यूँ ही "गुज़र" जाती है मेरी हर शाम "अंजुमन" में...!
कुछ तेरी "आँखों" के बहाने कुछ तेरी "यादों" के बहाने...!
आब की दौलतें भर ले भी तो किनारा है
प्यार की नदियों में मिलने का कब इशारा है
इन मुलाकातों का अंजाम भी जुदाई है
लाख इनमें कहीं चाहत का उजियारा है
मुजरिमे वक्त ही बरपायेगा कहर दिल में
बेगुनाह आदमी इसके सितम ने मारा है
मोहलतें प्यार की मिलती है मगर हमने ही
होके मसरूफ यहाँ फासला गुजारा है
सूफ़ी का प्यार फिज़ाओं की अमानत मानिंद
जैसे रातों में चमकता हुआ सितारा है
इन मुलाकातों का अंजाम भी जुदाई है
लाख इनमें कहीं चाहत का उजियारा है
मुजरिमे वक्त ही बरपायेगा कहर दिल में
बेगुनाह आदमी इसके सितम ने मारा है
मोहलतें प्यार की मिलती है मगर हमने ही
होके मसरूफ यहाँ फासला गुजारा है
सूफ़ी का प्यार फिज़ाओं की अमानत मानिंद
जैसे रातों में चमकता हुआ सितारा है
आज कुछ कमी सी है तेरे बगैर...
ना रंग ना रोशनी है तेरे बगैर...
वक्त अपनी रफ्तार से चल रहा है....
बस धडकने थम सी गई है तेरे बगैर.
ना रंग ना रोशनी है तेरे बगैर...
वक्त अपनी रफ्तार से चल रहा है....
बस धडकने थम सी गई है तेरे बगैर.
K JAIN
Owner
मुझे मालूम नहीं मेरी आखों को तलाश
किसकी है,,
तुझे देखती हूँ तो मंजिल का एहसास
होता है...!!
किसकी है,,
तुझे देखती हूँ तो मंजिल का एहसास
होता है...!!
K JAIN
Owner
ख़ुशी मेरी तलाश में दिन रात यूँ ही भटकती रही…. कभी उसे मेरा घर ना मिला कभी उसे हम घर ना मिले….!
K JAIN
Owner
एक दिन हम भी कफ़न ओढ़ जाएँगे हर एक रिश्ता इस ज़मीन से तोड़े जाएँगे जितना जी चाहे सतालो यारो एक दिन रुलाते हुए सबको छोड़ जाएँगे
K JAIN
Owner
पत्थर की दुनिया जज़्बात नही समझती दिल में क्या है वो बात नही समझती तन्हा तो चाँद भी सितारों के बीच में है पर चाँद का दर्द वो रात नही समझती…
K JAIN
Owner
दोस्तों जिन्दगी को हमेशा एक फूल की तरह जिया करो,
_जो खुशबु भी दूसरों को देता है और टूटता भी दूसरों के लिए ही है..
_जो खुशबु भी दूसरों को देता है और टूटता भी दूसरों के लिए ही है..
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