Wednesday, 23 May 2018

तर्क बतायेंगे…

तर्क बतायेंगे…..Image may contain: indoor

1- कान छिदवाने की परम्परा:
भारत में लगभग सभी धर्मों में कान छिदवाने की परम्परा है।
वैज्ञानिक तर्क-
दर्शनशास्त्री मानते हैं कि इससे सोचने की शक्ति बढ़ती है। जबकि डॉक्टरों का मानना है कि इससे बोली अच्छी होती है और कानों से होकर दिमाग तक जाने वाली नस का रक्त संचार नियंत्रित रहता है।
2-: माथे पर कुमकुम/तिलक
महिलाएं एवं पुरुष माथे पर कुमकुम या तिलक लगाते हैं।
वैज्ञानिक तर्क- आंखों के बीच में माथे तक एक नस जाती है। कुमकुम या तिलक लगाने से उस जगह की ऊर्जा बनी रहती है। माथे पर तिलक लगाते वक्त जब अंगूठे या उंगली से प्रेशर पड़ता है, तब चेहरे की त्वचा को रक्त सप्लाई करने वाली मांसपेशी सक्रिय हो जाती है। इससे चेहरे की कोशिकाओं तक अच्छी तरह रक्त पहुंचता
3- : जमीन पर बैठकर भोजन
भारतीय संस्कृति के अनुसार जमीन पर बैठकर भोजन करना अच्छी बात होती है।
वैज्ञानिक तर्क- पलती मारकर बैठना एक प्रकार का योग आसन है। इस पोजीशन में बैठने से मस्तिष्क शांत रहता है और भोजन करते वक्त अगर दिमाग शांत हो तो पाचन क्रिया अच्छी रहती है। इस पोजीशन में बैठते ही खुद-ब-खुद दिमाग से एक सिगनल पेट तक जाता है, कि वह भोजन के लिये तैयार हो जाये।
4- : हाथ जोड़कर नमस्ते करना
जब किसी से मिलते हैं तो हाथ जोड़कर नमस्ते अथवा नमस्कार करते हैं।
वैज्ञानिक तर्क- जब सभी उंगलियों के शीर्ष एक दूसरे के संपर्क में आते हैं और उन पर दबाव पड़ता है। एक्यूप्रेशर के कारण उसका सीधा असर हमारी आंखों, कानों और दिमाग पर होता है, ताकि सामने वाले व्यक्ति को हम लंबे समय तक याद रख सकें। दूसरा तर्क यह कि हाथ मिलाने (पश्चिमी सभ्यता) के बजाये अगर आप नमस्ते करते हैं तो सामने वाले के शरीर के कीटाणु आप तक नहीं पहुंच सकते। अगर सामने वाले को स्वाइन फ्लू भी है तो भी वह वायरस आप तक नहीं पहुंचेगा।
5-: भोजन की शुरुआत तीखे से और अंत मीठे से
जब भी कोई धार्मिक या पारिवारिक अनुष्ठान होता है तो भोजन की शुरुआत तीखे से और अंत मीठे से होता है।
वैज्ञानिक तर्क- तीखा खाने से हमारे पेट के अंदर पाचन तत्व एवं अम्ल सक्रिय हो जाते हैं। इससे पाचन तंत्र ठीक तरह से संचालित होता है। अंत में मीठा खाने से अम्ल की तीव्रता कम हो जाती है। इससे पेट में जलन नहीं होती है।
6-: पीपल की पूजा
तमाम लोग सोचते हैं कि पीपल की पूजा करने से भूत-प्रेत दूर भागते हैं।
वैज्ञानिक तर्क- इसकी पूजा इसलिये की जाती है, ताकि इस पेड़ के प्रति लोगों का सम्मान बढ़े और उसे काटें नहीं। पीपल एक मात्र ऐसा पेड़ है, जो रात में भी ऑक्सीजन प्रवाहित करता ह
7-: दक्षिण की तरफ सिर करके सोना
दक्षिण की तरफ कोई पैर करके सोता है, तो लोग कहते हैं कि बुरे सपने आयेंगे, भूत प्रेत का साया आ जायेगा, आदि। इसलिये उत्तर की ओर पैर करके सोयें।
वैज्ञानिक तर्क- जब हम उत्तर की ओर सिर करके सोते हैं, तब हमारा शरीर पृथ्वी की चुंबकीय तरंगों की सीध में आ जाता है। शरीर में मौजूद आयरन यानी लोहा दिमाग की ओर संचारित होने लगता है। इससे अलजाइमर, परकिंसन, या दिमाग संबंधी बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। यही नहीं रक्तचाप भी बढ़ जाता है।
8-सूर्य नमस्कार
हिंदुओं में सुबह उठकर सूर्य को जल चढ़ाते हुए नमस्कार करने की परम्परा है।
वैज्ञानिक तर्क- पानी के बीच से आने वाली सूर्य की किरणें जब आंखों में पहुंचती हैं, तब हमारी आंखों की रौशनी अच्छी होती है।
9-सिर पर चोटी
हिंदू धर्म में ऋषि मुनी सिर पर चुटिया रखते थे। आज भी लोग रखते हैं।
वैज्ञानिक तर्क- जिस जगह पर चुटिया रखी जाती है उस जगह पर दिमाग की सारी नसें आकर मिलती हैं। इससे दिमाग स्थिर रहता है और इंसान को क्रोध नहीं आता, सोचने की क्षमता बढ़ती है।
10-व्रत रखना
कोई भी पूजा-पाठ या त्योहार होता है, तो लोग व्रत रखते हैं।
वैज्ञानिक तर्क- आयुर्वेद के अनुसार व्रत करने से पाचन क्रिया अच्छी होती है और फलाहार लेने से शरीर का डीटॉक्सीफिकेशन होता है, यानी उसमें से खराब तत्व बाहर निकलते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार व्रत करने से कैंसर का खतरा कम होता है। हृदय संबंधी रोगों, मधुमेह, आदि रोग भी जल्दी नहीं लगते।
11-चरण स्पर्श करना
हिंदू मान्यता के अनुसार जब भी आप किसी बड़े से मिलें, तो उसके चरण स्पर्श करें। यह हम बच्चों को भी सिखाते हैं, ताकि वे बड़ों का आदर करें।
वैज्ञानिक तर्क- मस्तिष्क से निकलने वाली ऊर्जा हाथों और सामने वाले पैरों से होते हुए एक चक्र पूरा करती है। इसे कॉसमिक एनर्जी का प्रवाह कहते हैं। इसमें दो प्रकार से ऊर्जा का प्रवाह होता है, या तो बड़े के पैरों से होते हुए छोटे के हाथों तक या फिर छोटे के हाथों से बड़ों के पैरों तक।
12-क्यों लगाया जाता है सिंदूर
शादीशुदा हिंदू महिलाएं सिंदूर लगाती हैं।
वैज्ञानिक तर्क- सिंदूर में हल्दी, चूना और मरकरी होता है। यह मिश्रण शरीर के रक्तचाप को नियंत्रित करता है। चूंकि इससे यौन उत्तेजनाएं भी बढ़ती हैं, इसीलिये विधवा औरतों के लिये सिंदूर लगाना वर्जित है। इससे स्ट्रेस कम होता है।
13- तुलसी के पेड़ की पूजा
तुलसी की पूजा करने से घर में समृद्धि आती है। सुख शांति बनी रहती है।
वैज्ञानिक तर्क- तुलसी इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है। लिहाजा अगर घर में पेड़ होगा, तो इसकी पत्तियों का इस्तेमाल भी होगा और उससे बीमारियां दूर होती हैं।

एक ख़त पतिदेव के नाम

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एक ख़त पतिदेव के नाम
समझ नहीं आ रहा आपको पतिदेव कहूँ या नहीं। क्योंकि देव जैसा कुछ मिला नहीं आप में। जब आप से विवाह के बंधन में बंध के आयी थी तो नहीं सोचा था कि कभी ऐसा कोई ख़त लिखूंगी। अब तक जो भी लिखा था, अपने प्यार की चाशनी में डूबा लिखा था। पर आपने मेरे प्यार की कभी कोई कद्र नहीं की। या यूं कह लीजिए कि आपको एहसास ही नहीं हुआ कि इस प्यार की भी एक क़ीमत है |
आप जानते हैं खून के रिश्ते हमें अपने आप बंधन में बांध देते हैं। पर यह शादी के बाद मिले रिश्ते हम कमाते हैं! हैरान हो गए ना आप! कमाते हैं! कैसे? जी, जनाब सिर्फ पैसे नहीं कमाए जाते जो आप आजतक कर रहे हैं। मैंने आपके घर मे आने के बाद अपने प्यार से, सब्र से अपने रिश्ते कमाए। आपके भाई मेरे देवर, आपकी बहनें मेरी ननदें। आपके माता पिता को अपना माना। मुझमें और ख़ुद में फ़र्क देखना चाहते हैं, तो सबूत आपकी अपनी ज़ुबान में है। मैंने आज तक नहीं कहा आपके माता -पिता, आपके भाई-बहन। पर आप इतने वर्षों बाद भी तुम्हारे पापा, तुम्हारी मम्मी, तुम्हारे भाई, तुम्हारी बहन। आपके भाई-बहनों के बच्चों को अपना माना, क्या कभी आपने भी यह प्यार मेरे मायके में जताया। मेरे तो रिश्ते बन गए, खट्टे मीठे ही सही। पर आपका क्या?
मैंने इंसान से शादी की थी। एटीएम मशीन से नहीं! व्यर्थ है मेरे लिए यह रुपये जिनमें मुझे आपका साथ नहीं मिलता। ऐसा नहीं कि आप प्यार की अनुभूति से अनभिज्ञ हैं। आपको भी उतना ही प्यार था, पर खो गया कहीं। भूल नहीं पाती कितना मान दिया था आपने मेरे अस्तित्व को, पर बाद में उसी अस्तित्व को खत्म करने में भी आपकी ही भूमिका रही। बच्चों के जन्म हो या अस्पताल के चक्कर हर जगह का सफर अकेले तय किया। अब आप कहेंगे अकेले क्यों? मम्मी या फिर 'तुम्हारी मम्मी' हमेशा साथ रहे। सच है आपकी बात। पर जीवन में मिला हर रिश्ता धूमिल पड़ जाता है शादी के बाद। मेरे पहले सच्चे मित्र भी अब आप ही थे। जिससे मैं बिना डरे दिल की बात कह दूं वह भी आप ही थे। आपके मन का पता नहीं पर आप मेरे जीवनसाथी हैं तो हर जगह आपको ही तलाश करती हूं। पर नहीं पाती मैं अब उस 'देव' को ना 'पति' को। आपने हर बार मेरे ही विश्वास की धज्जियाँ उड़ाईं।
कहते हैं स्त्री दस बातें बर्दाश्त करती है तो पुरुष एक करता है सही है। मैंने तो सौ बातें बर्दाश्त की पर आपने एक भी नहीं। जब आपने मुझे अपशब्द कहे मैंने बर्दाश्त किया, पर अपना रोष तब भी प्रकट किया कि आप समझ जाएं यह व्यवहार उचित नहीं। किन्तु जब आपने मेरे माता-पिता को अपशब्द कहे, मुझपे नाराज़ होते हुए, अपनी ही गलती को छिपाते हुए तो वह मुझे बर्दाश्त नहीं। वह बेचारे तो वहाँ थे भी नहीं। सच बताइये, अगर मैं आपके माता-,पिता को एक भी अपशब्द तो दूर कुछ गलत बोल दूँ तो आप तलाक़ तक सोच लेंगे। बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे। पर किस प्रेम और आदर की उम्मीद करते आप आते हैं रोज़ मेरे सामने? हाँ, पति हो मेरे पर परमेश्वर नही हो अब। आपका दिया ज़ख्म मेरे दिल का नासूर है। मुझे आपके चेहरे में सिर्फ वह व्यक्ति दिखता है अब जिसने मेरी और मेरे माता -पिता की बेइज़्ज़ती की है। नहीं मुस्कुरा पाती अब।
एक छोटा सा शब्द है 'सॉरी', दिया तो अंग्रेजों ने है पर कमाल का है। एक बार दिल से ज़बान पे इक़रार किया होता कि हो गई मुझसे ग़लती अपने गुस्से के आवेश में। आइंदा खयाल रखूंगा। पर कैसे कहें आपका पुरुषार्थ रोकता है न। पौरुष ग़लती के इनकार करने में नही अपनी गलती मानने में है। आपने क्या क्या खोया आप ख़ुद परखें।पर ग़ौर करना, अपने कमाए रिश्ते आज भी दिल से निभा रही हूँ। जानते हैं क्यों? क्योंकि मेरी माँ ने सिखाया था, पति को तो हर औरत अपना मानती है लेकिन रिश्ते वही निभा पाती है जो उसके घरवालों को भी अपना ले। सबसे प्यार करना खूब इज़्ज़त करना पर खुद की भी इज़्ज़त करना, खुद से भी प्यार करना। बस इसलिए अब और एक अपशब्द बर्दाश्त नहीं मुझे। आपको कोई अधिकार नहीं कि आप मेरी या मेरे परिवार का अपमान करें।
यही कारण है , अब अपने मन को आहत नहीं करूंगी। क्योंकि दिल आपको दिया था, जो आप संभाल ना सके। सिर्फ़ पति हो , पति- परमेश्वर नहीं।
आपकी पत्नी

Sunday, 6 May 2018

ज़िन्दगी हसीन है , ज़िन्दगी से प्यार करो



ज़िन्दगी हसीन है , ज़िन्दगी से प्यार करो

हो रात तो सुबह का इंतज़ार करो 

वो पल भी आएगा, जिस पल का इंतज़ार हैं आपको

बस रब पर भरोसा और वक़्त पे ऐतबार करो


तु कितनी भी खुबसुरत क्यूँ ना हो एे ज़िंदगी.. खुशमिजाज़ दोस्तों के बगैर अच्छी नहीं लगती..!!









वही करता और वही करवाता है ,





क्यू बंदे तू इतराता है ।


इक साँस भी नही है तेरे बस की ,


वही सुलाता और जगाता है


डूबा हुआ हूँ ना निकल पाऊँगा मैं कभी,


ख़ूबसूरत मुस्कुराहट और आँखों से तेरी.





समंदर बड़ा होकर भी अपनी हदों में रहता है 


इन्सान छोटा होकर भी औकात भूल जाता है 



रखा करो नजदीकियॉ.....
जिन्दगी का कुछ भरोसा नही....


फिर मत कहना....
चले भी गऐ और बताया भी नही..







फूलों की शुरुआत कली से होती है;


जिंदगी की शुरुआत प्यार से होती है;


प्यार की शुरुआत अपनों से होती है;


और अपनों की शुरुआत आप से होती है!





ज़िंदगी नहीं रुकती किसी के बगैर..


बस उस शख्स की जगह हमेशा खाली रह जाती है



खूबसूरत सा एक पल किस्सा बन जाता है !


जाने कब कौन ज़िंदगी का हिस्सा बन जाता है !


कुछ लोग ज़िंदगी में मिलते हैं ऐसे !


जिनसे कभी ना टूटने वाला रिश्ता बन जाता है !!







डरते है आग से कही जल न जाये


डरते है ख्वाब से कहीं टूट न जाये


लेकिन सबसे ज़्यादा डरते है आपसे


कहीं आप हमें भूल न जाये। 



ये सोच कर अपनी हर हँसी बाट दी मेने


कि किसी ख़ुशी पर मेरा भी नाम हो जाए:


मुख़्तसर सा सफर है मेरा कोन जाने कब


मेरे इस सफर की आखरी शाम हो जाए





ज़िन्दगी एक फूल है तो मोहब्बत उसकी खुशबू 


प्यार एक दरिया है तो महबूब उसका साहिल 


अगर ज़िन्दगी एक दर्द है तो दोस्त उसकी दवा 



Zindgi Bahut Kuch Sikhati Hai,


Thoda Rulati Thoda Hasti Hai,


Khud Se Jyada Kisi Par Bharosha Mat Karna,


Kyoki Andhere Me Parchai Bhi Sath Chhod Jati Hai,





अफसोस तो है तेरे बदल जाने का मगर 


तेरे कुछ बातो ने मुझे जीना सिखा दिया !!





जी भर के रोते है तो करार मिलता है 


इस जहाँ में कहा सबको प्यार मिलता है 


ज़िन्दगी गुज़र जाती है इम्तिहान के दौर में


एक ज़ख्म भरता है तो दूसरा तैयार मिलता है !!






ज़िंदगी मे ऐसे मोड़ आते है !


सावन के बाद पतझड़ आते है !


आँसुओं के सागर मे मोती मिलते है !


जो ढूँढ ले वो ज़िंदगी जी लेते है !!






तुमसे किसने कह दिया कि मुहब्बत की बाजी हार गए हम !


अभी तो दाँव मे चलने के लिए मेरी जान बाकी है !!











लोग कहते हैं दुःख बुरा होता है !


जब भी आता है रुलाता है !


मगर हम कहते हैं दुःख अच्छा होता है !


जब भी आता है कुछ सिखाता है !!





जिन्दगी का सबसे बड़ा रहस्य यह है की..


हम जानते है कि हम किसके लिए जी रहे है !


लेकिनये कभी नहीं जान पाते ,,,


कि हमारे लिए कौन जी रहा हैं !!


Zindagi Me Jeetne Ki Chahat
Rakhna Aur Kya Doge Hamein Koi
Tohfa Bas Apne Hotho Pe Yuhi
Muskurahat Rakhna..


कीमत
मुझे याद आ जाता है तेरा वो हल्का सा
मुस्कराना





ज़िन्दगी को कि.. 
तुम आओगी तो 
जीना शुरू कर देगे...!!









तेरी धड़कन ही ज़िंदगी का किस्सा है मेरा,


तू ज़िंदगी का एक अहम् हिस्सा है मेरा..


मेरी मोहब्बत तुझसे, सिर्फ़ लफ्जों की नहीं है,


तेरी रूह से रूह तक का ‪‎रिश्ता‬ है मेरा..!!







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