Sunday 30 April 2017

कृपया शांत चित से पढ़ें |

कृपया शांत चित से पढ़ें |
- इस अँधी दुनिया से कुछ सवाल !!!!!
""""माँ मैं आयी ..."""
माँ मैं आयी , एक प्यारा सा एहसास ले के ...


नन्हीं सी मुस्कान ले के !!!!!
सोचा था , ""माँ "'"
तुम सुनाओगी मुझे लोरीयाँ !!!!!
सोचा था , "" पापा ""
की ऊंगली पकड़ चलूंगी तेरे अँगना !!!!!
सोचा था , ""भैया "'
संग खेलूँगी छुपन छुपाई !!!!!
सोचा था , "" दादी ""
से सुनूँगी , नित नई कहानियाँ !!!!!
सोचा था , "" दादा ""
संग घूमने जाऊंगी बगिया !!!!!
लेकिन कहाँ ले गए थे मुझे ????
कितना शोर - शराबा था वहाँ ????
कितना तड़पी थी "" मैं ""
कि कोई तो बचाए "" मुझे"" !!!!!
वो निर्दयी हाथ किसके थे
जिसने छीन ली , मेरी सांसे ?????
फिर भी उस पापी को दया नहीं आयी ,
और खिला दिया कुत्तों को मुझे !!!!!
क्या उसके हाथ नहीं काँपे ,
एक नन्हीं जान को मारते हुए ?????
क्या उसे रहम नहीं आया ,
जो मुझे कुत्तों का आहार बनाया ?????
दादा, दादी , पापा , माँ ...
क्या गम नहीं है आपको, मुझे खोने का ?????
क्यों नहीं रोका आपने , उस पापी को यह पाप करने से ?????
क्यों नहीं काट दिए आपने , उस जल्लाद के हाथों को ?????
पापा आपने भी जन्म लिया था , एक लड़की की कोख से !!!!!
फिर क्यों ली आपने मेरी जान , अपनी ही मौज से ?????
यदि एहसास हुआ आपको , मुझे खोने का !!!!!
तो रोक दो इस पाप को !!!!!
एक बार फिर से आऊँगी , मैं तेरे अँगना में .......
माँ अब कदम उठाना होगा , आपको अपनी हिम्मत से ..
मेरे लिए लड़ना होगा , इस अँधी दुनिया से ..
"""मैं फिर आऊँगी माँ , तेरी पहचान बनके """
""प्यारा - सा एहसास लेके , नन्हीं सी मुस्कान लेके ""

मैं लेटा हुआ था, मेरी पत्नी मेरा सिर सहला रही थी।

मैं लेटा हुआ था, मेरी पत्नी मेरा सिर सहला रही थी।
मैं धीरे-धीरे सो गया। जागा तो वो गले पर विक्स लगा रही थी।
मेरी आंख खुली तो उसने पूछा,कुछ आराम मिल रहा है?
मैंने हां में सिर हिलाया। तो उसने पूछा कि खाना खाओगे?
मुझे भूख लगी थी, मैंने कहा, "हां।"
उसने फटाफट रोटी, सब्जी, दाल, चटनी, सलाद मेरे सामने परोस दिए, और आधा लेटे- लेटे मेरे मुंह में कौर डालती रही।
मैने चुपचाप खाना खाया, और लेट गया।पत्नी ने मुझे अपने
हाथों से खिला कर खुद को खुश महसूस किया और रसोई में चली गई।
मैं चुपचाप लेटा रहा।
सोचता रहा कि पुरुष भी कैसे होते हैं?
कुछ दिन पहले मेरी पत्नी बीमार थी, मैंने कुछ नहीं किया था। और तो और एक फोन करके उसका हाल भी नहीं पूछा। उसने पूरे दिन कुछ नहीं खाया था, लेकिन मैंने उसे ब्रेड परोस कर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा था। मैंने ये देखने की कोशिश भी नहीं की कि उसे वाकई कितना बुखार था।
मैंने ऐसा कुछ नहीं किया कि उसे लगे कि बीमारी मेंवो अकेली नहीं।
लेकिन मुझे सिर्फ जरा सी सर्दी हुई थी, और वो मेरी मां बन गई थी।
मैं सोचता रहा कि क्या सचमुच महिलाओं को भगवान एक अलग दिल देते हैं?
महिलाओं में जो करुणा और ममता होती है
वो पुरुषों में नहीं होती क्या?
सोचता रहा, जिस दिन मेरी पत्नी को बुखार था,
उस दोपहर जब उसे भूख लगी होगी और वो बिस्तर से उठ न पाई होगी,तो उसने भी चाहा होगा कि काश उसका पति उसके पास होता?
मैं चाहे जो सोचूं, लेकिन मुझे लगता है कि हर पुरुष को एक जनम में औरत बन कर ये समझने की कोशिश करनी ही चाहिए कि सचमुच कितना मुश्किल होता है, औरत को औरत ,,होना।
मां होना, बहन होना, पत्नी होना ,,


Saturday 29 April 2017

Shayri Part 25

Shayri Part 25

17નવેમ્બર
दहेज़ में बहु क्या लायी…
ये सबने पूछा…
लेकिन एक बेटी क्या क्या छोड़ आई…



  • किसी ने सोचा ही नहींहमारी गलतियों से कही टूट न जाना,
  • हमारी शरारत से कही रूठ न जाना
  • तुम्हारी चाहत ही हमारी जिंदगी हैं
  • इस प्यारे से बंधन को भूल न जाना ”





हजार गम मेरी फितरत नही बदल सकते ;
क्या करू मुझे आदत हे मुस्कुराने की ।
*******
ख्वाबो में मेरे आप रोज आते हो,
कभी दर्द, कभी खुशियाँ दे जाते हो,
कितना प्यार करते हो आप मुझ से,
शिर्फ़ मेरे इस सवाल का जबाब टाल जाते हो.
*******
ऐ दिल सो जा कसम से कोई नहीं, कोईनहीं, कोईनहीं,दरवाजा सिर्फ तेज हवा से खुला है …!
*******
बड़ी सादगी से उसने कह दिया, रात
को सो भी लिया कर….
रातो को जागने से मोहब्बत लौट नहीं आती …
*******
हुए बदनाम मगर फिर भी न सुधर पाए हम,
फिर वही शराब, फिर वही इश्क, फिर
वही तुम…!!!!!
*******
यह सोच कर सब को याद कर के सोते है हम,
पता नहीं ज़िन्दगी मैं कोनसी रात आखरी हो………
*******
गीले कागज कि तरह है जिंदगी अपनी,
कोई जलाता भी नहीं,और कोई बहाता भी नहीं!!
*******
ऐ ज़िँदगी, अब तू ही रुठ जा मुझसे..
ये रुठे हुए लोग, मुझसे मनाए नहीँ जाते…
*******
कोई नही आऐगा मेरी जिदंगी मे तुम्हारे सिवा,
एक मौत ही है जिसका मैं वादा नही करता।
*******
पर्दा तो होश वालों से किया जाता है ,
बेनकाब चले आओ हम तो नशे में है..!!
*******
तेरे गुरूर को देखकर तेरी तमन्ना ही छोड़ दी हमने,
ज़रा हम भी तो देखे कौन चाहता है तुम्हे
हमारी तरह…!!!
*******

दुश्मनों को हराओ या ना हराओ,
लेकिन उनके सामने जरूर मुस्कुराओ !!
*******
में तो तुझ पर अपनी जान भी लुटा दुँ,
पर तू मुझसे मेरे जैसी मोहब्बत तो कर..!!
*******
जहाँ सफाई देनी पड़ जाय हर बार,
वो रिश्ते कभी गहरे नही होते !!!
*******
हम ना रहें भी तो हमारी यादें वफा करेंगी तुम से,
ये ना समजना की तुम्हें चाहा था बस दो दिन के लिए !!
*******
माजरा क्या हे ये भी बता दो !
आजकल ख्वाबों मे छा जाते हो…
*******
तेरी चाहत तो मुक़द्दर है, मिले न मिले;
राहत ज़रूर मिल जाती है, तुझे अपना सोच कर…
*******
माना कि तुम्हारा नाम सुनतेही नशा चढ जाता हैँ,
लेकिन हम भी वो हे जिनका नाम सुनतेही अच्छे अच्छोँ का नशा उतर जाता हैँ…
*******
सालो साल बातचीत से उतना सुकून नही मिलता,
जितना सिर्फ एक बार गले लग कर मिलता है।
*******
मुझे हर बात पर यूँ लड़ना अच्छा नही लगता,
अच्छा लगता है लड़ने के बाद प्यार जताना…
*******
सही कहते हैं दुनियावाले,
बहुत ग़रीब हो गया हूँ मैं…
एक फकत…
तू ही तो दौलत थी मेरी |….
*******
दर्द की बारिशों में हम अकेले ही थे,
जब बरसी ख़ुशियाँ …
न जाने भीड़ कहा से आई.
*******
बांसुरी से सीख ले एक नया सबक . . . . .
ऐ जिन्दगी-
लाख सीने में जख्म हो फिर भी गुनगुनाती है..!!
*******


हमने ईक माला की तरह तुमको अपने आप मे पिरोया है,
याद रखना तुटे अगर हम तो बिखर तुम भी जाओगे।!
*******
बादशाह तो मैं कहीं का भी बन सकता हूँ पर,
तेरे दिल की नगरी में हुकूमत करने का मज़ा ही कुछ और है….
*******
हाथों की लकीरों मैं तुम हो ना हो ….
जिदंगी भर दिल में जरूर रहोगे…
*******

जिन्दगी भर कोई साथ नहीं देता यह जान लिया हमने,
लोग तो तब याद करते हैं जुब वह खुद अकेले हों..
*******
खुद को भूल न जाऊं भटक न जाऊं कहीं…
एक टुकड़ा आइना जेब में रखता हूँ अक्सर…
*******
ज़ुल्म इतना ना कर की लोग कहेँ तुझे
दूश्मन मेरा,
हमने ज़माने को तुझे अपनी “जान”‘
बता रख्खा हे..
*******
तेरी चुप्पी ग़र…तेरी कोई
मज़बूरी है….
तो रहने दे…
इश्क़ कौन सा ज़रूरी है….
*******
मैंने कब कहा कीमत समझो तुम मेरी,
हमें बिकना ही होता तो यूँ तन्हा ना होते।।
*******
तेरी ख्वाहिश कर ली तो कौन सा गुनाह किया,
लोग तो इबादत में सारी कायनात मांगते खुदा से।
*******
टूट जायेंगी तेरी ज़िद की आदत उस वक़्त…
जब मिलेगी ख़बर तूजको की याद करने वाला अब याद बन गया है!!!
*******
निंद से क्या शिकवा जो आती नही रात भर,
कसुर तो उन सपनों का है जो सोने नही देते ।..
*******
भरोसा बहुत बङी पूँजी है यूँ ही नहीं बाँटी जाती…
यह…
खुद पर रखो तो ताकत और दूसरे पे रखो तो कमजोरी बन जाता है…
*******
धडकनों को
कुछ तो काबू में कर ए दिल..
.
अभी तो पलकें झुकाई है,
मुस्कुराना
अभी बाकी है उनका…!!!
*******
इतनी दूरियां ना बढ़ाओ थोड़ा सा याद ही कर लिया करो,
कहीं ऐसा ना हो कि तुम-बिन जीने की आदतसी हो जाए…
*******
मुझे आदत नहीं यूँ हर किसी पे मर मिटने की…! .
पर तुझे देख कर दिल ने सोचने तक की मोहलतना दी…!!
*******
नजर और नसीब के मिलने का इत्तफाक कुछ ऐसा है कि,
नजर को पसंद हमेशा वही आता है ,जो नसीब मे नही होता…!!
*******
इस कदर भूखा हूँ साहब,
कभी कभी धोखा भी खा लेता हूँ!
*******
दर्द भी वो दर्द जो दवा बन जाये !
मुश्किलें बढ़ें तो आसां बन जाये !!
जख्म पा कर सिर झुका देता हूँ !
जाने कौन पत्थर ख़ुदा बन जाये !!
*******
ज़रा सा बात करने का सलीक़ा सीख लो तुम भी…
इधर तुम होठ हिलाते हो उधर दिल टूट जाते है…
*******

अपने खुदा से जब भी अपना मुक़द्दर मांगेंगे ,
और भले ही कुछ न मांगें, तुम्हें उम्र-भर मांगेंगे ….
*******
काश के होता ये दि
ल पत्थर का यारो
खुद घायल हो जाते चोट पहुँचाने वाले..
*******
तुझे पाना.. तुझे खोना…
तेरी ही याद मेँ रोना….
ये अगर इश्क है..
तो हम तनहा ही अच्छेँ हैँ.!!
*******
अरे बददुआये … ये किसी ओर के लिए रख,
मोहब्बत का मरीज हूँ, खुद ब खुद मर जाऊँगा…
*******
इतनी कामीयाबि हाँसिल
करूंगा की तु जे माफी मांगने के लिये
भी लाईन मेँ खडा होना पडेगा…
*******
तुम जब भी मिलो तो नजरे उठा कर मिला करो जान-ए-जाना
मुजे पसंद है तुम्हारी आँखों में अपना चेहरा देखना…..!!
*******
किसी फकीर की झोली में जब मैंने एक सिक्का डाला ,
तब ये जाना कि इस मंहगाई के दौर में दुआएँ आज भी कितनी सस्ती है !!
*******
लाख करो गुज़ारिशें लाखों दो हवाले,
बदल ही जाते हैं आखिर बदल जाने वाले..!!!
*******
ख़ूबियों पर तो आपकी कईयों का दिल मचला होगा,
पर मज़ा प्यार का तब है,
जब कमियों को देख,कोई हमसफ़र बना ले आपको …!!
*******
हज़ार बार ली है तुमने तलाशी मेरे दिल की,
बताओ कभी कुछ मिला है इसमें तुम्हारे सिवा…
*******
दिल तो रोज सजता हे , एक नादान दुलहन की तरह ,
और गम रोज चले आते हे , बाराती बनकर….
*******
हाले दिल किस से केहतें ददॅ भी उसीने दिया जो वजह थी मुस्कुराने की.!!
*******
बहुत खूबसूरत वहम है मेरा….कहीं तो कोई है….
जो सिर्फ मेरा है…!!
*******
लोग कहते हैं कि इश्क मत करो,
कि हुस्न सर पे सवार हि जाये,
हम कहते हैं कि इश्क इतना करो,
कि पत्थर दिल को भी तुमसे प्यार हो जाये.
*******
तलाश कर मेरी कमी को अपने दिल में एक बार ।
दर्द हो तो समझ लेना मुहब्बत अभी बाकी है ।।
*******
शाम से आंख में नमीं सी है,
आज फिर आपकी कमी सी है !
*******

पगली तेरी महोब्बत ने मेरा ये हाल कर दिया है।
मैं नहीं रोता,लोग मुझे देख कर रोते है।
*******
कितना मुश्किल सवाल पूछा है . . .
आज उसने मेरा हाल पूछा है . . . !
*******
कुछ तो बात है मेरी मेहमान-नवाजी में….
कि ग़म एक बार आते है तो जाने का नाम नहीँ लेते…
*******
वो भी शौकीन हैं इतने कि गूगल पर हमारी शायरी ढूंढते हैं,
उनको लगता है कि जज्बात भी बाजार में बिकते हैं..!!
*******
ख़ुशी का पल भी आएगा एक दिन…
ग़म भी तो मिल रहे हैं
बिना तम्मना किये…!
*******
एक ही बात इन लकीरों में अच्छी है…
धोखा देती हैं मग़र रहती हाथों में ही हैं …!!
*******
मैं तेरे नसीब कि बारिश नहीं जो तुजपे बरस जाऊं,
तुजे तक़दीर बदलनी होगी मुझे पाने के लिए…
*******
जो मेरे बूरे वक्त मे मेरे साथ हैं में उन्हें वादा करता हु मेरा अच्छा वक्त सिर्फ उनके लिये होगा…!
*******
कुछ नही था मेरे पास खोने को,
लेकिन जबसे तुम मिले हो डर गया हूँ मैं…
*******
मेरे बारे में अपनी सोच को थोड़ा बदलकर देख,
मुझसे भी बुरे हैं लोग तू घर से निकलकर देख…!
*******
जो दिल के आईने में हो वो ही प्यार के काबिल ,
वरना दीवार के काबिल तो हर तस्वीर होती है ……..
*******
एक ऐसा भी वक़्त होता है,
जब मुस्कराहट भी आह होती है..!!
*******
अजीब सी आदत,
और गज़ब की फितरत
है अपनी ,
नफरत हो या मोहब्बत,
बड़ी सिद्दत से करते हैं ।।
*******
धोखा देती है अक्सर मासूम चेहरे की चमक,
हर काँच के टुकड़े को हीरा नहीं कहते….!!
*******
कुछ लोग बडे होने के वहम में मर गये…
और जो लोग बडे थे वो अहम में मर गये…
*******

ज़िंदगी में कभी मुस्कुराने की दुआ ना देना,
मुझे पल भर मुस्कुराने की सज़ा मालूम है।
*******
वो शख्स जिसकी आँखों में इंकार के सिवा कुछ भी नही,
ना जाने क्यों उसकी आँखों पे जिंदगी लुटाने को जी चाहता है।।
*******
जी तो चाहता है, चीर के रख दूं तुझे…
ए दिल,
न तूं रहे तुझमे
और
न मुहब्बत रहे मुझमें.!!
*******
तेरी आँखों के जादू से तू ख़ुद नहीं है वाकिफ़;
ये उसे भी जीना सीखा देता जिसे मरने का शौक़ हो।
*******
मोहब्बत मेँ कभी कोई जबरदस्ती नहीँ होती,
जब तुम्हारा जी चाहे तुम बस मेरे हो जाना.
*******
जितना चाहे रूला ले मुझको तूँ ऐ
जिन्दगी….
हंसकर गुजार दूँगा तुझको,
ये मेरी भी जिद्द है…!!
*******
जब भी बही खाते निकलेंगे तेरे मेरे क़र्ज़ के !
तुझ पे मेरी मोहब्बत उधार निकलेगी और मुझ पे तेरे सितम !!
*******
कितने अनमोल होते हैं
ये अपनों के रिश्ते,
कोई याद न करे
तो भी इंतज़ार रहता है…!!!
*******
सिर्फ रिश्ते टूटा करते हैं साहब,
मुझे तो उनसे इश्क़ हुआ है….
*******
ए मोहब्बत, तुझे पाने की कोई राह नहीं….
तू तो उसे ही मिलेगी, जिसे तेरी परवाह नहीं…….
*******
बहोत अहेसान हैं तेरा मुजपे ए जींदगी,
तुने वो सीखा दीया जो हम कभी समज भी नहीं पाते थे..!
*******
सबूत गूनाहो के होतेहै, ,,,,,
बेगुनाह मुहब्बत का क्या सबूत दू,,!
*******
जुबाँ न भी बोले तो ,
मुश्किल नहीं…
फिक्र तब होती है जब,
खामोशी भी बोलना छोड़ दें…।
*******
लिख देना ये शब्द मेरी कब्र पे दोस्तों,
की मौत अच्छी है पर दिल का लगाना
अच्छा नहीं..!
*******
दिल साफ़ करके मुलाक़ात की आदत डालो,
धूल हटती है तो आईने भी चमक उठते हैं..!
*******

कुछ मुलाकाते दरवाजे खोल जाती है,
या तो दिल के या तो आंखो के..
*******
मैं रात भर जन्नत की सैर करता रहा यारों,
सुबह आँख खुली तो सर माँ के कदमों में था…
*******
आईना देख क्या लिया मैंने.
अब कोई भी बुरा नहीं लगता…
*******
खुद को मेरे दिल में ही छोड़ गए हो.!!
तुम्हे तो ठीक से बिछड़ना भी नहीं आता..!!
*******
हथेली पे उसका नाम तो लिख लिया ऐ दोस्त ….
पर ये न सोचा कि… तकदीर तो खुदा लिखता है।….
*******
मेरे तो सारे अंदाजे गलत निकले ,
तुम कभी अपने थे ये भी भरम निकले।
*******
मैंने तुझसे कुछ ख़ास तो माँगा नहीं है, ए ज़िन्दगी,
फिर क्यूँ तू किश्तों में, सब कुछ छीना करती है?
*******
अपने कमाए हुए पैसो से खरीदो,
शोक अपने आप कम हो जायेंगे..!!!
*******
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए,तू आज भी बेखबर है कल की तरह..!
*******
बेचैनी भी जहाँ सुकून देने लगती है.
आ देख, उस दौर से गुजर रहा हूँ मैं.
*******
दुनियाँ की हर चीज…
ठोकर लगने से टूट जाया करती है.
एक कामयाबी ही है…
जो ठोकर खा के ही मिलती है …!!
*******
मेरे हौसले पर मयकदे को भी हैरत है,
एक जाम ख़त्म होता है दूसरा भर जाता है….
*******
रोज़ रोज़ गिर कर मुकम्मल खड़ा हूँ,
ज़िन्दगी देख, में तुझसे कितना बड़ा हूँ.
*******
आज तुम हर साँस के साथ याद आ रहे हो….
अब तुम्हारी याद रोक दु या अपनी सांस…||
*******
चुपके चुपके लेकर नाम तेरा , गुज़र देंगे ज़िन्दगी …
बे-ख़बर ज़माने को बतायेंगे , प्यार ऐसे भी होता है….
*******
नींद उड़ा कर मेरी कहते है वो कि सो जाओ कल बात करेंगे,
अब वो ही हमें समझाए कि कल तक हम क्या करेंगे…
*******
शुरू तो कर दी तलाश ख़ुद की,
अब तू मिले तो मैं भी मिलु…
*******
ए खुदा, मुसीबत में डाल दे मुझे…
किसी ने बुरे वक्त में साथ आने का वादा किया है..!
*******
जो उड़ते हैं अहम के आसमानों में
जमीं पर आने में वक़्त नहीं लगता,
हर तरह का वक़्त आता है ज़िंदगी में
वक़्त के गुज़रने में वक़्त नहीं लगता..
*******
कैसे भुला देते हैं लोग तेरी खुदाई को, या रब!
मुझसे तो तेरा बनाया हुआ एक शख्स, भुलाया नहीं जाता……..
*******
मैंने इस बहाने बोई नहीं दिल में उम्मीदें,
की कौन जंगल में उगे पेड़ो को पानी देगा ……
*******
रोकना मेरी हसरत थी और चले जाना उनका शौक,
वो शौक पूरा कर गए मेरी हसरतें तोड़ कर…
*******
किसी गरीब को मत सता,
गरीब बेचारा क्या कर सकेगा,
वोह तोह बस रो देगा,
पर उसका रोना सुन लिया ऊपर वाले ने,
तोह तू अपनी हस्ती खो देगा.
*******
हम ये नहीं चाहते कि कोई आपके लिए दुआ ना मांगे;
हम तो बस इतना चाहते है कि कोई दुआ में आपको ना मांगे।
*******
कोई उसे जा के कह दो कि मैं साँस लेना चाहता हूँ ,
वो मेरे वजूद से अपनी यादों की रस्सियां खोल दे…..
*******
उन लम्हों की यादें ज़रा संभाल के रखना,
जो हमने साथ बिताये थे
क्यों की
हम याद तो आयेंगे मगर लौट कर नहीं !
*******
मोहब्बत क्या है चलो दो लफ्ज़ो में बताते है ;
तेरा मजबूर कर देना मेरा मजबूर हो जाना…
*******
काली घटाओं ने हमें पीना सीखा दिया,
जामें शराब ने हमें जीना सीखा दिया….
*******
कास तुम भी हो जाओ
तुम्हारी यादो की तरह,
.
न वक़्त देखो न बहाना,
.
बस चली आओ!
*******
तुमसे मिलने का सबसे बड़ा फायदा ये हुआ ,
कि मुझे अपनी जिंदगी से प्यार हो गया है …………
*******
सुना है तेरी सूरत को देखने वाले.,
कोई और नशा नहीं करते।
*******
तेरी आँखों की तौहीन है ये … जरा सोचो ,.,
तुम्हारा चाहने वाला शराब पीता है .,.!!!
*******
दिल में चाहत का होना जरूरी है..
वरना
याद तो रोज दुश्मन भी करते हैं…!!
*******
नफ़रत हो जायेगी तुझे अपने ही किरदार पे….
अगर में तेरे हि अंदाज मे तुझसे बात करुं…
*******
तुम्हारा जिक्र हुआ तो महफ़िल छोड़ आये गैरों के लबों पे तुम्हारा नाम अच्छा नहीं लगता…..
*******
लाख करो गुज़ारिशें लाखों दो हवाले,
बदल ही जाते हैं आखिर बदल जाने वाले..!!!
*******
चलो मान लेता हु मुझे मोहब्बत करना नहीं आता,
लेकिन आप ये बतावो की आप को दिल तोडना किस ने सिखाया..!!
*******
मुस्कुराने से शुरु और रुलाने पे खतम..
ये वो ज़ुल्म है जिस्से लोग मुहब्बत कहते है .!!
*******
माना की तू चाँद जेसी हैं तुझे देखने
को लोग तरसते हैं., मगर हम भी सूरज जेसे हैं… लोग हमे देखकर अपना सर झुकाते हैं…
*******
मत पूछ दास्ताँ ऐ इश्क़ ! बस जो रुलाता है .
उसी के गले लग कर रोने को दिल चाहता है …
*******
ज़िन्दगी में भागे जा रहे हैं, कामयाबी की तलाश में.
सुकून से ही दूर जा रहे है,सुकून की तलाश मे.
*******
मेरे खुदा ले चल ऐसे मंजर पर मेरे कदम,
जहां न कुछ पाने की खुशी हो, न कुछ
खोने का गम ……..
*******
तू बदनाम ना हो इसलिये जी रहा हूँ मैं,
वरना तेरी चौखट पे मरने का इरादा रोज़ होता है….
*******
बहुत कुछ बदला है मैंने अपने आप में,
लेकिन ..!
तुम्हे वो टूट के चाहने की आदत,
अब तक नहीं बदली ..!!
*******
सुलग रही है अगरबत्तियां सी मुझ में ,
तुम्हारी याद ने महका भी दिया , जला भी दिया ….
*******
देख लेती हु तस्वीर तेरी .. जब भी परेशान होती हूँ..
मानो मेहेज़ तस्वीर से ही तू मेरे दर्द खिंच लेता हो …
*******
ये दिन जब थका देता हैं… वो शाम को फ़ोन कॉल पे तेरी मीठी आवाज़… फिज़ाओं की तरह… मेरे सारे थकान को उड़ा ले जाती हैं… “माँ”
*******
कुछ फ़ुर्सत के लम्हों का इंतज़ार करता हूँ… पूरे दिन खुद को ख़र्च करके… मैं पूरा शाम, तुझपे खर्च करने का इंतज़ार करता हूँ….
*******
थाली हैं… माँ के हाथों से बनी रोटियाँ नहीं
बिस्तर हैं… माँ की नर्म गोदी नहीं गायब हैं….
*******
वो कुछ रातों से मेरे नींदों में दबे पाँव चलके आती हैं…
और फिर सुबह को शिकायत करती हैं कि उसे नींद ठीक से आई नहीं…
*******
तुझपे खर्च करने के लिए बहुत कुछ नहीं है मेरे पास… थोड़ा वक़्त हैं… थोड़ा मैं हूँ…
*******
ज़िन्दगी बदलने के लिए लड़ना पड़ता है,
आसान करने के लिए समझना पड़ता…
*******
मै आज भी अपने मुकद्दर से शर्त लगाता हूँ..भरी बरसात में कागज की पतंग उड़ाता हूँ …
*******
“महसूस जब हुआ कि सारा शहर,
मुजसे जलने लगा है ,
तब समझ आ गया कि
अपना नाम भी चलने लगा है”
*******
शीकवा करने गये थे और इबादत सी हो गई,
तुजे भुलाने की जीद, अब तेरी आदत सी हौ गई..!!
*******
हराना है तो मैदान में आके हराना,
वरना दिल जीतने की आदत तो बचपन से है.
*******
ये जमाना जल जायेगा किसी शाेले की तरह,
जब उसके हाथ में खनकेगा मेरे नाम का कंगन..!!
*******
“तुम मेरी ज़िन्दगी का वो इकलौता सच हो,
जिसके बारे में मैंने दुनिया के हर सख्श से झूठ कहा है..”
*******
अगर प्यार करती है तो आ सामने,
यूंह छीप छीप के सटेटस पढने का क्या मतलब है..!!
*******
भूखा पेट, खाली जेब, और झूठा प्रेम –
इंसान को जीवन में बहुत कुछ सिखा जाता है।
*******
“एक रास्ता यह भी है, मंजिलों को पाने का,
कि सीख लो तुम भी हुनर, हाँ में हाँ मिलाने का.”
*******
अकेले रहने का भी एक अलग सकुन है….
.
.
ना किसी के लौट आने कि उम्मीद…!
ना किसी से अलग होने का डर…!!
*******
ऐ कलम जरा रुक रुक कर चल, क्या गजब का मुकाम आया हैं। थोड़ी देर ठहर जा उसे दर्द ना हो, तेरी नोंक के नीचे उसका नाम आया हैं।
*******
जिस चेहरे को देख कर हसते थे हम…. आज उसी ने रुला दिया… खुद ने तो फोन किया नहीँ… हमने किया तो कौलर ट्युन “तुझे भुला दिया”…
*******
आज उसने अपने हाथ से पिलायी हे यारो,
लगता हे आज नशा भी नशे मे हैं…!
*******
अजीब पैमाना है यहाँ शायरी की परख का,
जिसका जितना दर्द बुरा, शायरी उतनी ही अच्छी,
*******
काश कयामत के दिन हिसाब हो सब
बेवफाओं का,…
और तुम मेरे गले लग के
कहो की मेरा नाम मत लेना..
*******
हर सांस सुंदर है,
जबसे तू दिल के अंदर है…
*******
क्या पता कि कब कहा से मारेगी,
बस की मे ज़िन्दगी से डरता हूँ,
मौत का क्या हें, एकबार मारेगी…
*******
भगवान से कुछ मांगना ही है तो हमेशा अपनी माँ के सपने पूरे होने की दुआ माँगना
तुम खुद बे खुद आसमान की ऊंचाइया छु लोगे ।।
*******
करो फिर से कोई वादा कभी न बिछड़ने का,
तुम्हें क्या फर्क पड़ता है फिर से मुकर जाना…
*******
यूँ तो सिखाने को ज़िन्दगी
बहुत कुछ सिखाती है…!!
मगर—
झूठी हंसी हँसने का हुनर तो
बस मोहब्बत ही सिखाती है…!!
*******
दिल में मोहब्बत का होना जरूरी है..
वर्ना,याद तो रोज दुश्मन भी किया करते है !
*******
हुकूमत की है हमने कोई लूट
नहीं, वो नीलाम
भी हुए…
तो आखरी बोली हमारी रहेगी…
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मत कर नफरत मुझसे इतनी मै भी तेरी तरह इन्सान हू ,
फर्क इतना है तुम”महफिलो की रोनक हो,और में तन्हाईका बादशाह । ….
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तेरी दोस्ती का गुलाम हुं वरना. . शहेनसा से भी गुलामी करवाने की नवाबीयत रखता हुं….
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किसी को नींद आती है मगर खाव्बों से नफरत है,
किसी को खाव्ब प्यारे हैं मगर वो सो नहीं सकता|
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“अक्ल कहती है की मारा जाएगा,
इश्क कहता है की देखा जाएगा”..
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तेरी मोहब्बत से लेकर तेरे अलविदा कहने तक,
मेंने सिर्फ तुजे चाहा है, तुजसे कुछ नहीं चाहा !!!
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हेंसीयत तो इतनी हैं की..
जब आंख उठाते हैं तो नवाब भी सलाम ठोकते है..
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तू मुझे अपना बना या ना बना तेरी मजीॅ तू जमाने में’ बदनाम ‘ तो मेरे नाम से है !!
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अपनी ज़िन्दगी की बस इतनी सी कहानी है,
कुछ हम खुद बबाॅद हुवे थे और कुछ उनकी मेहरबानी थी…
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“ये ज़िन्दगी चल तो रही थी…
पर तेरे आने से मेने जिना सुरु कीया”..
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सामान बाँध लिया है मैंने, बताओ..
कहाँ रहते है वो लोग जो कहीं के नहीं रहते??? 
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तुम मेरे हो इस बात में कोई शक नहीं…
पर तुम किसी और के नहीं होगे ‘
बस इस बात का यकीन दिला दो…
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तेरा नाम था आज किसी अजनबी की जुबान पे…
बात तो जरा सी थी पर दिल ने बुरा मान लीया..
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मुझ से मिलना तो तेरे ही नसीब में
था शायद…….
इतनी हसीन तो मेरे हाथों की लकीरें
नही थी……!!!!
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मेने तक़दीर पे यक़ीन करना छोड़ दिया है …!
जब इंसान बदल सकते है तो ये तकदीर क्यो नही….!!
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सिर्फ तेरे सामने शरीफ बनने का दिखावा करता हूं..!
वरना आके देख ले… जहां पेर रखता हूं..! सलाम करने वाले की लाइन लग जाती हैं…
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महरम न सही एक जख्म ही दे दो ..
महूसस तो हो के कोई हमें भुला नही..
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गोली मार मार के हम अपने दुश्मन की लाश को सड़क पर उस तरह फेकेंगे …
जेसे जुआरी जुआ खेलते टेबल पे ताश के पत्ते फेकता है…
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में चिज महंगी और महान बेचता हूं।।
लेाग ईमान बेचते हैं और मैं मुसकान बेचता हूं।।
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अजीब शक्श था वो___
जिंदगी बदल कर, खुद भी बदल गया….
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पानी में तैरना सीख ले मेरे दोस्त,
आँखों में डूबने वालों का अंजाम बुरा होता है !!
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ना जाने कैसे, इम्तेहान है…
अपने ये आजकल..
मुक़दर, मोहब्बत और दोस्त
तीनो नाराज़ से रहते है!!
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दर-बदर, चोट खाने के बाद…
मुझें दवा मिली भी तो… मैखांने मे.!!
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कितना भी कर ले, चाँद से इश्क़….
रात के मुक़द्दर मे, अँधियारे ही लिखे हैं!
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उस शख्स को पाना, इतना मुश्किल भी नही, मेरे दोस्त..
मगर जब तक दूरी न हो, मुहब्बत का मजा नही आता..!
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ज़ंजीर बदली जा रही थी…
मैं समझा था, रिहाई हो गयी है..!
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अतीत के पन्ने, पलट कर देखे
तो कुछ लम्हे आज भी हमें पुकारते हैं,
अब तो हम बस, कुछ वहमों के सहारे जिन्दगी गुजारते हैं..!
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लिख दूं….तो लफ्ज़ तुम हो
सोच लूं….तो ख़याल तुम हो
मांग लूं….तो मन्नत तुम हो
चाह लूं….तो मुहब्बत भी….तुम ही हो..
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कुछ लोग किस्मत की तरह होते हैं जो दुआ से मिलते हैं…
और कुछ लोग दुआ की तरह होते हैं
जो किस्मत बदल देते हैं…
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अजीब तरह के लोग हैं इस दुनिया में,
अगरबत्ती भगवान के लिए खरीदते हैं, और फ्लेवर खुद की पसंद का…!!
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कितना मौन सा पसर गया है बीच हमारे…
कभी यहाँ खिलखिलाहटें बसा करती थीं!!
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“मुद्तों के बाद उसको किसी के साथ खुश देखा तो एहसास हुआ …
काश की उसको बहुत पहले हे छोड़ दिया होता ….”
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बहुत “पाक़” रिश्ते होते हैं नफरत के !!
कपडे अक्सर मोहब्बत में ही उतरते हैं !!!!
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कुछ लोग सिखाते है मुझे मोहब्बत के क़ायदे कानून…..!!
नही जानते वो इस गुनाह में हम सज़ा-ए-मौत के मुज़रिम हैं…..!
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ज़िन्दगी तो बस इम्तहान ले रही थी हम कमबख्त उसे मजाक समझ बेठे।।
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खुसबू कैसे ना आये मेरी बातों से यारों,
मैंने बरसों से एक ही फूल से मोहब्बत की है..
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काश तेरा दिल दिवार होता,
बंदा अपना नाम तो लिखता !
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माना तू हसीन है… मगर इस क़दर कहाँ……..
जितना मेरी निगाहों ने तुझे बना रखा है….
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तूम मिल गयी थी,
तो खुदा नाराज़ हो गया था मुझसे,
कहता था…
अब तो तूं कुछ मांगता ही नहीं है..
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आज कल सब कहते हैं, मैं बुझा-बुझा सा रहता हूँ;
अगर जलता रहता तो कब का खाक हो जाता!
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आओ हम चाँद का क़िरदार अपना ले..
दाग अपने पास रख ले, और रोशनी बाँट दें..
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इतने छोटे बनिए की हर कोई आपके साथ बैठे,
ओर इतने बड़े बनिए की जब आप खड़े हो तो कोई बैठा ना रहे…!
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धडकनों की यही तो खास बात है,,
भरे बाज़ार में भी,
किसी एक को सुनाई देती है…
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आज कोई एक बुरी आदत छोडनी है..
कमब्खत तय केसै करु..
ना ” शराब ” छौड सकता हु ना तुम्है ….
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पसीने की सियाही से जो लिखते हैं इरादों को,,
हाँ…. उनके मुक़द्दर के सफ़े कोरे नहीं होते…
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ये जो तुमने खुद को बदला हे…
ये बदला हे…..
या “बदला” हे ..!!!
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एय खुदा …
तुजसे एक सवाल है मेरा …
उसके चहेरे क्यूँ नहीं बदलते ??
जो इन्शान ” बदल ” जाते है …. !!
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फ़ुरसत अगर मिले तो मुझे पढ़ना ज़रुर,,
मैं नायाब उलझनों की मुकम्मल किताब हुँ…
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काँटों पर चलकर फूल खिलते हैं,
विश्वास पर चलकर …भगवान .. मिलते हैं,
एक बात याद रखना दोस्त,,,,,!!
सुख में सब मिलते है,
लेकिन दुख में सिर्फ ..भगवान .मिलते है…
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कितना मुश्किल है मनाना उस शख्स
को ..
जो रूठा भी ना हो और बात
भी ना करे …
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जनाब मत पूछिए हद हमारी गुस्ताखियों की,
हम आईना ज़मीं पर रखकर आसमां कुचल दिया करते है…
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लफ्जो से तो L.K.G. के बच्चे भी खेलते हैं,
पर मजा तब हैं, जब लीखने का अंदाज कुछ शायराना हो !…
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दौलत चाहे बेईमानी से घर आये,
पर उसकी पहरेदारी के लिए सबको इमानदार शक्स चाहिए…
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कोई मज़बूत सी ज़ंजीर भेजो,
तुम्हारी याद पागल हो गई है…
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आखिर थक हार के, लौट आया मै बाज़ार से,
यादो को बंद करने के ताले, कही मिले नही !!
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किसी ने मुझसे पूछा “कैसी है अब जिंदगी”….
मैने मुस्कुरा कर जवाब दिया… “वो खुश है ….
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अपनी नाकामी का एक सबब ये भी है
दोस्तो,
चीज जो मांगते है सब से जुदा मांगते है…
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नाम बदनाम होने की चिंता छोड़ दी मैंने… अब जब गुनाह होगा, तो मशहुर भी तो होगे…!
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मैं हर किसी के लिए अपने आपको
अच्छा साबित नहीं कर सकता,
लेकिन
मै उसके लिए बेहतरीन हूं जो मुझे समजते है…
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कोई वकालत नहीं चलती ज़मीन वालों की ,
जब कोई फैसला आसमान से उतरता है ..!!
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मुझे घमंड था की मेरे चाहने वाले बहुत हैं इस दुनिया में,
लेकिन बाद में पता की सब चाहते हैं अपनी जरूरत के लिए…
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तुझे क्या पता की मेरे दिल में कितना प्यार हैं तेरे लिए,
जो कर दूँ बयाँ तो तुझे नींद से नफरत हो जाए..!!
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कुछ लाेग सिर्फ, ये साेचकर , बुरे बन जाते है,
कि
अच्छे लाेगाें काे ताे भगवान भी जल्दी ऊपर बुला लेते है…।।
*******
तुम मेरी बातों का जवाब नहीं देते तो कोई बातनहीं,
आओगे जब हमारी कब्र परतो हमभी ऐसा ही करेंगे।??????
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मैंने जान बचा के रखी है, एक जान के लिए,
इतना इश्क कैसे हो गया, एक अनजान के लिए…!!
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तू डालता जा शराब मेरे प्याले में,जब तक ना निकले वो मेरे खयालो से |
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टूट जायेंगी तेरी “जिद” की आदत उस वक़्त…
जब मिलेगी ख़बर तूजको की याद करने वाला, अब याद बन गया है !!
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कोई मुझे भी पत्थर सा दिल ला दो यारों..
आखिर मुझे भी इंसानो की बस्ती में ही जीना है…!!
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मुझसे दूरियाँ बनाकर तो देखो…
फिर पता चलेगा कितना नज़दीक हूँ मैं..
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वक़्त कब क्या रंग दिखाए हम नहीं जानते,
वर्ना जिस “राम” को रात को राज्य मिलने वाला था,
उसे सुबह वनवास ना मिलता….!!!!!
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लहरों को शांत देख कर ये न समझना की समंदर में रवानी नहीं है..
जब भी उठेंगे तूफान बन के उठेंगे..
अभी उठने की ठानी नहीं है …
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मेरे कंधे पर कुछ यूँ गिरे तेरे आंसू,
कि सस्ती सी कमीज अनमोल हो गयी…
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हाथों की लकीरों मैं तुम
हो ना हो…..
जिदंगी भर दिल में जरूर रहोगे…….
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अपने लफ़्ज़ों पर ग़ौर कर के बता ..
लफ्ज़ कितने थे, तीर कितने थे !!
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जहर के असरदार होने से कुछ नही होता दोस्त,
खुदा भी राजी होना चाहिए मौत देने के लिये.!!
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सुनो ! महफूज कर लो न हमें खुद में..
के बिन तेरे,
बेवजह बिखर रहे हैं हम..
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जानते हो मुहब्बत किसे कहते है..? किसी को सोचना, फ़िर मुस्कुराना और फ़िर आँसू बहाते हुए सो जाना…!!
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वक़्त बहुत कुछ, छीन लेता है …
खैर मेरी तो सिर्फ़ मुस्कुराहट थी ….!!
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कब तक मिलती पनाह हमेँ बहुत भीड़ थी उसके दिल मेँ….
हम खुद ना निकलते तो निकाल दिए जाते….!!!!
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अपने पैरों पर खड़े होकर मरना,घुटने टेक कर जीने से कहीं बेहतर है…..!!
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कुछ इस तरह ख्‍़याल तेरा जल उठा कि बस
जैसे दीया-सलाई जली हो अँधेरे में,
अब फूंक भी दो, वरना ये उंगली जलाएगा!
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वो नदी थी वापस मुड़ी नहीं,
मैं समंदर था आगे बढ़ा नही।
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जिंदगी देने वाले,
मरता छोड़ गये,
अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये,
जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की,
वो जो साथ चलने वाले, रास्ता मोड़ गये.
*******
उठाना खुद ही पड़ता है थका टुटा बदन
अपना।
की जब तक साँसे चलती है कन्धा कोई
नही देता।
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मैने सीखा है इन पत्थर की मुर्तीयों से,
भगवान बनने से पहले पत्थर बनना जरुरी है…
*******
मरने वाले को रोने वाले
हजार मिल जायेंगे मगर
जो जिंदा है उसे समजने
वाला एक भी नही मीलता. !!!!!!
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चलने दो जरा आँधियां हकीकत की….
न जाने कौनसे झौंके में अपनों के मुखौटे उड़ जाएं….
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कठपुतली के दर्द को भला किसने जाना है !
डोर नचाती है,खुश होता जमाना है !
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मेरी आधी फिक्र,आधे ग़म तो यूँही मिट जाते हैं,
जब प्यार से तू मेरा हाल पूछ लेती है !!!!
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दुशमन सामने आने से भी डरते थे . . .
और वो पगलि दिल से खेल के चलि गई . .
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जब वो नाराज होता है,
तब मुझे दुनिया की सबसे महेंगी चीज उसकी मुस्कान लगती है…
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बहाना कोई ना बनाओ तुम मुझसे खफा होने का…
तुम्हें चाहने के अलावा कोई गुनाह नहीं है मेरा…!!
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जुआ तो वो खेलते है
जीसे अपनी किस्मत आझमानी है
हम तो किस्मत से ही जुआ खेलते है..!!
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टाईम से आ जाया करो दिल दुखाने
वरना….;
ऐसे तो हम तुम्हें भूलते जायेंगें …..
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हजारों साल बीते,
पर इसका खारापन नहीं जाता,
न जाने किसके आंसू हैं,
समंदर तेरे पानी में..!
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मजबूर जरूर हु पर किसी का गुलाम नहि !!
सलतनत भले हि छोटि है पर
आज भी अकेला सुलतान हु !!
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मौत ने पुछा-
मैं आऊँगी तो, स्वागत करोगे कैसे…!!
मैंने कहा-
राह में फूल बिछाकर पूछुंगा…
कि आने में इतनी देर कैसे…!!!??
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बस एक यही बात उसकी मुझे अच्छी लगती है,,,,
उदास कर के भी कहती है,,,,
तुम नाराज़ तो नहीं हो ना….
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बहुत नजर अंदाज करने लगी हो तुम आजकल..
बाज आ जाओ वरना इन्ही आँखो से ढुढती फिरोगी एक दिन …
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अक्सर पूछते है लोग किसके लिए लिखते हो…
अक्सर कहता है दिल काश कोई होता…
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नाम भी होगा और काम भी होगा
होसला कभी मत हारना,
क्योंकि डूबते सूरज को देखकर लोग दरवाजे बंद कर देते है…
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झूठ कहते हैं लोग कि मोहब्बत सब कुछ छीन लेती है,..
मैंने तो मोहब्बत करके, ग़म का खजाना पा लिया !!
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चलो छोड़ दो हमको मगर इतना बता दो
के तुम मुझे याद करते थे या वक़त बरबाद करते थे…
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हाल पूछती नहीं दुनिया जिंदा लोगों का,
चले आते हैं ज़नाज़े पे बारात की तरह……
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आज कोई एक बुरी आदत छोडनी है..
कमब्खत तय केसै करु..
ना सीगरेट छौड सकता हु ना तुम्है…
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बस इतना जान लो
के तन्हा नही हो तुम…
मैं हूँ कहीं भी लेकिन;
तेरे संग-संग हूँ….!!!
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उमर की राह मे रास्ते बदल जाते हैं वक़्त की आँधी मे इंसान बदल जाते हैं सोचते हैं आपको इतना याद ना करें लेकिन आँख बंद करते ही इरादे बदल जाते है…
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मोहब्बत नही थी तो एक बार समझाया तो होता !!
बेचारा दिल तुम्हारी खमोशी को इश्क समझ बैठा !!
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कुछ तो रहम कर एय संगदिल सनम
इतना तडपना तो लकीरों मे भी न था..
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दुनिया के लिए आप एक व्यक्ति है…
पर परिवार के लिए आप उनकी दुनिया है .
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मेरी हर आह को वाह मिली है यहाँ..
कौन कहता है दर्द बिकता नहीं है…
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इश्क़ पाने की तमन्ना में कभी कभी ज़िंदगी खिलौना बन जाती है;
जिसे दिल में बसाना चाहते हैं वो सूरत सिर्फ याद बन रह जाती है।
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मे तेरी ज़िन्दगी से चला जाऊ ये तेरी दुआथी..!
और तेरी हर दुआ कबूल हो ये मेरी दुआ थी….
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करीब इतना रहो कि रिशतो मै प्यार रहे।
दूर भी इतना रहो कि आने का इन्तजार रहे।
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कितने वर्षो का सफ़र ख़ाक हुआ….
जब उसने पुछा कहो कैसे आना हुआ.,.
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जरा तो शर्म करती तू
मुहब्ब्त चुप चुप के और
नफरत सरे आम ..!!!
*******
में छोड़ तो सकता हूँ लेकिन छोड़ नहीं पाता उसे,
वो मेरी बिगड़ी हुई आदत की तरहा है !
*******
बस 2 दिन की ये जिंदगानी है।
आज तेरी सुनी है कल अपनी सुनानि है।