मेरे मन की आवाज ..... ( मेरी तन्हाई)
Wednesday, 4 January 2017
हर रोज बहक जाते हैं मेरे कदम,
तेरे पास आने के लिये....
ना जाने कितने फासले तय करने बाकी है,
हर रोज बहक जाते हैं मेरे कदम,
तेरे पास आने के लिये....
ना जाने कितने फासले तय करने बाकी है,
तुमको पाने के लिये...
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