Friday, 16 March 2018

ना में तुम्हें कहना चाहता हूँ




ना में तुम्हें कहना चाहता हूँ ना तेरी याद में रोना चाहता हूँ
जब तक ज़िन्दगी है में तुम्हारे साथ रहना चाहता हूँ


ज़िन्दगी तुम बिन उल्फत लगती है एक पल की जड़ी मुद्दत सी लगती है
पहले नहीं पर अब सोचते है हम हर लम्हा तेरी ज़रूरत सी लगती है


दिल की आवाज़ को इज़हार कह्ते है
झुकी निगाह को इनकार कह्ते है
सिर्फ पाने का नाम इश्क नहीं
कुछ खोने को भी प्यार कह्ते है


किसी को खुवाब दिखाकर भाग जाना गलत है
मन में ज़हर हो तो होठों से मुस्कुराना गलत है



कुछ तबियत ही मिली थी ऐसी चैन से जीने को सूरत न हुई
जिसे चाहा उसे अपना न सके जो मिली उस से मोहब्बत न हो सकी



इज़हार मोहब्बत का कुछ ऐसा हुआ
किया कहें की प्यार कैसे हुआ
उनकी एक झलक पे निशार हुए हम
सादिगी पर मर मिटने और आँखों से इनकार हुआ



दुआओं पे हमारे ऐतबार रखना
दिल में अपने ना कोई सवाल रखना
देना चाहते हो अगर खुसिया हमें
तो बस आप खुश रहना और अपना ख्याल रखना



वो जब मेरे पास होगी तो शायद क़यामत होगी
अभी तो उसकी तस्वीर ने ही तबाही मचा रखी है



जिसने ख़ुशी खोजी उसे धन मिला
जिसने हंसी खोजी उसे चमन मिला
लेकिन जो प्यार खोजने चला
उसे ना तन मिला ना मन मिला



सारी उम्र आँखों में एक सपना याद रहा
सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा
ना जाने किया बात थी उन में और हम में
सारी महेफिल भूल गए बस वो चहेरा याद रहा

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