पाने की लालसा अच्छी है लेकिन ज्यादा पाने का लालच दुख देता है, पढ़ें यह कहानी
एक गाँव में एक छोटी लड़की अपनी दादी के साथ रहती थी। उसकी दादी घरों में बर्तन साफ कर गुजारा चलाती थी। गरीब होने की वजह से उसके पास कोई खिलौने भी नहीं थे जिनसे वह खेल सके। उसे भी बहुत काम करना पड़ता था। वह तंग हो गयी थी। उसके पास बस एक किताब थी जिसमें ढेर सारी परियों की कहानियां थी। वह हर रोज किताब पढ़ती, उसे बहुत अच्छा लगता। वह सोचती काश कोई परी आकर मेरी भी सारी इच्छाएं पूरी करे।
एक रात छोटी लड़की परियों के बारे में सोच रही थी। वह भी किसी परी से मिलना चाहती थी। तभी उसकी के कमरे की खिड़की के पास से एक परी गुजरी। उसने लड़की के मन की बात पढ़ थी। परी को लड़की पर बहुत दया आई। वह अंदर आई। लड़की परी को देख बहुत खुश हुई। परी ने उससे कहा कि वह उसकी कोई एक इच्छा पूरी कर सकती है। लड़की सोच में पड़ गयी। ऐसी कोन सी एक इच्छा सबसे बड़ी है जिसकी मुझे सबसे ज्यादा जरुरत है? घंटे भर सोचने के बाद भी उसे कुछ समझ न आया और उसने परी की तरफ मायूस नजरों से देखा। परी को फिर से उसपर दया आ गयी और उससे बोली कि मैं रोज तुम्हारी एक इच्छा पूरी कर दिया करूँगी। लड़की बहुत खुश हुई।
रोज सुबह उठती तो वह बहुत उत्साहित होती। परी के बारे में सोचती और परी प्रकट हो जाती फिर उसकी एक इच्छा पूरी करती। कई दिन बीत गए। लड़की ने अपनी बहुत सारी इच्छाएं परी को बोल पूरी करवा ली। लेकिन कई इच्छाएं ऐसी भी थी जिनका पूरा होना उसके लिए अच्छा नहीं था। लड़की पर पड़ी पड़ी खाती जिसकी वजह से उसका वजन बहुत बढ़ गया। एक दिन उसने अपनी दादी के लिए ढेर सारे रूपए मांगे और जब उसकी दादी ने एक साथ इतने सारे पैसे देखे तो उसके दिल की धड़कन बन्द हो गयी और वह चल बसी। हालाँकि लड़की ने अपने अगले दिन की इच्छा में अपनी दादी को दुबारा पा लिया लेकिन अब वह अपनी ही इच्छाओं से डरने लगी। रोज सुबह उत्साह में उठने की जगह अब उसे सुबह उठते डर लगने लगा। उसने बहुत कुछ पा लिया था लेकिन उसे लगा कि इतना कुछ पाने के बाद भी वह खुश नहीं थी।
एक सुबह जैसे ही वह उठी वह रोने लगी। परी उसके सामने खड़ी थी। वह आश्चर्यचकित हुई और लड़की से रोने का कारण पूछा। लड़की ने उससे कहा कि वह अपनी पहले की जिंदगी वापस चाहती है क्योंकि वही समय था जब वह सचमुच खुश थी। परी ने अपनी छड़ी घुमाई और लड़की की पहले की दुनिया लौट आई। लड़की बहुत खुश हुई और परी से हमेशा ख़ुशी ख़ुशी मेहनत करके जीने का वादा किया।
एक गाँव में एक छोटी लड़की अपनी दादी के साथ रहती थी। उसकी दादी घरों में बर्तन साफ कर गुजारा चलाती थी। गरीब होने की वजह से उसके पास कोई खिलौने भी नहीं थे जिनसे वह खेल सके। उसे भी बहुत काम करना पड़ता था। वह तंग हो गयी थी। उसके पास बस एक किताब थी जिसमें ढेर सारी परियों की कहानियां थी। वह हर रोज किताब पढ़ती, उसे बहुत अच्छा लगता। वह सोचती काश कोई परी आकर मेरी भी सारी इच्छाएं पूरी करे।
एक रात छोटी लड़की परियों के बारे में सोच रही थी। वह भी किसी परी से मिलना चाहती थी। तभी उसकी के कमरे की खिड़की के पास से एक परी गुजरी। उसने लड़की के मन की बात पढ़ थी। परी को लड़की पर बहुत दया आई। वह अंदर आई। लड़की परी को देख बहुत खुश हुई। परी ने उससे कहा कि वह उसकी कोई एक इच्छा पूरी कर सकती है। लड़की सोच में पड़ गयी। ऐसी कोन सी एक इच्छा सबसे बड़ी है जिसकी मुझे सबसे ज्यादा जरुरत है? घंटे भर सोचने के बाद भी उसे कुछ समझ न आया और उसने परी की तरफ मायूस नजरों से देखा। परी को फिर से उसपर दया आ गयी और उससे बोली कि मैं रोज तुम्हारी एक इच्छा पूरी कर दिया करूँगी। लड़की बहुत खुश हुई।
रोज सुबह उठती तो वह बहुत उत्साहित होती। परी के बारे में सोचती और परी प्रकट हो जाती फिर उसकी एक इच्छा पूरी करती। कई दिन बीत गए। लड़की ने अपनी बहुत सारी इच्छाएं परी को बोल पूरी करवा ली। लेकिन कई इच्छाएं ऐसी भी थी जिनका पूरा होना उसके लिए अच्छा नहीं था। लड़की पर पड़ी पड़ी खाती जिसकी वजह से उसका वजन बहुत बढ़ गया। एक दिन उसने अपनी दादी के लिए ढेर सारे रूपए मांगे और जब उसकी दादी ने एक साथ इतने सारे पैसे देखे तो उसके दिल की धड़कन बन्द हो गयी और वह चल बसी। हालाँकि लड़की ने अपने अगले दिन की इच्छा में अपनी दादी को दुबारा पा लिया लेकिन अब वह अपनी ही इच्छाओं से डरने लगी। रोज सुबह उत्साह में उठने की जगह अब उसे सुबह उठते डर लगने लगा। उसने बहुत कुछ पा लिया था लेकिन उसे लगा कि इतना कुछ पाने के बाद भी वह खुश नहीं थी।
एक सुबह जैसे ही वह उठी वह रोने लगी। परी उसके सामने खड़ी थी। वह आश्चर्यचकित हुई और लड़की से रोने का कारण पूछा। लड़की ने उससे कहा कि वह अपनी पहले की जिंदगी वापस चाहती है क्योंकि वही समय था जब वह सचमुच खुश थी। परी ने अपनी छड़ी घुमाई और लड़की की पहले की दुनिया लौट आई। लड़की बहुत खुश हुई और परी से हमेशा ख़ुशी ख़ुशी मेहनत करके जीने का वादा किया।
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