Friday, 13 July 2018

खुद को ख़ुदा कहा और खुद ही ख़ुदा हो गए,


खुद को ख़ुदा कहा और खुद ही ख़ुदा हो गए,
रिश्तों की कशमकश में खुद से जुदा हो गए !
बांचते रहे तमाम उम्र आईने में अपनी सूरत,
तन्हा रहे जिंदगी में और भीड़ में ही खो गए 

इश्क़ के ख़याल बहुत हैं..
इश्क़ के चर्चे बहुत हैं..
सोचते हैं हम भी कर ले इश्क़..
पर सुनते हैं इश्क़ में खर्चे बहुत हैं..

खुशहाली में इक बदहालीतू भी है और मैं भी हूँ
हर निगाह पर एक सवालीतू भी है और मै भी हूँ
दुनियां कुछ भी अर्थ लगाये,हम दोनों को मालूम है
भरे-भरे पर ख़ाली-ख़ाली , तू भी है और मै भी हूँ


इश्क है मेरा , कोई दगा नहीं
इस तरहा से दिल मेराकभी लगा नहीं
लिखी थी कवितायेँ ,
संजोये थे कई सपने
मिलेगी कोई शह्जादी ख्वाबों की
सुनाता जिसे अरमान अपने
मुद्दतों से तलाश में हूँ मगर,
इस तरह से अपना कोई लगा नहीं
इश्क है मेरा , कोई दगा नहीं
इस तरहा से दिल मेराकभी लगा नहीं



तन्हाईयों में मुस्कुराना इश्क है;
एक बात को सबसे छुपाना इश्क है;
यूं तो नींद नहीं आती हमें रात भर;
मगर सोते-सोते जागना और जागते-जागते सोना इश्क है।



कुछ रिश्ते इस जहाँ में खास होते हैं
हवा के रूख से जिनके एहसास होते हैं
यह दिल की कशिश नहीं तो और क्या है
दूर रहकर भी वो दिल के कितने पास होते हैं


वो मिल जाते हैं कहानी बन कर,
दिल मे बस जाते हैं निशानी बन कर,
जिन्हें हम रखते हैं अपनी आँखों मे,
क्यूँ निकल जाते हैं वो पानी बनकर.





दर्द का साज़ दे रहा हूँ तुम्हे,
दिल का हर राज़ दे रहा हूँ ‍‌तुम्हे,
ये गज़ल-गीत सब बहाने हैं,
मैं तो आवाज़ दे रहा हूँ ‍‌तुम्हे.....।





लोग पूछते है क्यू सुर्ख है तुम्हारी आँखे, 
हंस के कह देती हूँ रात को सो ना सकी 
लाख चाहूं भी मगर यह कह ना सकी, 
रात को रोने की हसरत थी मगर रो ना सकी..



बहुत चाहेंगे तुम्हे, मगर भुला ना सकेगे,
ख्यालों में किसी ओर को ला ना सकेंगे,
किसी को देखकर आँसु तो पोंछ लेंगे,
मगर कभी आपके बिना मुस्कुरा ना सकेंगे..



तमन्ना जब किसी की नाकाम होती है,
 जिन्दगी उस की एक उदास शाम होती है,
दिल के साथ दौलत ना हो जिस के पास,
 महोब्बत उस गरीब की निलाम होती है .. ...


उनकी महोब्बत के अभी निशान बाकी है,
 नाम लब पर है और जान बाकी है,
क्या हुआ अगर देख कर मुँह फेर लेते है,
 तसल्ली है की शकल की पहचान बाकी है. .



किसी की आँखों मे मोहब्बत का सितारा होगा
एक दिन आएगा कि कोई शक्स हमारा होगा

कोई जहाँ मेरे लिए मोती भरी सीपियाँ चुनता होगा
वो किसी और दुनिया का किनारा होगा

काम मुश्किल है मगर जीत ही लूगाँ किसी दिल को
मेरे खुदा का अगर ज़रा भी सहारा होगा

किसी के होने पर मेरी साँसे चलेगीं
कोई तो होगा जिसके बिना ना मेरा गुज़ारा होगा

देखो ये अचानक ऊजाला हो चला,
दिल कहता है कि शायद किसी ने धीमे से मेरा नाम पुकारा होगा

और यहाँ देखो पानी मे चलता एक अन्जान साया,
शायद किसी ने दूसरे किनारे पर अपना पैर उतारा होगा

कौन रो रहा है रात के सन्नाटे मे
शायद मेरे जैसा तन्हाई का कोई मारा होगा

अब तो बस उसी किसी एक का इन्तज़ार है,
किसी और का ख्याल ना दिल को ग़वारा होगा

ऐ ज़िन्दगी! अब के ना शामिल करना मेरा नाम
ग़र ये खेल ही दोबारा होगा

जानता हूँ अकेला हूँ फिलहाल
पर उम्मीद है कि दूसरी और ज़िन्दगी का कोई ओर ही किनारा होगा .


मौत माँगते है तो जिन्दगी खफा हो जाती है,
जहर लेते है तो वो भी दवा हो जाती है,
तू ही बता ऐ दोस्त क्या करूँ,
जिसको भी चाहा वो बेवफा हो जाती है..


जमाने से कब के गुजर गए होते ।
ठोकर न लगी होती हम बच गए होते ।
बंधे थे तेरी दोस्ती के धागे में ।
वर्ना कब के हम बिखर गए होते ।




किसी को मोहब्बत कि अच्छाई ने मार डाला,
किसी को मोहब्बत कि गहराई ने मार डाला,
बच ना सका हे मोहब्बत में कोई,
जो बच गया हे उसको ज़िन्दगी कि तन्हाई ने मार डाला...



किसने भीगे हुऐ बालों से ये झटका पानी,
झूम के आई घटा टूट के बरसा पानी,
कोई मतवाली घटा पीके जवानी की उमंग,
दिल बहा ले गया बरसात का पहला पानी





नज़रें झुकी तो पैमाने बने;
दिल टूटे तो मैख़ाने बने;
कुछ तो जरुर ख़ास है आप में;
हम यूँ ही नहीं आपके दीवाने बने।




यादों की किम्मत वो क्या जाने,
जो ख़ुद यादों के मिटा दिए करते हैं,
यादों का मतलब तो उनसे पूछो जो,
यादों के सहारे जिया करते हैं…






आओ साथ मैं दुनिया को बाँट लें,
समुन्दर आप का, लहरें हमारी!
आसमान आपका, सितारे हमारे,
सूरज आप का रौशनी हमारी!!
चलो एसा करते हैं, सुब कुछ आप का
और आप हमारे!!!






हर मुलाकात पर वक्त का तकाजा हुआ,
हर याद पर दिल का दर्द ताज़ा हुआ,
सुनी थी सिर्फ गजलों में जुदाई की बातें,
जब खुद पर बीती तो हकीकत का अंदाज़ा हुआ...



आरज़ू


जब तुम थे तो कुछ ग़म ना था
हम थे एक बेख़बर परिंदे के तरह
कभी इस कदर तन्हा होके याद करेंगे तुम्हे 
सोचा ना था 
ज़िंदगी तुम्हारे बिना भी जियेंगे सोचा ना था
आज आलम ये है की तुम्हारा नाम तक याद नही रहता
हम कभी तुम्हारे थे इसका इल्म तक नही रहता 
लोंगो के सामने अदाकारी करते करते हक़ीकत ही बन गयी है ये
की ना तुम हो ना तुम्हारी यादें है बस एक धुंधला सा
कोहरा आ जाता है आखों के सामने कभी कभी 
और कभी कभी मोह्बब्त के गानो पे आँखों के कोने मैं
कुछ हल्का सा पानी आ जाता है 
अक्सर तो सबसे छुपा लेते हैं पैर कभी कभी जैसे 
ये दिल बैठ जाता है, तब इससे समझा नही पाते
कुछ इतना बेज़ार हो जाता है की कुछ भी आरज़ू नही करता
एक वक़्त था दिल कीई बेवक़्त आरज़ू से परेशन थे हम 
और एक आज का दौर है आरज़ू की कमी से हैरान है हम...





लोग कहते हैं किसी के चले जाने से;

जिन्दगी अधूरी नहीं होती;

लेकिन लाखों के मिल जाने से भी तो;

उस एक की कमी पूरी नहीं होती है।



छोड़ दिया हमारा साथ कोई गम नहीं;
भूल जायेंगे आप हमें, पर भूलने वाले हम नहीं; 
आप से मुलाक़ात ना हो पाई तो कोई बात नहीं; 
आपकी एक याद मुलाकात से कम नहीं।







छोड़ दिया हमारा साथ कोई गम नहीं;
भूल जायेंगे आप हमें, पर भूलने वाले हम नहीं; 
आप से मुलाक़ात ना हो पाई तो कोई बात नहीं; 
आपकी एक याद मुलाकात से कम नहीं।
कभी दूर जा के रोये कभी पास आके रोये;
हमें रुलाने वाले हमें रुला के रोये;
मरने को तो मरते हैं सभी यारों;
पर मरने का तो मजा ही तब है;
जो दुश्मन भी जनाजे पे आ के रोये।
 टूट गया दिल पर अरमां वही है;

दूर रहते हैं फिर भी प्यार वही है;
जानते हैं कि मिल नहीं पायेंगे;
फिर भी इन आँखों में इंतज़ार वही है।



और यहाँ देखो पानी मे चलता एक अन्जान साया,
शायद किसी ने दूसरे किनारे पर अपना पैर उतारा होगा

कौन रो रहा है रात के सन्नाटे मे
शायद मेरे जैसा तन्हाई का कोई मारा होगा

अब तो बस उसी किसी एक का इन्तज़ार है,
किसी और का ख्याल ना दिल को ग़वारा होगा

ऐ ज़िन्दगी! अब के ना शामिल करना मेरा नाम
ग़र ये खेल ही दोबारा होगा

जानता हूँ अकेला हूँ फिलहाल
पर उम्मीद है कि दूसरी और ज़िन्दगी का कोई ओर ही किनारा होगा ...


 किसी की आँखों मे मोहब्बत का सितारा होगा
एक दिन आएगा कि कोई शक्स हमारा होगा

कोई जहाँ मेरे लिए मोती भरी सीपियाँ चुनता होगा
वो किसी और दुनिया का किनारा होगा

काम मुश्किल है मगर जीत ही लूगाँ किसी दिल को
मेरे खुदा का अगर ज़रा भी सहारा होगा

किसी के होने पर मेरी साँसे चलेगीं
कोई तो होगा जिसके बिना ना मेरा गुज़ारा होगा

देखो ये अचानक ऊजाला हो चला,
दिल कहता है कि शायद किसी ने धीमे से मेरा नाम पुकारा होगा




बहुत चाहेंगे तुम्हे, मगर भुला ना सकेगे,
ख्यालों में किसी ओर को ला ना सकेंगे,
किसी को देखकर आँसु तो पोंछ लेंगे,
मगर कभी आपके बिना मुस्कुरा ना सकेंगे..
 लोग पूछते है क्यू सुर्ख है तुम्हारी आँखे, 
हंस के कह देती हूँ रात को सो ना सकी 
लाख चाहूं भी मगर यह कह ना सकी, 
रात को रोने की हसरत थी मगर रो ना सकी..



खुशहाली में इक बदहालीतू भी है और मैं भी हूँ
हर निगाह पर एक सवालीतू भी है और मै भी हूँ
दुनियां कुछ भी अर्थ लगाये,हम दोनों को मालूम है
भरे-भरे पर ख़ाली-ख़ाली , तू भी है और मै भी हूँ




खुद को ख़ुदा कहा और खुद ही ख़ुदा हो गए,
रिश्तों की कशमकश में खुद से जुदा हो गए !
बांचते रहे तमाम उम्र आईने में अपनी सूरत,
तन्हा रहे जिंदगी में और भीड़ में ही खो गए !!


दर्द का साज़ दे रहा हूँ तुम्हे,
दिल का हर राज़ दे रहा हूँ ‍‌तुम्हे,
ये गज़ल-गीत सब बहाने हैं,
मैं तो आवाज़ दे रहा हूँ ‍‌तुम्हे.....।




खुद को ख़ुदा कहा और खुद ही ख़ुदा हो गए,
रिश्तों की कशमकश में खुद से जुदा हो गए !
बांचते रहे तमाम उम्र आईने में अपनी सूरत,
तन्हा रहे जिंदगी में और भीड़ में ही खो गए !!


यादों की किम्मत वो क्या जाने;
जो ख़ुद यादों को मिटा दिए करते हैं,
यादों का मतलब तो उनसे पूछो जो,
यादों के सहारे जिया करते हैं!



 इश्क है मेरा , कोई दगा नहीं
इस तरहा से दिल मेराकभी लगा नहीं
लिखी थी कवितायेँ ,
संजोये थे कई सपने
मिलेगी कोई शह्जादी ख्वाबों की
सुनाता जिसे अरमान अपने
मुद्दतों से तलाश में हूँ मगर,
इस तरह से अपना कोई लगा नहीं
इश्क है मेरा , कोई दगा नहीं
इस तरहा से दिल मेराकभी लगा नहीं


इश्क़ के ख़याल बहुत हैं..
इश्क़ के चर्चे बहुत हैं..
सोचते हैं हम भी कर ले इश्क़..
पर सुनते हैं इश्क़ में खर्चे बहुत हैं..

 वो मिल जाते हैं कहानी बन कर,
दिल मे बस जाते हैं निशानी बन कर,
जिन्हें हम रखते हैं अपनी आँखों मे,
क्यूँ निकल जाते हैं वो पानी बनकर.
 कुछ रिश्ते इस जहाँ में खास होते हैं
हवा के रूख से जिनके एहसास होते हैं
यह दिल की कशिश नहीं तो और क्या है
दूर रहकर भी वो दिल के कितने पास होते हैं
 तन्हाईयों में मुस्कुराना इश्क है;
एक बात को सबसे छुपाना इश्क है;
यूं तो नींद नहीं आती हमें रात भर;
मगर सोते-सोते जागना और जागते-जागते सोना इश्क है।

इश्क है मेरा , कोई दगा नहीं
इस तरहा से दिल मेराकभी लगा नहीं
लिखी थी कवितायेँ ,
संजोये थे कई सपने
मिलेगी कोई शह्जादी ख्वाबों की
सुनाता जिसे अरमान अपने
मुद्दतों से तलाश में हूँ मगर,
इस तरह से अपना कोई लगा नहीं
इश्क है मेरा , कोई दगा नहीं
इस तरहा से दिल मेराकभी लगा नहीं
ज़िन्दगी में लोग मोहब्बत के सहारे जीते है ... मैं आपकी नफरत के सहारे जीऊंगी


सबर का फल मीठा होता है, और उससे भी ज़्यादा मीठा होता है ... सबेरे का फल


कभी कभी ऐसा क्यों होता है ... की अपने पराये हो जाते हैं
दौलत तो विरासत में मिलती है, लेकिन पहचान अपने दम पर बनानी पड़तीहै