Wednesday, 6 February 2019

नजरे उन्हें देखना चाहे तो आंखों का क्या कसूर
हर पल याद उनकी आए तो सांसो का क्या कसूर

वैसे तो सपने पूछ कर नहीं आते
पर सपने उनके ही आए तो हमारा क्या कसूर ?

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आखिर कैसे समझाऊं




आखिर कैसे समझाऊं इस दिल को के, मेरी धड़कनो में लोग ,तुम्हे सुन लेते हैं !!




ऐ कैसा सिलसीला हैं तेरे ओर मेरे दर्मियान... फ़ासले तो बाहोत हैं मगर मोहब्बत कम नहीं होती...


इश्क़ हो तो सादगी से हो , सादगी हो तो मेरे यार सी हो, यार हो तो उस सा हो वो हो तो मुझमें समाया हुआ हो...



बिखर रहें थे जज्बात और वो हम में यूं सिमट गये । हम कुछ कहतें उससें पहलें वो आकर हमसें लिपट गये ।।








एक लड़की की पैट्रोल डालने वाले से शादी हो गई दुल्हन की सहेलिया: सदी की रात कैसी रही दुल्हन: बेवकूफ सारी रात हाथ में लेकर घूमता रहा और बार-बार पूछता रहा कितना डालू।।



लड़का: मैं प्यार की ऊंचाई और इश्क़ की गहराई को देखना और छूना चाहता हूँ लड़की: सीधी तरह क्यों नहीं कहते कि अंडरवियर और ब्रा उतार दो!!


शायरी कर रही हूँ तो शायर कहिये साहब वो दिन पुराने हो गए हम किसी के महबूब हुआ करते थे....


होंठ कह नही सकते फसाना गन्दी लुच्ची प्यार वाली बात का, शायद वो आंखों से समझ जाऐ सुबह सुबह मेरे चुदनें के बेहतरीन ख्याल का...


होंठ कह नही सकते फसाना गन्दी लुच्ची प्यार वाली बात का, शायद वो आंखों से समझ जाऐ सुबह सुबह मेरे चुदनें के बेहतरीन ख्याल का...

गुनाह ए इश्क़ के हक़दार हम दोनों ही थे फिर उन्हें महफिलें ओर हमें तन्हाई क्यूँ मिली



मोहब्बत की अदालत में इंसाफ कहा होता है सजा उसी को मिलती है जो बेगुनाह होता है...



नज़र उठे तो कज़ा होती है, नज़र झुके तो हया होती है। नज़र तिरछी हो तो अदा होती है, नज़र सीधी हो तो फ़िदा होती है।"

बदनाम करते हैं लोग मुझे जिसके नाम से ! क़सम खुदा की जी भर के कभी उसको देखा भी नहीं !!


तुम्हारे नाम को होंठों पर सजाया है मैंने ! तुम्हारी रूह को अपने दिल में बसाया है मैंने ! दुनिया आपको ढूंढते ढूंढते हो जायेगी पागल ! दिल के ऐसे कोने में छुपाया है मैंने !!


सास अपनी बहू से -- मेरे पोते की शक्ल मेरे बेटे जैसी क्यों नहीं ?? मेंने अपनी साड़ी ऊपर की और टाँगें खोलकर बोली -- ये चू................त है माँ जी चू....................त..!! 14 मेगा पिक्सल का कैमरा नहीं !!!



कल रात लिखने बैठी थी ग़ज़ल तेरे नाम की, अलफ़ाज़ सामने खड़े थे हाथ जोड़ जोड़ के।।।।


तू भी रंग भर दे इश्क का दिल मे अपने सिमट जा मुझ में मेरा ख़्वाब बनके मिटा दे दूरियों को दरमियाँ जो है डूब जा मुझ में मेरी सांस बनके कर ले पूरी हसरत सब ए रात में हो जाय दो बदन का मिलन इस रात में



शिकायत तुझसे नही शिकायत खुद से है.. चाहत दिल में तेरी लेके तेरे लायक न बन सके....

नमक हाथ में लेकर सितमगर सोचते क्या हो ,



नमक हाथ में लेकर सितमगर सोचते क्या हो ,
हजारों ज़ख्म हैं दिल पर , जहाँ चाहो छिड़क डालो ....!!!



फूल बिखराती हर इक मौज-ए-हवा आती है! 
आप आते हैं कि गुलशन में सबा आती है!!

आप के रुख़ से बरसता है सहर का जोबन! 
आप की ज़ुल्फ़ के साए में घटा आती है !!..























ठहरी हुई सी झील में हलचल मिला देना, 
बन जाये जब मौजे तो समन्दर को पता देना।।

भीड़ों में सिर्फ भेड़ चाल पर चलती है दुनिया
करके कुछ अलग तो अपनी पहचान बना लेना।





खाली जाम लिए बैठे हो, उन आँखों की बात करो,
रात बहुत है, प्यास बहुत है, बरसातों की बात करो,

जो पीकर मस्त हुए हैं उन के ज़िक्र से क्या हासिल है,
जिन तक जाम नहीं पहुंचा है, उन प्यासों की बात करो,...See more


एक बार तो तुम ऐतबार लिख दो
कितना है मुझसे वो प्यार लिख दो
कटती नहीं है ज़िन्दगी अब तुम बिन
कितना करूँ और इंतज़ार अब लिख दो।



kya kahu milne 
ko to hazaro dost 
mil jate hai magar 
tum sa na koi hai 
aur na kabhi hoga ...See more





कुछ हसीन ख़्वाब मुझसे संभाले नहीं गये,
काँटे जो लगे थे पाँव में निकाले नहीं गये।

मग़रूर आँधियों से शिक़ायत तो नहीं की,
बस....घोंसले दरख़्तों पे डाले नहीं गये।...See more


तूफान मचा रखा जिसने,
यह कैसी उम्र जवानी है..! 
ये तेरी भोली सूरत है या,फिर कमसिन नादानी है..!!

जिस्म चमकता कुंदन सा,...See more



इश्क़ करने को आँखों की ज़रूरत नहीं होती,
प्यार के एहसास को नजरों की ज़रूरत नहीं होती.
बिन आँखों के भी होती है मोहब्बत,
चाहत के लिए ज़रूरी शकल सूरत नहीं होती..!



हसरते मचल गई जब देखा तुमने एक पल के लिए 
सोचो जरा तक क्या होगा जब मिलोगे उम्र भर के लिए



मेरी गमो का सबब पूछते है दुनिया वाले 
लब खामूश है कही तू बदनाम ना हो जाए



यु ना देखा करो हस्ते हस्ते 
यु ना देखा करो हस्ते हस्ते 
मेरे दोस्त जरा हटके है 
कह देंगे भाभी जी नमस्ते