ने कर दी दोनों में पैदा दूरियाँ,
अपने अन्दर झाँकते तुम भी नहीं, मैं भी नहीं,
वरना फितरत का बुरे तुम भी नहीं, मैं भी नहीं..
तुम्हारी जुदाई में यूँ आँसू बहाते रहते हैं,
उम्मीद के दिए आँधियों से बचाए रहते हैं,
इस चाहत को ही एक आस बनाए रहते हैं...
चाहत है केवल तुमसे प्यार पाने की,
ये दिल ना जाने किया कर बैठा,
मुझसे बिना पूछे ही फैसला कर बैठा,
इस ज़मीन पर टूटा सितारा भी नहीं गिरता,
और ये पागल चाँद से मोहब्बत कर बैठा...
कई बार जान बूझकर दिल तोड़ा उसका,
शायद अब वो फैलसा कर ले जुदा होने का,
पर हर बार वो पास आते गए,
मेरी गलतियों को अपना बनाते गए...
करते हैं तुझे याद सुबह शाम,
लेते हैं हर वक़्त तेरा नाम,
जो कहते हैं आज कल सच्चा प्यार नहीं होता,
शायद वो हैं हमारी मोहब्बत से अनजान...
उन्होंने खुद की ज़ुबा को मोड़ दिया,
नादानी में हमारे दिल को तोड़ दिया,
अब तो हमारे आंसू भी नहीं रुकते उनकी याद में,
क्योंकि अपनों ने ही हमसे मुँह मोड़ दिया...
दर्द में कोई मौसम प्यारा नहीं होता,
दिल हो प्यासा तो पानी से गुज़ारा नहीं होता,
कोई देखे तो हमारी बेबसी,
हम सभी के हो जाते हैं, पर कोई हमारा नहीं होता...
कब कौन किसी का होता है, सब झूठे रिश्ते नाते हैं,
सब दिल रखने की बातें हैं, सब असल रूप छुपाते हैं,
मोहब्बत के खाली लोग यहाँ, लफ़्ज़ों के तीर चलाते हैं,
एक बार निगाहों में आकर, फिर सारी ज़िन्दगी रुलाते हैं,
वो जिसने दिया है अश्क हमें, अब वो ही हम को भूल जाते हैं....
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