दिल के सारे अरमान ले जाते हैं, हमसे हमारी पहचान ले जाते हैं,
ना करना किसी से मोहब्बत दोस्त, जान कहने वाले जान ले जाते हैं।.
युँ तो दुनियाँ का हर गम सहा हँसते हँसते ,
न जाने क्यों तेरी जुदाई , बर्दास्त नहीं होती....!!!
जब से देखा है तेरी आँखों मे झाक कर कोई भी आईना अच्छा नहीं लगता तेरी मोहब्बत मे ऐसे हुए हैं दीवानें तुम्हे कोई और देखें अच्छा नहीं लगता... ...
आँखों में नज़र आती है
होंठों पर महक जाती है
लाख़ छुपाओ मोहब्बत को
मग़र अदाओं में झलक जाती है
जिंदगी मुश्किलो से भरी हो भले
होसलो से सभी को मिटा दीजिए
कुछ तो मॆरी वफा का सिला दीजिए
दर्द दिल का बढ़ा अब दवा दीजिए
लौट के आएगी रौनकें फिर चमन
फासले गर दरमिया मिटा दीजिए
रूठने से तेरे ज़ीस्त बेकल मॆरी
हो गई है खता गर सजा दीजिए
ज़ीस्त को भी मॆरी चैन मिल जाएगा
हमनवा इक दफा मुस्कुरा दीजिए
कोयलो के भी सुर आपसे है सनम
आज फिर गीत कोइ गुनगुना दीजिए
इल्तिजा है खुदा तुझसे महबूब का
साथ मुमकिन नही तो कजा दीजिए
स्वर्ण बनता है कुंदन अनल गोद मे
आज ये दिल तुम अपना तपा दीजिए ॥
बात दीवारों से कर लेते है अपनो की जगह
आ गया हमको बड़े घर मे अकेले रहना
क्या ऐसा हो सकता हैं
मैं इश्क लिखु और उन्हें हो जाए
आपकी
👩 कमी से
👨मेरा दिल उदास हैं,....


पर मुझे
👨तो
👩आपसे
💑मिलने
💖 की आस हैं..















No comments:
Post a Comment