Saturday, 29 July 2017

जागो जैन जागो

जागो जैन जागो
कहने को जैन भाई ,
नगर सेठ कहलाता है !
पर उसका हर 1 पैसा ,
दिखावेबाजी पcर जाता है !

जनम से लेकर मरण तक,
पैसे की होली है !
देना लेना अच्छा करना है,
समाज में नहींतो ठिठोली है!

जैन भाईके घर जिसदिन,
से सगाई हो जाती है !
उस दिन से पैसे की होली,
वही शुरू हो जाती है !

बेटी का बाप सगाई के लड्डू,
बनारस से मंगवाता है !
मेवा ज्यादा डालना भैया,
समाज में बाटा जाता है !

सारी बहु बेटिया घर की ,
शौपिंग में लग जाती है !
अलमारी में टंगी साड़ियां,
outdated कहलाती है !

समाज की बहुरानियो को,
gk की नहीं जानकारी है !
उससे क्या होता है उनका,
diamond necklace भारी है!

हर मोटी आंटी की साड़ी ,
रहती हजारो वाली है !
बिंदी चाहे दिखे नहीं पर ,
रहती stone वाली है !

पार्लर में कहती है जाकर,
gold facial करवाना है !
एड़िया चाहे फटी हुई हो पर,
उनको थोड़ी दिखाना है !

गहने कपडे पार्लर में घर का,
जितना खर्च हो जाता है !
उतने में दूसरे समाज का,
सामूहिक विवाह हो जाता है !

जैन की दुल्हन बेटी,
पारलर में जितना दे आती है !
उतने में गरीब की बेटी ,
अपने ससुराल चली जाती है !

बन्नी की माँ कदम कदम ,
पर नेग चुकाती जाती है !
वही घर की मामी मौसिया.
लिफाफे बदलती जाती है !

घर के बहुए नंन्दो को,
जो पगालाग्नि देती है !
बच्चों को भुआ हाथो में ,
वही लिफाफा देती है !

अपनी पार्टी में इंडिया का,
हर फेमस आइटम होता है !
चाहे घर का आधा मेंबर ,
शुगर पेशेंट होता है !

मीठा नमकीन हर आइटम,
का इतना मेला होता है !
कहाँ पर क्या लगा होता है,
किसी को पता नहीं होता है!

जितने में 1 गरीब का ,
रात्रि डिनर हो जाता है !
उतना खाना तो सेठजी ,
का फेंकने में चला जाता है !

शादी के कार्ड का खर्चा ,
कपड़ो जितना होता है !
मिठाई से भी मेहंगा ,
मिठाई का डब्बा होता है !

जहाँ हमारी शादी में लाखो ,
का turnover हो जाता है !
वही पंडित 10-20 के लिए,
श्री गणेशाय नमः चिल्लाता है !

शादी के बाद जब खर्च के,
बिल का नंबर आता है !
टेंशन से भाईसाहब का ,
bp हाई हो जाता है !

जैसे ही बहुरानी ने दादी ,
बनने के खबर सुनाई है !
क्या देना है क्या लेना है,
ये चिंता घिर आई है !

बहुरानी के मायके में भी ,
तैयारिया शुरू हो जाती है !
लड़का होगा या लड़की ,
सोचकर शौपिंग रुक जाती है !

पगलिये का क्या करना है,
नाना नानी से कहते है !
कहाँ कम करे कहाँ ज्यादा ,
अक्सर ये discuss करते है!

दोयते को पहलीबार समधी के,
घर जब भी देखने जाउंगा !
हाथो हाथ 10 ग्राम की गिन्नी,
वही खड़े खडे दे आऊंगा !

जलवे में अभी देरी है तुम,
चैन अंगूठी ले आना !
इनको कुछ हल्का करना,
नजरिया भारी बनवाना !

मुन्ना क्या चैन अंगूठी पहनेगा,
ये बात सोचने वाली है !
अब आप सभी बताओ भाई,
क्या ये नहीं दिखावेबाजी है !

जब ईश्वर ने जैन
लक्ष्मी का वरदान दिया है !
फिर क्यों हमने अपनाही नुक्सान,
कर दिखावेका सम्मान किया है!

लक्ष्मी के वरदान का अब ,
हमको नया धर्म निभाना है !
भैया अपने हर खर्च को ,
सही राह पर ले जाना है !

समाज के हर व्यक्ति को ,
अब हमने आगे बढ़ाना है !
हर गरीब की बेटी की ,
अब शादी करवाना है !

जिसदिन हर व्यक्ति का जीवन,
शिक्षा चिकित्सा पूर्ण रहेगा !
उस दिन वास्तव में जैन
लक्ष्मी का सम्मान करेगा !

ए मेरे जैनभाईयो
अब तो थोडा जाग जाओ !
दिखावे पर मत जाओ ,
अपनी अक्ल लगाओ !! जय जिनेद।। ।।जय महावीर ।।

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