मेरे मन की आवाज ..... ( मेरी तन्हाई)
Thursday, 5 January 2017
रफ़्तार जिन्दगी की रफ़्तार थोड़ी धीमी हो गई है
रफ़्तार
जिन्दगी की रफ़्तार थोड़ी धीमी हो गई है
कुछ उलझनों की गांठें पड़ गई है पांव में
थोडा रुक के खोलनी होगी ये गांठें
शायद तब रफ़्तार पकड़ सके जिन्दगी !!
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ये दिल भी तो किस तरह ठगता चला जाता है,
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कोई अच्छा लगता है तो अच्छा लगता ही चला जाता है !!
💖
कुछ खूबसूरत पलो की महक सी है तेरी यादे
सुकून ये भी है कि ये कभी मुरझाती नही...!!
💕
खुशबू हवा की ,,,चुपके से कानों में कह गई ,
पास तो नहीं हो,,,,मगर दिल में बसे हो तुम ...! !
'तेरे खामोश
💋
होंठो पर मोहब्बत गुन-गुनाती है.*
*तू मेरी है..मैं तेरा हूँ..बस ये ही आवाज़ आती है..!!'*
*इंसान
💟
दिल से खुश सिर्फ उसी इंसान के साथ रह सकता है..
*जिस से वो मोहब्बत करता है
🌿
मोहब्बत सिर्फ देखने से नहीं होती..!!
कभी कभी बातो से भी हो जाती है..!!
🌿
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कोई ठुकरा दे तो हँसकर जी लेना,
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"
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" हमसफर "
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सभी है मगर कोई साथ देता है...तो कोई छोड देता है
🎈
मुझसे खुशनसीब है मेरे लिखे ये लफ्ज,
जिनको कुछ देर तक पढेगी तेरी निगाहें !!
🎈
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