Sunday 30 April 2017

कृपया शांत चित से पढ़ें |

कृपया शांत चित से पढ़ें |
- इस अँधी दुनिया से कुछ सवाल !!!!!
""""माँ मैं आयी ..."""
माँ मैं आयी , एक प्यारा सा एहसास ले के ...


नन्हीं सी मुस्कान ले के !!!!!
सोचा था , ""माँ "'"
तुम सुनाओगी मुझे लोरीयाँ !!!!!
सोचा था , "" पापा ""
की ऊंगली पकड़ चलूंगी तेरे अँगना !!!!!
सोचा था , ""भैया "'
संग खेलूँगी छुपन छुपाई !!!!!
सोचा था , "" दादी ""
से सुनूँगी , नित नई कहानियाँ !!!!!
सोचा था , "" दादा ""
संग घूमने जाऊंगी बगिया !!!!!
लेकिन कहाँ ले गए थे मुझे ????
कितना शोर - शराबा था वहाँ ????
कितना तड़पी थी "" मैं ""
कि कोई तो बचाए "" मुझे"" !!!!!
वो निर्दयी हाथ किसके थे
जिसने छीन ली , मेरी सांसे ?????
फिर भी उस पापी को दया नहीं आयी ,
और खिला दिया कुत्तों को मुझे !!!!!
क्या उसके हाथ नहीं काँपे ,
एक नन्हीं जान को मारते हुए ?????
क्या उसे रहम नहीं आया ,
जो मुझे कुत्तों का आहार बनाया ?????
दादा, दादी , पापा , माँ ...
क्या गम नहीं है आपको, मुझे खोने का ?????
क्यों नहीं रोका आपने , उस पापी को यह पाप करने से ?????
क्यों नहीं काट दिए आपने , उस जल्लाद के हाथों को ?????
पापा आपने भी जन्म लिया था , एक लड़की की कोख से !!!!!
फिर क्यों ली आपने मेरी जान , अपनी ही मौज से ?????
यदि एहसास हुआ आपको , मुझे खोने का !!!!!
तो रोक दो इस पाप को !!!!!
एक बार फिर से आऊँगी , मैं तेरे अँगना में .......
माँ अब कदम उठाना होगा , आपको अपनी हिम्मत से ..
मेरे लिए लड़ना होगा , इस अँधी दुनिया से ..
"""मैं फिर आऊँगी माँ , तेरी पहचान बनके """
""प्यारा - सा एहसास लेके , नन्हीं सी मुस्कान लेके ""

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